लखनऊ के पत्रकार प्रभात त्रिपाठी ने अपने वादे के अनुसार एक सितंबर को अपनी संपत्ति की घोषणा कर दी है। उन्होंने साथ में अपनी पत्नी की संपत्ति के बारे में भी ब्योरा दिया है। प्रभात ने अपनी संपत्ति के बारे में जो ब्योर भड़ास4मीडिया के पास भेजा है, उसे यहां प्रकाशित किया जा रहा है। ज्ञात हो कि पत्रकारों द्वारा संपत्ति की घोषणा की पहल प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश ने भड़ास4मीडिया के माध्यम से की। उन्होंने अपने इंटरव्यू में अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया और पत्रकारों से भी ऐसा करने का अनुरोध किया ताकि पत्रकारिता की पवित्रता को बरकरार रखा जा सके। हरिवंश की घोषणा, पहल व अपील के बाद प्रभात खबर के ही पत्रकार संजय यादव ने अपनी संपत्ति घोषित कर दी। अब लखनऊ के प्रभात त्रिपाठी और उनकी पत्नी ममता त्रिपाठी ने अपना वादा निभाया।
उन्होंने पहली सितंबर को संपत्ति की घोषणा कर विभिन्न राज्यों के पत्रकारों पर खुद की संपत्ति का विवरण सार्वजनिक करने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। प्रभात ने संपत्ति का ब्योरा भड़ास4मीडिया के पास एक तारीख को ही भेज दिया था पर इसे आज प्रकाशित कर पा रहे हैं। इस देरी के लिए भड़ास4मीडिया माफी चाहता है।
संपत्ति घोषित करने की यह पहल स्वैच्छिक है। ऐसा करने के लिए किसी पर कोई दबाव नहीं है। दबाव अगर है तो वह नैतिक है। अगर पत्रकार अपनी संपत्ति की घोषणा करना शुरू कर देते हैं तो पत्रकारिता की वे ब्लैक शीप अपने आप दबाव में आ जाएंगी जिन्होंने कुछ ही वर्षों में पत्रकारिता के जरिए अकूत काली कमाई कर ली है। फिलहाल, प्रभात और ममता द्वारा प्रेषित संपत्ति की घोषणा को पढ़ें…
नाम:– प्रभात कुमार त्रिपाठी
पिता का नाम:- स्व. प्रकाश नारायण त्रिपाठी
स्थाई पता:- ग्राम खम्हैला पो.- झीझंका जिला- अकबरपुर, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश।
वर्तमान पता- 2/12 ओफीसर्स कालोनी, कैसरबाग, लखनऊ
मोबाइल नम्बर- 9450410050
उम्र- 47 वर्ष
योग्यता- ग्रेजुएट
पत्रकारिता की शुरुआत- दैनिक देशधर्म, इटावा में डेस्क वर्क में सन् 1984 से। दैनिक देशधर्म इटावा में मात्र 50 रुपये से कार्य की शुरुआत। देशधर्म में सन् 1989 तक कार्य। उसके बाद 1989 से 1991 तक हिमाचल सरकार के (एचपीएमसी) निगम में संविदा पर सेल्स एक्जक्यूटिव पद पर दिल्ली में कार्य। बाद में नौकरी से इस्तीफा देकर फिर 1991 में पत्रकारिता से जुड़ा। दिल्ली की एक पत्रिका में लखनऊ में कमीशन पर कार्य शुरू। 1992 में पत्रिका का कार्य छोड़ा। 1992 से 1995 तक कई अखवारों में संवाददाता के पद पर कार्य। 1995 में इटावा जनपद से कुल 15 हजार रुपये की बचत से पाक्षिक समाचार पत्र ‘जयभारत-जय भारतीय’ का प्रकाशन शुरू किया। बाद में उसे 1998 में आर्थिक संकट के कारण बंद करना पड़ा। इसके बाद ले-देकर 1998 में दैनिक ‘समाजवाद का उदय’ पत्र का प्रकाशन लखनऊ से किया। बीच-बीच में आर्थिक संकट के कारण समाचार पत्र को नियमित निकालने के लिये अपनी पत्नी ममता त्रिपाठी को शादी में मां से मिले पुश्तैनी जेवरात बेचा। कई लोगों से बीच-बीच में सहयोग लिया। डीएवीपी से मान्यता व विज्ञापन मिलने से अब अखवार का नियमित प्रकाशन।
31 अगस्त 2009 तक कुल चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा : नगद- भारतीय स्टैंट बैंक सचिवालय शाखा खाता संख्या 10223105531 में मात्र 3000,00 रुपये शेष। ग्राम खम्हैला जिला कानपुर देहात में पुश्तैनी कृषि योग्य जमीन मात्र 3 बीघा। एलआईसी की एक पॉलिसी वर्तमान में एक लाख रुपये की इटावा एलआईसी शाखा में चल रही है जो सन् 2011 में पूर्ण होगी। पत्रकारिता शुरु करते वक्त एक साईकिल थी लेकिन बाद में हिमाचल की सर्विस में आने के बाद 1991 में टीवीएस सुजुकी मोटर साइकिल यूपी-78 डी 2886 (एलएमसी) कम्पनी से फाइनेंस कराकर खरीदी जो किश्त न दे पाने के कारण व कम्पनी बंद हो जाने के कारण बेचने योग्य नहीं। बाद में 2007 में रिश्तेदार (साले) नवीन दुबे द्वारा एक इस्टीम पुरानी कार डीएल4सीडी 4788 गिफ्ट में दी गयी। मेरे पास शहर लखनऊ सहित पूरे देश में कोई मकान व प्लाट नहीं है। सरकारी मकान में निवास करना मेरी मजबूरी है। मेरे पास इसके अलावा कोई ऐसी अन्य चल-अचल संपत्ति नहीं है जिसका ब्योरा दिया जा सके।
मै घोषणा करता हूं कि उपरोक्त विवरण मेरी जानकारी में पूरी तरह से सत्य और संपूर्ण है।
हस्ताक्षर-
प्रभात त्रिपाठी
दिनांक 1 सितम्बर 2009
पत्नी ममता त्रिपाठी की संपत्ति का ब्योरा (31 अगस्त 2009 तक)
वर्ष 2003 में दैनिक ‘समाजवाद का उदय’ समाचार पत्र का प्रकाशन ममता त्रिपाठी के नाम हस्तांतरित कर दिया गया। 2003 से लेकर अब तक ममता त्रिपाठी इस समाचार पत्र का प्रकाशन आर्थिक संकटों के बावजूद कर रही हैं। इसके अलावा एक और समाचार पत्र दैनिक ‘प्रदेश केसरी’ का प्रकाशन 2008 में शुरू किया गया जो फाइल के रूप में ही चल पा रहा है।
दैनिक ‘समाजवाद का उदय’ समाचार पत्र के नाम भारतीय स्टैट बैंक शाखा नगर माहापालिक से एक लाख रुपये की ब्यवसायिक लिमिट ले रखी है। इसका 31 अगस्त 2009 तक कर्जा एक लाख रुपये। खाता संख्या-30568836252।
दैनिक ‘समाजवाद का उदय’ समाचार पत्र का चालू खाता भारतीय स्टैट बैक शाखा नगर माहापालिका खाता संख्या-300440163303 में। 31 अगस्त 2009 तक बकाया शेष धनराशि 17993 रुपये। एक एलआईसी पॉलिसी एक लाख रुपये की सन् 2008 में करायी गयी जिसकी पहली किश्त के बाद पॉलिसी बंद पड़ी है। रिश्तेदार व मित्रों से प्रकाशन को नियमित बनाये रखने के लिये लगभग तीन लाख रुपये का मौजूदा कर्ज। पास में कोई वाहन नहीं।
2004 में किसी तरह से ज्वेलरी पांच तोला क्रय की गयी जिसकी वर्तमान कीमत 50 हजार रुपये।
लखनऊ के कानपुर रोड स्थित मानसरोवर स्कीम के ओ ब्लॉक मे एलडीए का एक छोटा भूखण्ड 90 वर्गमीटर का किश्तों में लिया गया। इसका निर्माण कार्य अब तक संभव नहीं हो सका है।
मुलायम सिंह की सरकार में सन् 2005 में शासन से आठ लाख रुपये का अनुदान समाचार पत्र के विस्तार के लिये मिला था। इसका सन् 2006 में पूरी तरह से प्रयोग मशीन लगाने में किया गया। सरकारी अनुदान से प्रिटिंग मशीन एचएमटी व प्लेट प्रोसेसिंग, दो कम्पयूटर, एक प्रिंटर तथा कार्यालय की अन्य संपत्ति उस पैसे से क्रय की गयी और कुल मिले पैसे के बाद पूरा सामान 8 लाख 40 हजार रुपये में लाया गया। इसका पूरा ब्योरा शासन को दिया जा चुका है। उक्त अनुदान अगर नहीं मिलता तो समाचार पत्र का प्रकाशन बंद कर देना पड़ता। प्रिंटिंग मशीन का पूरा प्रोजेक्ट डी-281 विभूति खण्ड गोमतीनगर में किराये की दुकान पर प्रभात प्रिन्टर्स के नाम से मौजूद है जिसका निरीक्षण किसी भी समय किया जा सकता है। मशीन लगाने से समाचार पत्र का नियमित प्रकाशन उक्त मशीन मौजूद होने के कारण किया जा रहा है। दोनों समाचार पत्र का प्रकाशन पूरी तरह से संकट में है। वर्तमान समय में दैनिक ‘समाजवाद का उदय’ समाचार पत्र को डीएवीपी, सूचना विभाग व रेलवे से मात्र 20 हजार रुपये प्रति माह की एवज में ही विज्ञापन मिल पा रहे हैं। इसी वजह से समाचार पत्रों का प्रकाशन नियमित बनाये रखा जा रहा है। इसके अलावा मेरी जानकारी में मेरे पास लखनऊ के अलावा पूरे देश में कोई और चल अचल संपत्ति नहीं है।
मैं घोषणा करती हूं कि उपरोक्त विवरण मेरी जानकारी में पूरी तरह से सही व संपूर्ण है।
हस्ताक्षर
ममता त्रिपाठी
1 सितम्बर 2009