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इंटरव्यू

बाजार के नाम पर घटिया खेल में शामिल न होंगे

छोटी-सी मुलाकात

K. Sanjay Singhअब भोजपुरी के लिए जंग शुरू होगी। महुआ, गंगा और हमार टीवी नाम से तीन नए चैनल आ रहे हैं। हिंदी मीडिया के कई दिग्गज इनसे जुड़े हैं। बात हमार टीवी की। इसे लांच करेंगे मशहूर पत्रकार कुमार संजॉय सिंह। वे चैनल के मैनेजिंग एडीटर और हेड हैं। कुमार संजॉय सिंह ने एक मुलाकात में हमार टीवी के पीछे के सपने, उन्हें अमल में लाने के बारे में जानकारी दी।

K. Sanjay Singh

छोटी-सी मुलाकात

K. Sanjay Singhअब भोजपुरी के लिए जंग शुरू होगी। महुआ, गंगा और हमार टीवी नाम से तीन नए चैनल आ रहे हैं। हिंदी मीडिया के कई दिग्गज इनसे जुड़े हैं। बात हमार टीवी की। इसे लांच करेंगे मशहूर पत्रकार कुमार संजॉय सिंह। वे चैनल के मैनेजिंग एडीटर और हेड हैं। कुमार संजॉय सिंह ने एक मुलाकात में हमार टीवी के पीछे के सपने, उन्हें अमल में लाने के बारे में जानकारी दी।

–शुरुआत खुद से करें। पत्रकारिता में कैसे आए?  हमार टीवी के हेड बनने तक की यात्रा कैसे की?

भोपाल में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान ही लिखने का शौक जगा। जब सुरेंद्र प्रताप सिंह के संपादकीय में निकलने वाले  सम्मानित साप्ताहिक रविवार में पहला ही लेख छप गया तो उत्साह बढ़ा। इसके बाद लिखने और छपने का क्रम शुरू हो गया। विधिवत रूप से काम 11 नवंबर 1991 से शुरू किया। हुआ यूं कि जनसत्ता के कलकत्ता एडीशन के लिए बड़ी पैमाने पर भर्ती शुरू हुई। इसके लिए टेस्ट हुआ। इसमें पास करने के बाद मुझे दिल्ली में ही काम करने का मौका मिला। वर्ष 92 की शुरुआत में प्रभाष जी ने जनसत्ता, दिल्ली  के सिटी के दो पेजों को दो हिस्सों में बांट दिया। यमुना आर और यमुना पार। मैंने यमुना पार का प्रभार संभाला। इस दौरान यमुना पार में जनसत्ता का सरकुलेशन साल भर के अंदर दस गुना बढ़ा। ये वो समय था जब पूरे देश में जनसत्ता का सरकुलेशन या तो गिर रहा था या स्थिर था।  यहां वर्ष 96 तक प्रिंसिपल करेस्पांडेंट के रूप में काम करने के बाद भारी मन से जनसत्ता को तब विदा कहा जब प्रभाष जी ने उम्र सीमा की वजह से प्रधान संपादक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 12 दिसंबर 96 को इंडिया टुडे में आ गया। यहीं से 2000 में इसी ग्रुप के न्यूज चैनल आज तक में पहुंचा। 2003 में 2 अक्टूबर को एनडीटीवी में बतौर इनपुट हेड ज्वाइन किया और यहां मार्च 2008 तक रहा। फरवरी 2008 में ही पाजिटिव टेलीवीजन ग्रुप के चेयरमैन और पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह जी ने भोजपुरी के लिए न्यूज चैनल हमार टीवी का प्रस्ताव किया। मुझे लगा कि यह चुनौती बड़ी भी है और बिलकुल नए किस्म की है। देश के अपने समय के सबसे तेज और तुर्श अखबार जनसत्ता, प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे, देश के सबसे तेज कहे जाने वाले चैनल आज तक और गरिमामय व विश्वसनीय माने जाने वाले न्यूज चैनल एनडीटीवी के बाद अब भोजपुरी में ये नया प्रयोग न किया तो हमेशा लगेगा कि कुछ छूट गया।   

–कई भोजपुरी न्यूज चैनल आ रहे हैं। हमार टीवी किस तरह अलग है? इसके पीछे संकल्पना क्या है?

Kr Sanjoy Singh-बाकी चैनलों की तो बात नहीं जानता लेकिन इतना कह सकता हूं कि हमार टीवी शुद्ध रूप से भोजपुरी न्यूज चैनल होगा। इस चैनल का मिशन भोजपुरी इलाके के लोगों की असली छवि व तस्वीर को दुनिया को सामने पेश करना है। अभी तक जो स्थिति है उसमें भोजपुरी  के घटिया गीत-संगीत, दोयम दर्जे की फिल्में और भदेस कामेडी व कमेंट्री ही भोजपुरिया लोगों की पहचान के रूप में बाजार में प्रचलित है। इनके जरिए ही देश-विदेश के दूसरे हिस्सों के लोग भोजपुरी समाज व भोजपुरिया लोगों की पहचान करते हैं। पर वस्तुस्थिति इसके ठीक उलट है। भोजपुरी समाज में जो समृद्ध लोक संगीत परंपरा है,  जो प्रतिभा है, जो मेधा है, जो विजन है, जो समझ है, जो संस्कार है, जो रिश्ते-नाते है, जो सामूहिकता है…वो आपको और कहीं देखने को नहीं मिलेगा। दिक्कत है कि बाजार के दबाव में जिस तरह की चीजें भोजपुरी के नाम पर परोसी जा रही है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है। इस छवि को बदलने का काम हमार टीवी करेगा। इसी के चलते हमने निर्णय लिया है कि चैनल को हिट करने के लिए हम कतई दोयम दर्जे की फिल्मों या वीडियो फिल्मों का सहारा नहीं लेंगे। भोजपुरी फिल्में व गाने कोई नई बात नहीं है। हम स्वस्थ कार्यक्रम पेश करेंगे जिसके जरिए भोजपुरी समाज की असल छवि लोगों तक पहुंचेगी। हम खबरों पर खुद को ज्यादा केंद्रित रखेंगे। इसके बाद अगर कुछ देना होगा तो हम कई नई चीजें देंगे।

रही बात भोजपुरी इलाके की तो बाहर के लोगों ये तो पता है कि देश के पहले राष्ट्रपति भोजपुरिया इलाके से थे,  पर ये नहीं पता होगा कि दिल्ली के पहले उपराज्यपाल एएन झा, पहले चीफ जस्टिस बीएस सिंह, दिल्ली के पहले सीपी महावीर सिंह ये सब भोजपुरिया इलाके के रहे हैं। तो ऐसे ही ढेर सारे तथ्य हैं जिन्हें दुनिया जानती ही नहीं है इसलिए भोजपुरी समाज उपेक्षित पड़ा हुआ है। हम एक मिशन पर हैं। ये मिशन है भोजपुरी समाज की असली छवि दुनिया के सामने लाना और बनी हुई भदेस किस्म की छवि को बदलना।

–हर चैनल का मकसद टीआरपी बटोरकर सफल होना होता है,  आप ऐसा नहीं करेंगे? 

K Sanjay Singhदेखिए, एक चीज बहुत साफ है। बाजार की अनदेखी कोई व्यावसायिक उपक्रम नहीं कर सकता। लेकिन हम मानते हैं कि हम बाजार के नाम पर चल रहे फूहड़ खेल की भर्त्सना पूरी मीडिया और हर सचेत नागरिक को करनी चाहिए। बाजार के नाम पर हम ऐसे किसी घटिया खेल में शामिल होने से इनकार करते हैं। चीजों को हिट करने के लिए घटिया रास्ते पर उतरना बेहद आसान होता है। आप न्यूज बुलेटिन में कुछ सेकेंड्स की ब्लू फिल्म की सीडी लगा दीजिए, देखिए आपकी टीआरपी कहां पहुंच जाती है। तो ये जो तरीका है वो देर तक और लंबा नहीं चलता है। लोग आपकी असलियत जान जाते हैं। हम लोग हमार टीवी के लिए ढेर सारा नया काम करने जा रहे हैं। क्या-क्या कर रहे हैं, इसका खुलासा अभी नहीं करेंगे लेकिन इतना जान लीजिए कि भोजपुरी के लिए हमार टीवी जो करने जा रहा है उसे इतिहास में दर्ज किया जाएगा। इस चैनल के जरिए हम सिर्फ न्यूज चैनल नहीं ला रहे हैं बल्कि भोजपुरी समाज की भाषा संस्कृति परंपरा इतिहास कला साहित्य को एक सुव्यवस्थित स्वरूप व ढांचा प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर हम एक रोड मैप नहीं तैयार करेंगे, बुनियाद नहीं बनाएंगे तो लंबे चौड़े भोजपुरी इलाके की असली छवि दुनिया के सामने लाने जैसा बड़ा काम कैसे कर सकेंगे। तो आप हमार टीवी की लांचिंग को एक साधारण न्यूज चैनल की लांचिंग की तरह मत लीजिए। हम बेसिक व क्वालिटी वर्क कर रहे हैं, हम कतई जल्दी में नहीं हैं। जब तक हम पूरी तरह संतुष्ट व तैयार नहीं हो जाते, तब तक हम चैनल नहीं लांच करेंगे।

–भोजपुरी इलाके को गरीब माना जाता है। यहां के लोग विस्थापित होते रहे हैं। कैसे देखते हैं आप?

-इस देश के राजनेताओं की बेहूदा नीतियों की वजह से भोजुपरी इलाके के लोग काफी झेल चुके हैं और झेल रहे हैं। जमींदारी खत्म करने के नाम पर यहां के किसानों को मारा गया। गांव तोड़ दिए गए। खेती-किसानी की जो परंपरा थी वो तोड़ दिया गया, नतीजा हुआ कि किसान और मजदूर दोनों गांव छोड़कर भागे। उधर, असम में चाय बागान बंगाल में जूट मिलें नेपाल में चावल से जुड़ा कारोबार….ये सब एक एक कर खत्म किए गए या फिर यहां से लोग भगाए गए। इससे मजदूरों के सामने संकट आ गया। तो कुल मिलाकर इस इलाके के लोगों ने विस्थापन और जीविकोपार्जन की पीड़ा बहुत झेली है और इसके लिए नेता लोग जिम्मेदार हैं।

–हमार टीवी कब तक लांच करेंगे और इसका प्रसारण किन इलाकों में होगा?

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K Sanjay Singh-लांचिंग कब होगी, इस बारे में अभी कुछ तय नहीं है। फिलहाल हम लोग नोएडा के इस नए आफिस में 24 जून को शिफ्ट हुए हैं। यहां पर नियुक्तियां लगभग हो चुकी हैं। हमने भोजपुरी इलाके के रहने वाले बेहद सजग और संवेदनशील वरिष्ठ पत्रकारों को अपने यहां बुलाया है। ये लोग भोजपुरी पर कई स्तरों पर काम कर रहे हैं। हम लोग भोजपुरी के अलावा अन्य बोलियों भाषाओं को उनके पूरे सम्मान के साथ जगह देंगे। भोजपुरी में जो विविधता है उसका पूरा सम्मान करेंगे लेकिन एकरूपता के लिए भी प्रयास जारी है ताकि किसी तरह की असंवेदनशीलता व अतार्किकता की स्थिति न रह पाए।

रही प्रसारण की बात तो इस चैनल को दुनिया भर में दिखाने की तैयारी है।  हमारा फोकस एरिया स्पष्ट है। दुनिया के ज्यादातर देशों में भोजपुरी के लोग हैं। इसके चलते हम भोजपुरी इलाके पर केंद्रित तो करेंगे लेकिन इसके प्रसारण को ग्लोबली एसेसबल बनाएंगे ताकि अपनी माटी से दूर रह रहे लोग सच में अपनी माटी और अपनी परंपरा से इस चैनल के जरिए खुद को जोड़ सकें। तभी हमार टीवी का नारा है कि हमार टीवी हमार पहचान है।


((आप अपनी राय [email protected]  पर भेज सकते हैं))

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