प्रिय यशवंत जी, ‘इन अखबारों पर थूकें ना तो क्या करें‘ पढ़ा। सही कहा है आपने। ये पत्रकारिता के लिए काफी शर्म की बात है। पर हमने ऐसा नहीं किया है। हमारे अखबारों को जो विज्ञापन मिल रहा है, उसको हम भी छाप रहे है। लेकिन हमारे किसी रिपोर्टर से कोई भी इस तरह से अपनी बड़ाई नहीं लिखवा सकता है। भले ही हम जागरण-भास्कर नहीं हैं, फिर भी हम अपनी मर्यादायों की पालन कर रहे हैं।
जब मैं इससे पहले बंगाल में था, तो वहां भी प्रभात खबर ने इस तरह का कार्य नहीं किया था। देश के बड़े पत्रकरों को इस मामले में गंभीरता से सोचना चाहिए। नहीं तो हमारी ही बनाई गयी दुनिया में हमको ही ये नेता जी लोग अफसरों के सहयोग से जीने नहीं देंगे।
उदय शंकर खवारे
न्यूज़ एडिटर, डेली अभी-अभी
रोहतक
SUBHAKAR MISHRA
May 17, 2010 at 8:24 pm
PLS DELLY NEWS