कैमरा तोड़ा, पीड़ित पत्रकारों ने प्रेस परिषद, सीएम और मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा : मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) के जिलाधिकारी (डीएम) सच्चिदानंद दुबे को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने एक सैन्य प्रकरण में इटावा से कवरेज करने पहुंचे रिपोर्टरों से गाली-गलौज करने के साथ ही उनका कैमरा भी जमीन पर पटक कर तोड़ दिया। 30 जुलाई 09 को यह वाकया स्टार न्यूज के रिपोर्टर मोहम्मद खालिक, एनडीटीवी के रिपोर्टर अरशद जमाल और पैगाम-ए-उर्दू के संवाददाता हाशिम ऐजाज के साथ हुआ। पीड़ित पत्रकारों ने प्रेस परिषद, मानवाधिकार आयोग और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से घटनाक्रम की लिखित शिकायत करते हुए तत्काल उचित कार्रवाई की गुहार लगाई है। उत्तर प्रदेश में इन दिनों मीडिया कर्मियों के साथ अफसरों और सत्ताधारी नेताओं की बदसुलूकियां वैसे भी आए दिन की बात हो चली हैं। हाल ही में हरदोई जिले की घटना ने तो पूरे मीडिया जगत को झकझोर दिया था, जब बसपा विधायक और पुलिस की सांठ-गांठ से दो पत्रकारों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई थी। और तो और प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक में पत्रकार प्रदेश सरकार और उच्चाधिकारियों की मनमानी से इन दिनों काफी परेशान हैं। छोटे शहरों में तैनात बड़े अधिकारी पत्रकारों के साथ आए दिन किस तरह की मनमानी कर रहे हैं, इसका अंदाजा ऐसे इलाकों के हर उस पत्रकार से लगाया जा सकता है, जो चाहे चैनल से जुडा हो या समाचार पत्र से।
दरअसल, ये बड़े अधिकारी चाहते हैं कि पत्रकार उनके कहे अनुसार खबरें लिखा करें। जो ऐसा नहीं करते, उनको ये सबक सिखाने में जुट जाते हैं। स्टार न्यूज रिपोर्टर मोहम्मद खालिक ने बी4एम को बताया कि सन् 1965 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तानी गोलाबारी से तीन भारतीय टैंक नष्ट कर दिए गए थे। उसमें से एक टैंक लोंगपुर, करहल (मैनपुरी) के फौजी हुकुम सिंह चला रहे थे। उस गोलाबारी की घटना के बाद से हुकुम सिंह का कोई पता नहीं चला कि वह जिंदा हैं या नहीं। एक साल बाद उन्हें भारतीय सेना ने शहीद घोषित कर दिया। उसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी ने हुकुम सिंह की पत्नी को शोकपत्र प्रेषित किया था। साथ ही उनकी पत्नी कमला देवी को हर माह 17 रुपये पेंशन मिलनी शुरू हो गई। उस घटना के 44 साल बाद 1 जून 09 को ‘अमर उजाला’ अखबार में उसी से संबंधित एक खबर छपी, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान के पूर्व मानवाधिकार मंत्री अंसार करनी ने भारत सरकार को पत्र लिखा है।
करनी ने अपने पत्र में बताया है कि एक हिंदुस्तानी कैदी गोपाल दास उर्फ आनंद पत्री उर्फ नसीम गोपाल के नाम से लाहौर की जेल में सजा काट रहा है। सजा 2006 को पूरी हो चुकी है। करनी ने इस बात से पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भी सूचित करते हुए गोपाल को रिहा करने की मांग की। साथ ही भारत सरकार को सूचित किया कि वह इन्हें मुक्त कराने की कार्यवाही करे। अखबार में इस खबर के साथ छपी फोटो फौजी हुकुम सिंह की थी, जिसे कमला देवी ने अपने पति के रूप में पहचान लिया और 15 जून 09 को डीएम मैनपुरी, मुख्यमंत्री मायावती, राष्ट्रपति और रक्षा मंत्रालय को पत्र लिख कर गुहार लगाई कि पाकिस्तानी जेल में कैद उसके पति को मुक्त कराया जाए। इसके बाद भारतीय सैन्य अकादमी ने अखबार में छपी तस्वीर का मिलान किया तो वह हुकुम सिंह फौजी की ही फोटो निकली। अकादमी ने कमला देवी को पत्र भेजकर बताया कि हम पाकिस्तान सरकार से इस संबंध में तत्काल लिखा-पढ़ी कर रहे हैं। यह खबर भी अखबार में प्रकाशित हुई तो डीएम मैनपुरी ने कमला देवी का पत्र भी भारत सरकार को अग्रसारित कर दिया।
मोहम्मद खालिक ने बताया कि इसी मामले पर वह डीएम सच्चिदानंद दुबे के पास खबर कवर करने पहुंचे थे और उनका वर्जन लेना चाहते थे। डीएम बोले कि आप कौन होते हैं वर्जन लेने वाले। मुझे तो कोई कार्यवाही करनी नहीं, फिर वर्जन क्यों दूं? जब उनसे कहा गया कि इस मामले में जिले के वरिष्ठ अधिकारी के नाते आपका पक्ष संकलित होना जरूरी है, यह आपका दायित्व है तो वह बोले कि आप मुझे मेरा अधिकार क्षेत्र बताएंगे? चलिए यहां से। उसी समय सूचनाधिकारी मैनपुरी ने कैमरा पकड़ लिया और डीएम ने कहा- गेट आउट। जब मैंने कहा कि आप नहीं बताएंगे तो हम रक्षा मंत्रालय से बात करेंगे। इसके बाद उन्होंने असहनीय दुर्व्यवहार किया। मुझे उनके चेंबर से बाहर आना पड़ा। चूंकि मुझे अपने चैनल के लिए डीएम का विजुअल भेजना जरूरी था, इसलिए मैं बाहर इंतजार करता रहा। जब डीएम कहीं जाने के लिए बाहर निकले, मैं उनका बिजुअल बनाने लगा। इससे वह आगबबूला हो उठे और मेरा कैमरा छीनकर जमीन पर पटक दिया। खालिक ने बताया कि उन्होंने तत्काल पूरे वाकये से स्टार न्यूज के स्टेट ब्यूरो हेड पंकज झा को अवगत कराया। इस बीच डीएम ने मेरे पीछे इंटेलीजेंस लगा दिया। वे मुझसे पूछताछ करने लगे। माहौल गड़बड़ देख वहां से मैंने तत्काल इटावा लौट कर प्रेस क्लब अध्यक्ष को सारी बात बताई और मुख्यमंत्री मायावती, मानवाधिकार आयोग, भारतीय प्रेस परिषद से लिखित शिकायत की।
बी4एम रिपोर्टर ने जिलाधिकारी का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया लेकिन डीएम ने काल रिसीव नहीं किया।
पीड़ित पत्रकार खालिक द्वारा भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष को भेजा गया पत्र…
सेवा में,
अध्यक्ष महोदय,
भारतीय प्रेस परिशद,
नई दिल्ली।
विषय- जिलाधिकारी मैनपुरी द्वारा अभद्र बर्ताव कर कैमरा छीन तोडने की जांच व कार्यवाही के सन्दर्भ में
महोदय,
निवेदन है कि प्रार्थी स्टार न्यूज टीवी चैनल का क्षेत्रीय संवाददाता है और आज दिनांक 30.07.09 को अपने साथी अरशद जमाल संवाददाता एनडीटीवी व हाशिम ऐजाज संवाददाता पैगाम ऊर्दू के साथ मैनपुरी के जिलाधिकारी श्री सच्चिदानन्द दुबे से मिलने के लिये गया था वहां पर उनसे पाकिस्तान की जेल में बन्द लोंगपुर करहल मैनपुरी के सैनिक हुकुम सिंह की पत्नी कमला देवी के आवेदन के सम्बन्ध में बात करने के लियें दोपहर 1.10 बजे गया था। जिलाधिकारी श्री दुबे ने न केवल मेरे बात करने पर कार्यालय के बाहर आम पब्लिक के सामने जबाब न देने पर गाली गलौज की वरन मेरा कैमरा छीन कर जमीन पर पटक दिया जिससे की वह क्षतिग्रस्त हो गया इस घटना को वहां पर मौजूद सैंकडों लोगों ने देखकर यही कहा कि यह सरासर लोकतंत्र की हत्या है जब एक पत्रकार के साथ जिले का आईएएस अधिकारी ऐसा बर्ताव कर सकता है तो आम जनता के साथ कैसा बर्ताव करेगा। एक आईएएस अधिकारी के इस बर्ताव से मैनपुरी का जनमानस व पत्रकार संघ आहत है।
अत: आपसे आग्रह है कि इस मामले कि अपने स्तर से जांच कराते हुये आईएएस अधिकारी श्री सच्चिदानन्द दुबे के इस असभ्य बर्ताव के लियें उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये। श्रीमान जी इस घटना के दौरान जिला सूचना अधिकारी मैनपुरी श्री शैलेन्द्र कुमार गुप्ता का बर्ताव भी प्रेस का गला घोटने वाला रहा है। हमें भरोसा है कि आप हमारे साथ किये गये अशोभनीय बर्ताव एवं आर्थिक क्षति की पूर्ति करायेंगे।
सधन्यवाद!
प्रार्थी,
(मु. खालिक)
संवाददाता स्टार न्यूज
इटावा
उ. प्र.
प्रतिलिपि-
1. माननीय मुख्यमंत्री महोदया उ.प्र.।
2. श्रीमान अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली।