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संजय ने माखनलाल में रीडर के रूप में ज्वाइन किया

संजय द्विवेदीसंजय द्विवेदी ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के जन संचार विभाग में बतौर रीडर ज्वाइन किया है। संजय इससे पहले जी 24 घंटे छत्तीसगढ़ न्यूज चैनल के ‘एडिटर इनपुट’ हुआ करते थे। इस न्यूज चैनल से हटने के बाद उन्होंने नागपुर से आ रहे अखबार राष्ट्रप्रकाश में बतौर डिप्टी एडिटर ज्वाइन किया। इसी दौरान उन्हें माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल में नियुक्ति हो जाने की सूचना मिली। संजय ने पत्रकारिता की बजाय पत्रकारिता शिक्षण को ज्यादा बेहतर समझा।

संजय द्विवेदी

संजय द्विवेदीसंजय द्विवेदी ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के जन संचार विभाग में बतौर रीडर ज्वाइन किया है। संजय इससे पहले जी 24 घंटे छत्तीसगढ़ न्यूज चैनल के ‘एडिटर इनपुट’ हुआ करते थे। इस न्यूज चैनल से हटने के बाद उन्होंने नागपुर से आ रहे अखबार राष्ट्रप्रकाश में बतौर डिप्टी एडिटर ज्वाइन किया। इसी दौरान उन्हें माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल में नियुक्ति हो जाने की सूचना मिली। संजय ने पत्रकारिता की बजाय पत्रकारिता शिक्षण को ज्यादा बेहतर समझा।

उन्होंने भोपाल पहुंचकर नए कार्यभार को ग्रहण कर लिया है। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के गांव बतासपुर में जन्मे संजय ने बीए लखनऊ विश्वविद्यालय से किया। बी.जे. और एम.जे.एम.सी. की डिग्री उसी माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल से ली जहां अब वो रीडर बने हैं। दैनिक भास्कर, स्वदेश, नवभारत, हरिभूमि जैसे अखबारों में वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुके संजय इससे पहले भी अध्यापन का कार्य रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में रीडर के रूप में कर चुके हैं। सतत लेखन करने वाले और एक प्रखर विश्लेषक के रूप में पहचान बनाने वाले संजय विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों से संबंद्ध हैं।

संजय ने काफी कुछ लिखा पढ़ा है जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है- शावक (बाल कविता संग्रह – 1989), यादें सुरेन्द्र प्रताप सिंह (संपादन – 1977), इस सूचना समर में (लेख संग्रह – 2003), मत पूछ हुआ क्या-क्या (लेख संग्रह – 2003), सर्वेश्वर दयाल सक्सेना और उनकी पत्रकारिता (आलोचना – 2004), सुर्खियां (लेख संग्रह – 2007)। संजय कई तरह के पुरस्कारों से भी नवाजे जा चुके हैं, जो इस प्रकार हैं- म.गो.वैद्य स्मृति रजत पदक (माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा) भोपाल, मध्यप्रदेश- 1995, सृजन-सम्मान, रायपुर द्वारा आंचलिक पत्रकारिता के लिए धुन्नी दुबे सम्मान-2005, अंबिका प्रसाद दिव्य स्मृति रजत सम्मान, भोपाल, मध्यप्रदेश- 2005, पं.प्रतापनारायण मिश्र युवा साहित्यकार सम्मान (भाऊराव देवरस न्यास, लखनऊ द्वारा) – 2006।

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0 Comments

  1. TASVEER NAWAEES Trilochan singh

    January 29, 2010 at 2:01 pm

    bADHAI SANJAY BAHI,,,,AAP JAISE HI LOGON KO IS PESHE ME AANA HOGA TO KAM BANEGA ,,,25 SAAL TAK LKO ME PHOTOJOURNALIST KE TAUR PE KAAM KIYA 2004 SE -2008 TAK MAI BHI AMITY SCHOOL OF COMMUNICATION ME GUEST FACULTY RAHA ,,,AUR AB POORI TARAH JOIN KIYA HAI AS A Senior lecturer ,,, kabhi mera layak koi kaam ho to yaad kare ,,,,i work wd Rashtriya sahar ,hindustan,hindustan times ,indian express ,jansatta exp,,dainik jagran.Tehelka ,,and now with amity lko,,,,,,ap ka anubhav aap ke students ko naye ayam de is kamna ke sath ,,,jaihind

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