शैलबाला-प्रमोद जोशी प्रकरण में नया मोड़ तब आया जब एचटी के एडमिन डिपार्टमेंट में 20 वर्षों से कार्यरत अनिल कुमार तिवारी ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को पत्र देकर प्रमोद जोशी द्वारा शैलबाला को धक्का देने की पुष्टि की। पत्र में अनिल ने आशंका जताई है कि एचटी प्रबंधन कोशिश में है कि शैलबाला मामले में एफआईआर दर्ज न हो। अनिल ने प्रबंधन की पहुंच के बारे में पत्र में लिखा है-‘एचटी मीडिया का प्रबंधक अगर किसी की हत्या करा देंगे तो पता तक नहीं चलेगा।’ पूरा पत्र इस प्रकार है-
सेवा में
श्रीमान
पुलिस आयुक्त
दिल्ली
आदरणीय आयुक्त साहब
मैं हिंदुस्तान टाईम्स के प्रशासनिक विभाग में एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत हूं। गत 22 वर्षों से हिंदुस्तान टाइम्स में कार्य कर रहा हूं।
आदरणीय, गत 22 जनवरी को सुबह ड्यूटी पर पहुंचा और फर्स्ट फ्लोर पर काम करवा रहा था। दोपहर करीब पौने एक बजे हिंदुस्तान की विशेष संवाददाता शैलबाला की चिल्लाने की आवाज आई। मैंने देखा की हिंदुस्तान के सीनियर रेजीडेंट एडीटर प्रमोद जोशी शैलबाला को गैलरी में धक्का दे रहे थे और कह रहे थे कि बाहर का रास्ता उधर है। शैलबाला कह रही थी कि मुझे छूने की कोशिश मत करना। अगर मुझे बाहर निकालना है तो लेडी गार्ड को बुलाओ। तुम मेरा शरीर नहीं छू सकते। उनका चिल्लाना सुनकर लोग वहां एकत्रित होने लगे लेकिन मैनेजमेंट के डर के वजह से किसी की हिम्मत न पड़ी कि प्रमोद जोशी को कुछ कह सके। इसका कारण यह है कि मैनेजमेंट बिना कारण बताए लगभग 38 लोगों को नौकरी से निकाल चुका है।
उस समय शैलबाला शॉक में थीं। लोगों को इकट्ठा होते देख प्रमोद जोशी खिसक गए।
साहब, अगर एक वरिष्ठ महिला पत्रकार के साथ ऐसा हो सकता है तो मेरे जैसे एक छोटे आदमी के साथ मैनेजमेंट क्या कर सकता है, आप खुद सोच लें। प्रमोद जोशी ने कहा है कि शैलबाला के मामले में अनिल तिवारी बहुत बोल रहा है, साले की हेकड़ी निकाल दूंगा। मैनेजमेंट का पूरा प्रयास है कि शैलबाला के मामले में कोई एफआईआर दर्ज न हो। मुझे ऐसा लगता है कि एचटी मीडिया का प्रबंधक अगर किसी की हत्या भी कर देंगे तो पता नहीं चलेगा।
अतः आपसे प्रार्थना है कि कम से कम एक महिला की इज्जत आबरू को जरूर बचाएं।
धन्यवाद सहित
अनिल कुमार तिवारी
डी-78, इंद्रप्रस्थ फेस-1
लोनी रोड, गाजियाबादा
मोबाइल – 9999130480
पुलिस आयुक्त को भेजे गए पत्र की ओरीजनल कापी देखने-पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें– मूल प्रति