पांच न्यूज चैनलों को कृपाशंकर सिंह ने लीगल नोटिस भेजा

घर पर छापे की झूठी खबर प्रसारित करने वाले पांच न्यूज चैनलों को महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने लीगल नोटिस भेजा है. कृपाशंकर के वकील की तरफ से भेजे गए लीगल नोटिस को यहां हूबहू प्रकाशित किया जा रहा है. जिन पांच चैनलों को यह नोटिस भिजवाया गया है उनमें स्टार न्यूज और टीवी9 प्रमुख हैं. अन्य तीन के नाम पता नहीं चल पाए हैं. लीगल नोटिस की मूल प्रति इस प्रकार है…

प्रणय रॉय, आप हमें माफ ही कर दें!

आलोक तोमरडॉक्टर प्रणय रॉय और उनकी धर्म पत्नी राधिका ने नोटिस भिजवाया है। इनकी कंपनी एनडीटीवी की तरफ से ये नोटिस भिजवाया गया है। एनडीटीवी ने ऐसे कामों के लिए एक भारी भरकम कॉरपोरेट कानूनी कंपनी की सेवाएं ले रखी हैं। एनडीटीवी की ओर से लीगल नोटिस मुझे, यशवंत को, एमजे अकबर को, डेटलाइन इंडिया को, भड़ास4मीडिया को, दी संडे गार्जियन को थमाया गया है, मेल के जरिए भी और डाक से भेजकर भी।

सहारा ने भड़ास से मांगा 5 करोड़ रुपये!

भड़ास को एक और नोटिस. इस बार सहारा की तरफ से. सहारा मीडिया ने भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित एक खबर से खफा होकर लीगल नोटिस भेजा है. इसमें 15 दिन में संबंधित खबर हटाने और माफी मांगने को कहा है. ऐसा न करने पर 5 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा झेलने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.

स्टेटमेंट की जगह लीगल नोटिस

कहते हैं कि अगर कहीं अंदर ही अंदर कुछ हो रहा होता है तभी उसका बाहर जोरदार खंडन किया जाता है. पर्ल ग्रुप के न्यूज चैनल पी7न्यूज में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है. पर प्रबंधन बाहर यह जताने-दिखाने की कोशिश कर रहा है कि सब ठीक है. इसी क्रम में पर्ल ग्रुप व पी7न्यूज के लिए काम करने वाली एक लीगल फर्म ने अपने ‘क्लाइंट्स’ की तरफ से एक नोटिस जारी किया है.

आईबीएन7 ने भेजा भड़ास को नोटिस

खबर दिखाने-लिखने वालों की खबरें छपें, ये मीडिया के कई मठाधीशों को पसंद नहीं. इन मठाधीशों का वश चले तो वेब-ब्लाग वालों का गला दबा दें. फिलहाल ये लीगल नोटिस भेजकर डराने-धमकाने जैसा काम कर रहे हैं. कभी मृणाल पांडेय ने नोटिस भेजकर डराया-धमकाया तो कभी स्टार वाले नोटिस भेजकर डराते हैं तो अब आईबीएन7 वालों को घबराहट हो रही है और नोटिस भेजकर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. पता है, आईबीएन7 वालों को क्या बुरा लगा है?

स्टार को भड़ास से चाहिए 10 करोड़

स्टार न्यूज में कार्यरत रहीं सायमा सहर के मेल, बयान और बातचीत पर आधारित जो खबरें पिछले दिनों भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित हुईं, उससे स्टार न्यूज का दिमाग ठिकाने लगा हो या न लगा हो, ये तो नहीं पता लेकिन इतना जरूर है कि उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर वकालत करने वाली एक फर्म को हायर किया और भड़ास4मीडिया को दस करोड़ रुपये देने के लिए नोटिस भिजवा दिया. इस नोटिस में कहा गया है कि सायमा सहर से जुड़ी जो खबरें प्रकाशित हुईं उससे स्टार न्यूज की प्रतिष्ठा को बहुत धक्का लगा है.

आज तक समेत कई चैनलों को नोटिस

legal notice

छात्रों के बाल काटने की घटना को झूठ बताते हुए कालेज ने मानहानि का दावा ठोंका : इलाहाबाद की इलेक्ट्रानिक मीडिया अपने कारनामे के कारण एक फिर चर्चा में है। वजह है यहां के जर्नलिस्टों द्वारा भेजी गई एक खबर, जिसे ढेर सारे न्यूज चैनलों ने जोरशोर से दिखाया और खेला। इज्जत उतरते देख दूसरी पार्टी ने खबर दिखाने वाले सभी छोटे-बड़े, नेशनल-रीजनल न्यूज चैनलों के पास छह पेज का लंबा-चौड़ा कानूनी नोटिस भेज दिया है। मामला इलाहाबाद के पड़ोसी जिले कौशांबी का है। 13 सितंबर को कई न्यूज चैनलों के इलाहाबाद के प्रतिनिधि एक सूचना मिलने के बाद एक जगह एकत्रित हुए और कैमरे आदि के साथ इकट्ठे ही कौशांबी की तरफ रवाना हो गए। 

एचटी से मुकदमा लड़ने में आपका साथ चाहिए

Yashwant Singhकारपोरेट मीडिया, न्यू मीडिया, होईकोर्ट, न्याय, अपील

मूर्ख दिवस की देर रात जो बातें दिमाग को परेशान किए थीं, 2 अप्रैल की सुबह सोकर उठा तो वही चुहल कर रहीं थीं- बंधु, निकल ले हाईकोर्ट की तरफ, मुकदमा लड़ने। पत्नी आईं और बोलीं- आज तो आपको कोर्ट जाना है। मैं भी मुस्कराया, बोला- पूड़ी तरकारी बांध दो, मुकदमा देर तक खिंचा तो दोपहर में कोर्ट में ही पेट पूजा कर लूंगा, उसी तरह, जैसे, हम लोगों के खानदान वाले करते थे। इतना सुनते ही वे चहंक उठीं।

भड़ास पर खबरें न प्रकाशित करने देने का अनुरोध खारिज

एचटी मीडिया बनाम भड़ास4मीडिया : सुनवाई की अगली तारीख 24 जुलाई

शैलबाला-प्रमोद जोशी प्रकरण से संबंधित खबरें भारत के नंबर वन मीडिया न्यूज पोर्टल भड़ास4मीडिया पर पब्लिश किए जाने के खिलाफ एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर केस की पहली सुनवाई आज हुई। वादी एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी की तरफ से दायर केस में भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह और तीन अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है। हाईकोर्ट में दर्ज इस केस संख्या सीएस (ओएस) 332/2009 की सुनवाई हाईकोर्ट के कोर्ट नंबर 24 में विद्वान न्यायाधीश अनिल कुमार ने की।

है कोई मृणाल जी को जवाब देने वाला !

मृणाल पांडेय….इंटरनेट पर कुछेक विवादास्पद पत्रकारों ने ब्लाग जगत की राह जा पकड़ी है, जहां वे जिहादियों की मुद्रा में रोज कीचड़ उछालने वाली ढेरों गैर-जिम्मेदार और अपुष्ट खबरें छाप कर भाषायी पत्रकारिता की नकारात्मक छवि को और भी आगे बढ़ा रहे हैं। ऊंचे पद पर बैठे वे वरिष्ठ पत्रकार या नागरिक उनके प्रिय शिकार हैं, जिन पर हमला बोल कर वे अपने क्षुद्र अहं को तो तुष्ट करते ही हैं, दूसरी ओर पाठकों के आगे सीना ठोंक कर कहते हैं कि उन्होंने खोजी पत्रकार होने के नाते निडरता से बड़े-बड़ों पर हल्ला बोल दिया है।

आपके मान की कीमत इतनी छोटी क्यों है?

दैनिक हिंदुस्तानदेश का मारवाड़ी समुदाय न होता तो आज शायद हिन्दी की दुर्दशा ज्यादा दर्दनाक होती. ज्ञान को पूंजी का आधार ही नहीं बल्कि पूंजी का सम्मान भी चाहिए. मारवाड़ी समाज ने अपनी भाषा को पूंजी का यह सम्मान दिया. देवनागरी लिपी को ऐसा मानद सम्मान देनेवालों में स्वर्गीय के के बिड़ला भी शामिल थे. उनके प्रकाशन समूह हिन्दुस्तान टाईम्स मीडिया ने बाजार की विपरीत आंधी के बीच हिन्दुस्तान का हिन्दी स्वरूप बनाये रखा. अगर दिल्ली की बात करें तो उसके प्रतिद्वंदी (अब शायद नहीं) टाईम्स प्रकाशन ने हिन्दी को हिन्गलिस बनाने की जैसी “साहसिक” पहल की है हिन्दुस्तान लिपी और शब्दों के स्तर पर अपने स्तर को नीचे नहीं उतारा. बिड़ला जी शायद जानते थे तेवर भाषा के कलेवर में ही छिपा होता है, इसलिए इसकी पवित्रता बनाये रखना बहुत जरूरी है.

एचटी ग्रुप ने यशवंत समेत 5 पर किया मुकदमा

दैनिक हिंदुस्तान, दिल्ली के वरिष्ठ स्थानीय संपादक प्रमोद जोशी द्वारा वरिष्ठ पत्रकार शैलबाला से दुर्व्यवहार किए जाने के मामले में नया मोड़ तब आ गया जब एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी ने संयुक्त रूप से दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। सूत्रों के अनुसार शैलबाला के अलावा जिन तीन लोगों को कोर्ट में आरोपी बनाया गया है, उनके नाम हैं- यशवंत सिंह (भड़ास4मीडिया), राजीव रंजन नाग (वरिष्ठ पत्रकार) और अनिल तिवारी (पूर्व एचटी कर्मी)। बताया जाता है कि मानहानि के एवज में एचटी ग्रुप और प्रमोद जोशी ने लाखों रुपये की मांग की है। भड़ास4मीडिया प्रतिनिधि ने प्रमोद जोशी से जब मुकदमे के बाबत फोन पर बात की तो उन्होंने शैलबाला, यशवंत, राजीव और अनिल पर मुकदमा किए जाने की बात को कुबूल किया और इसे संस्थान की रूटीन कार्यवाही का हिस्सा करार दिया।

अनिल उस दिन आफिस में थे ही नहीं : एचटी प्रबंधन

शैलबाला प्रकरण में एचटी के एडमिन डिपार्टमेंट से जुड़े रहे अनिल कुमार तिवारी ने पुलिस कमिश्नर को जो पत्र लिखा, उस पत्र के भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित होने के बाद एचटी प्रबंधन हरकत में आ गया। ग्रुप के लीगल डिपार्टमेंट की तरफ से एक जवाबी पत्र पुलिस कमिश्नर, दिल्ली को भेजा गया है। इस पत्र में दो बातें प्रमुख हैं- शैलबाला-प्रमोद जोशी विवाद के वक्त अनिल मौके पर थे ही नहीं और अनिल कुमार तिवारी 23 जनवरी को एचटी की सेवा से हटाए जा चुके हैं। पत्र के मुताबिक सेवा से हटाए जाने के कारण अनिल पूर्वाग्रह ग्रस्त होकर और ‘फ्रस्टेशन’ के चलते गलत बातें बोल रहे हैं। पुलिस कमिश्नर से अनुरोध किया गया है कि वे अनिल के पत्र पर ध्यान न दें। एचटी प्रबंधन की तरफ से पुलिस कमिश्नर को भेजा गया पत्र इस प्रकार है-

हां, प्रमोद जोशी ने शैलबाला को धक्का दिया : अनिल

Anil Kumar Tiwariशैलबाला-प्रमोद जोशी प्रकरण में नया मोड़ तब आया जब एचटी के एडमिन डिपार्टमेंट में 20 वर्षों से कार्यरत अनिल कुमार तिवारी ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को पत्र देकर प्रमोद जोशी द्वारा शैलबाला को धक्का देने की पुष्टि की। पत्र में अनिल ने आशंका जताई है कि एचटी प्रबंधन कोशिश में है कि शैलबाला मामले में एफआईआर दर्ज न हो। अनिल ने प्रबंधन की पहुंच के बारे में पत्र में लिखा है-‘एचटी मीडिया का प्रबंधक अगर किसी की हत्या करा देंगे तो पता  तक नहीं चलेगा।’  पूरा पत्र इस प्रकार है-

शैलबाला के थाने जाने की आशंका प्रबंधन को थी!

शैलबाला द्वारा प्रमोद जोशी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से पहले ही एचटी प्रबंधन ने बारहखंभा रोड थाने में एक लिखित अर्जी दायर कर प्रबंधन के लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की आशंका जाहिर करते हुए पुलिस को आगाह कर दिया था। एचटी के सीनियर एक्जीक्यूटिव (लीगल) शुवन दास द्वारा थाने में दिए गए पत्र की एक प्रति भड़ास4मीडिया के पास भी है, जिसे नीचे हू-ब-हू प्रकाशित किया जा रहा है। पत्र में कहा गया है कि एचटी प्रबंधन प्रशासनिक आधार पर कुछ कर्मचारियों को संस्थान से बाहर कर रहा है। ऐसे कमर्चारियों की तरफ से प्रबंधन के लोगों के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराए जाने की आशंका है। पत्र में शैलबाला के नाम का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इन्होंने प्रबंधन के कई लोगों को मुकदमें में फंसाने की धमकी दी है।

प्रमोद जोशी के खिलाफ थाने पहुंचीं शैलबाला

दैनिक हिंदुस्तान, दिल्ली के वरिष्ठ स्थानीय संपादक प्रमोद जोशी के खिलाफ शैलबाला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। शैलबाला ने प्रमोद जोशी पर शारीरिक दुर्व्यवहार करने और साजिश रचने का आरोप लगाया है। दिल्ली के बारह खंभा रोड पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में शैलबाला ने कहा है कि वे जब कल आफिस पहुंचीं तो प्रमोद जोशी ने उन्हें इस्तीफे के पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा। हस्ताक्षर करने के बाद जब अपना सामान लेने के लिए सीट की तरफ लौटने लगीं तो प्रमोद जोशी ने धक्का देकर और बांह पकड़कर बाहर जाने वाले रास्ते की ओर बढ़ने को कहा। शैलबाला के मुताबिक प्रमोद जोशी को यह कतई अधिकार नहीं है कि वे किसी स्त्री के शरीर को टच करें। उन्हें इसके लिए महिला गार्ड को बुलाना चाहिए था।