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जरनैल को जागरण ने बर्खास्त किया

बर्खास्तगी का पत्र

दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो में कार्यरत पत्रकार जरनैल सिंह को जागरण प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया है। इससे पूर्व प्रबंधन ने जरनैल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। दैनिक जागरण, नोएडा के मुख्य महाप्रबंधक निशिकांत ठाकुर के हस्ताक्षर से जारी बर्खास्तगी आदेश में अनुशासनहीनता व अनैतिक कार्य को कारण बताया गया है। ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव से पहले (7 अप्रैल 2009) को गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर प्रेस कांफ्रेंस में जरनैल ने जूता उछाल दिया था।  

बर्खास्तगी का पत्र

बर्खास्तगी का पत्र

दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो में कार्यरत पत्रकार जरनैल सिंह को जागरण प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया है। इससे पूर्व प्रबंधन ने जरनैल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। दैनिक जागरण, नोएडा के मुख्य महाप्रबंधक निशिकांत ठाकुर के हस्ताक्षर से जारी बर्खास्तगी आदेश में अनुशासनहीनता व अनैतिक कार्य को कारण बताया गया है। ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव से पहले (7 अप्रैल 2009) को गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर प्रेस कांफ्रेंस में जरनैल ने जूता उछाल दिया था।  

जरनैल दिल्ली में सिख दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर को बरी किए जाने और इस संबंध में किए गए अपने सवालों के संतोषजनक जवाब न मिलने से नाराज थे। जरनैल ने भड़ास4मीडिया से बातचीत में कहा कि जागरण प्रबंधन ने पुलिस के जरिए पीआईबी जर्नलिस्ट का कार्ड उनसे छिनवा लिया है।

बर्खास्तगी का पत्रजरनैल के मुताबिक उन्हें प्रोटेस्ट करने के कारण विक्टिमाइज किया गया है। उन्होंने खुद के पत्रकारीय करियर को नष्ट किए जाने की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया। जरनैल ने कहा कि जागरण प्रबंधन ने जो कदम उठाया है, उससे उनका 1984 के दंगों में हुए अन्याय के खिलाफ लड़ने में भरोसा और बढ़ा है। जरनैल ने बताया कि वे 1984 के नरसंहार को एक्सपोज करने वाली एक किताब लिख रहे हैं। जरनैल के  अनुसार सात अप्रैल की घटना के बाद जागरण के वरिष्ठ लोगों ने उनसे कुछ दिन आराम करने के लिए कहा था। लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उन पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला जाने लगा। जब उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया तो अब उन्हें बर्खास्तगी का पत्र थमा दिया गया है।

जरनैल सिंह ने खुद के बारे में बताया कि उनके परिवार में दो बच्चे हैं- सात वर्षीय बेटा जुझार सिंह और 2 वर्षीय बिटिया मेहर कौर। पत्नी गुरमीत कौर शादी से पहले टीचर हुआ करती थीं। पिता का 2005 में निधन हो चुका है। माता नसीब कौर साथ रहती हैं। जरनैल के परिजन 1947 के विभाजन के बाद लाहौर से उजड़कर दिल्ली में आ बसे थे। जरनैल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पोलिटिकल साइंस में एमए किया और 1995 में वाईएमसीए से जर्नलिज्म का कोर्स करने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आ गए। शुरुआती छह महीने सांध्य टाइम्स के साथ रहे। तीन साल तक एक राष्ट्रीय साप्ताहिक मैग्जीन में कार्यरत रहे और सितंबर 1999 में दैनिक जागरण ज्वाइन किया।

जरनैल का कहना है कि उन्होंने जो कुछ किया उस पर उन्हें गर्व है। हालांकि उनका यह भी मानना है कि एक पत्रकार को कोड आफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं करना चाहिए लेकिन उनका कृत्य पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सिस्टम को सजग करने के लिए था। हजारों सिख परिवार न्याय के लिए 25 साल से इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सिखों से 1984 के दंगों को भूलने का अनुरोध नहीं करना चाहिए। क्या ये लोग मुसलमानों से गुजरात दंगों के लिए भूलने के लिए कह सकते हैं?  जरनैल का कहना कि कांग्रेस और सरकार बजाय भूलने का अनुरोध करने के, हम लोगों को न्याय दिलाने और दोषियों को दंडित करने के लिए काम करे। हम लोग 1984 को नहीं भूलेंगे। यह कोई हल नहीं है। हमें इतिहास से सबक लेने की जरूरत है।

जरनैल को जागरण प्रबंधन ने जो टर्मिनेशन लेटर दिया है, उसकी एक कापी भड़ास4मीडिया के भी पास है। लेटर में जो कुछ लिखा गया, उसे हू ब हू हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं-


To,

Mr. Jarnail Singh

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S/o Sh. S. Singara Singh

R/o D-167, Lajpat Nagar-I

New Delhi-110024

Subject: Letter of removal from Service

Reference is made to our Show Cause Notice dated 09.04.2009 / 20.04.2009 issued to you in respect of mischief of lobbing shoe committed in the press conference of Mr. P. Chidambaram, the then Hon’ble Home Minister, an act unimaginable on the part of a journalist and subversive of basic rules of ethics and discipline. In your reply dated 12.05.2009 you have admitted the same in the following words:

‘भावावेश में मैंने I Protest कहते हुए जूता उछाल दिया था’

Due to your above subversive and in-disciplinary conduct the management has lost confidence in you and it has become impossible for the management to retain you in service.

In the circumstances mentioned here in above you are hereby removed from the service with immediate effect.

Enclosed herewith in the statement of accounts along with a cheque dated 30.06.2009 bearing No. 189398 of Rs. 151447/- in your favour drawn on Axis Bank Mayur Vihar, Delhi towards the full and final settlement of you dues. Please acknowledge the receipt of the same on the Second copy of the letter and send it back to us. You may submit your application form for the payment of gratuity on any working day during office hour.

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For Jagran Prakashan Limited

Nishikant Thakur

Chief Genreral Manager


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