हरिद्वार प्रेस क्लब के अध्यक्ष आदेश त्यागी ने फर्जी स्टिंग के जरिए उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट को ब्लैकमेल करने के आरोप में आज तक के स्थानीय प्रतिनिधि संजय आर्य को क्लब की सदस्यता से निष्कासित कर दिया और चार अन्य पत्रकारों को निलंबित कर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ये चार पत्रकार हैं- रामनरेश यादव, रुपेश शर्मा, मनोज सेठी और आशीष मिश्रा। हरिद्वार प्रेस क्लब में शिकायत खुद मंत्री दिवाकर भट्ट ने दर्ज कराई थी।
इस प्रकरण के बारे में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट का कहना है कि उनके पुत्रवधू की जन्मदिन पार्टी पर शहर की मीडिया से जुड़े लोगों समेत कई गणमान्य जनों को हरिद्वार स्थित आवास पर 4 दिसंबर की शाम आमंत्रित किया गया था। इसमें प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के लोग भी पहुंचे। टीवी न्यूज चैनलों के लोग अपने साथ कैमरा आदि लेकर आए। मंत्री के मुताबिक इन लोगों ने पार्टी में शराब की मांग की लेकिन मद्य निषेध क्षेत्र होने के नाते उन्होंने शराब पिलाने से मना कर दिया। इसके बाद टीवी न्यूज चैनलों के प्रतिनिधियों व कुछ अन्य पत्रकारों ने खुद शराब की व्यवस्था कहीं से की और बगल में स्कूल की छत पर बैठकर सेवन शुरू कर दिया। इन पत्रकारों ने अपने ही हाथों में जाम लेकर वीडियो तैयार कर लिया। मंत्री का कहना है कि उन्हें रात में ये वीडियो दिखाकर इस खबर को न चलाने के लिए पैसों की मांग की गई। इनकार करने पर इस फर्जी वीडियो को स्टिंग बताकर इस आधार पर तैयार कराई गई प्रायोजित खबर को आज तक, सीएनइबी सहित कई चैनलों पर चलवा दिया गया।
इस खबर में एंगिल ये दिया गया कि हरिद्वार जैसे पवित्र शहर में जहां शराब की बिक्री प्रतिबंधित है, वहां मंत्री के घर पर आयोजित पार्टी में मंत्री की मौजूदगी में लोग जाम पर जाम छलकाए जा रहे हैं। चैनलों पर खबर चलने के बाद मंत्री ने अपने घर पर हुई पार्टी की ओरीजनल सीडी प्रेस क्लब अध्यक्ष को दी और पूरे मामले की जांच कराकर न्याय करने की गुहार लगाई। मंत्री का साफ तौर पर कहना है कि पत्रकारों ने खुद पर ही फिल्मांकन कर कहानी बना दी है।
हरिद्वार प्रेस क्लब के अध्यक्ष आदेश त्यागी ने भड़ास4मीडिया को बताया कि मंत्री ने 12 दिसंबर को लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने मीडिया द्वारा चरित्रहनन करने से मानसिक पीड़ा पहुंचने की बात कही है। मंत्री का आरोप है कि पत्रकारों ने ही शराब मंगाई और बाद में उन्हें इसके आधार पर ट्रैप करने की कोशिश की। मंत्री ने घर पर हुई पार्टी की ओरीजनल सीडी प्रेस क्लब को मुहैया कराई है। आदेश त्यागी के मुताबिक इस सीडी में कोई और नहीं, अपने पत्रकार मित्र ही शराब पीते और टलहलते हुए दिख रहे हैं।
आदेश त्यागी के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे तुरंत अनुशासन समिति को सौंप दिया गया। समिति ने मंत्री के घर हुई पार्टी में मौजूद कई लोगों का लिखित बयान लिया। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आज तक न्यूज चैनल के संजय आर्य मुख्य षडयंत्रकारी और चार अन्य पत्रकार साजिश में भागीदार पाए गए। इसी आधार पर इन लोगों पर निष्कासन और निलंबन की कार्रवाई की गई है।
उल्लेखनीय है कि संजय आर्य प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री भी हैं। अन्य जो चार पत्रकार हैं उसमें राम नरेश यादव ‘स्पष्ट आवाज’ नामक अखबार से जुड़े हैं। रुपेश शर्मा पंजाब-हरियाणा के किसी चैनल से जुड़े हैं। आशीष मिश्रा को ईटीवी का प्रतिनिधि बताया जाता है जबकि मनोज सेठी के बारे में बताया गया कि वे एमएच1 से जुड़े हुए हैं। प्रेस क्लब अध्यक्ष आदेश त्यागी का कहना है कि जो स्टोरी न्यूज चैनलों पर चलाई गई उसमें मंत्री को शराब पीते हुए, पैग बनाते हुए, डांस करते हुए कहीं नहीं दिखाया गया है। मंत्री को ब्लैकमेल करने की नीयत से पत्रकारों ने खुद के हाथ में गिलास लेकर फिल्कांकन कर डाला। इन पत्रकारों को प्रेस क्लब की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है।
उधर, सूत्रों का कहना है कि न्यूज चैनलों के प्रतिनिधियों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि मंत्री अपने यहां आयोजित पार्टी की खुद पूरी वीडियो बनवा रहे हैं। यही वीडियो सीडी मंत्री के काम आ गई। इस वीडियो में पार्टी में कहीं भी शराबखोरी के विजुवल नहीं हैं। उधर, मंत्री के घर पर चल रही पार्टी से कुछ दूरी पर, स्कूल की छत पर पत्रकारों ने जो समानांतर पार्टी शुरू की, उसी में विजुअल तैयार कराए और मंत्री के घर की पार्टी के कुछ दृश्य इसके साथ जोड़कर ‘स्टोरी’ तैयार करा दी। इस मामले को लेकर पूरे उत्तराखंड में मीडिया और राजनीति से जुड़े लोगों के बीच हलचल मची हुई है।