Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

सहारा से क्यों भागते हैं मार्केटिंग मैनेजर? राजेश भी गए

राष्ट्रीय सहारा, कानपुर के मार्केटिंग इंचार्ज राजेश श्रीवास्तव ने इस संस्थान के साथ 17 वर्षों तक काम करने के बाद इस्तीफा दे दिया है। उन्हें मार्केटिंग इंचार्ज का प्रभार छह महीने पहले अनिल पांडेय के इस्तीफे के बाद दिया गया था। अनिल पांडेय ने सहारा की मैनेजरी से इस्तीफा देकर जागरण समूह के सेकेंड ब्रांड आई-नेक्स्ट ज्वाइन कर लिया था। अनिल के बाद अब राजेश ने भी इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि राजेश श्रीवास्तव टारगेट पूरा करने के अत्यधिक दबाव से परेशान थे। वे नई पारी किसी नए लांच होने वाले टीवी न्यूज चैनल के साथ शुरू कर रहे हैं। राजेश के जाने के बाद मार्केटिंग प्रभारी का काम फिलहाल यूनिट मैनेजर अमर सिंह ने अपने हाथ में ले लिया है। राष्ट्रीय सहारा, कानपुर में छह महीने में दो मार्केटिंग मैनेजरों के इस्तीफा देने के पहले इस तरह के इस्तीफे राष्ट्रीय सहारा के लखनऊ और देहरादून आफिस में भी हो चुके हैं।

राष्ट्रीय सहारा, कानपुर के मार्केटिंग इंचार्ज राजेश श्रीवास्तव ने इस संस्थान के साथ 17 वर्षों तक काम करने के बाद इस्तीफा दे दिया है। उन्हें मार्केटिंग इंचार्ज का प्रभार छह महीने पहले अनिल पांडेय के इस्तीफे के बाद दिया गया था। अनिल पांडेय ने सहारा की मैनेजरी से इस्तीफा देकर जागरण समूह के सेकेंड ब्रांड आई-नेक्स्ट ज्वाइन कर लिया था। अनिल के बाद अब राजेश ने भी इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि राजेश श्रीवास्तव टारगेट पूरा करने के अत्यधिक दबाव से परेशान थे। वे नई पारी किसी नए लांच होने वाले टीवी न्यूज चैनल के साथ शुरू कर रहे हैं। राजेश के जाने के बाद मार्केटिंग प्रभारी का काम फिलहाल यूनिट मैनेजर अमर सिंह ने अपने हाथ में ले लिया है। राष्ट्रीय सहारा, कानपुर में छह महीने में दो मार्केटिंग मैनेजरों के इस्तीफा देने के पहले इस तरह के इस्तीफे राष्ट्रीय सहारा के लखनऊ और देहरादून आफिस में भी हो चुके हैं।

राष्ट्रीय सहारा, लखनऊ के मार्केटिंग मैनेजर विनोद वर्मा और राष्ट्रीय सहारा, देहरादून के मार्केटिंग मैनेजर पीएस बिष्ट भी इस्तीफा दे चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि इन सभी इस्तीफों के पीछे सिर्फ संयोग नहीं है। कुछ न कुछ अंदरूनी तौर पर ऐसा है जिसके चलते कोई मार्केटिंग मैनेजर लंबे समय तक टिक नहीं पा रहा है। सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन की तरफ से रिजल्ट देने का लगातार बढ़ता प्रेशर मार्केटिंग मैनेजरों की जान सांसत में डाले रहता है और जिसे कहीं कुछ उम्मीद की किरण दिखाई पड़ती है, दबे पांव निकल लेता है।

Click to comment

0 Comments

  1. Biswanath Pratap

    March 25, 2010 at 1:55 pm

    there is lacking of proper communication and coordination between top and lower management that is why it happens with Rastriya Sahara

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement