दुनिया छोड़ गया यह कलाकार ‘लाइव इंडिया’ के क्राइम शो ‘मेरी दीवानगी’ का एंकर भी था : लाइव के दौरान अचानक एक फ्लैश ने मेरे पैरों तले की ज़मीन सरका दी। मुझे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। इस फ्लैश के मुताबिक एक्टर और लाइव इंडिया के कार्यक्रम ‘मेरी दीवानगी’ के एंकर निर्मल पांडे का निधन। पहले तो दिमाग़ में आया कि कहीं ग़लती से तो नहीं चल गया ये फ्लैश, लेकिन अगले ही पल इयर फोन में पैनल प्रोड्यूसर श्याम की आवाज़ ने मुझे बुरी तरह से तोड़ दिया। उसने कहा दादा, निर्मल पांडे नहीं रहे, ह्दय गति रुकने से मुंबई में उनका निधन हो गया है।
बाक़ी चैनल्स पर भी छोटी ख़बर और फ्लैश के तौर पर इस दुखद निधन को जगह मिली लेकिन मेरे और मेरे चैनल के लिए ये एक निजी क्षति भी थी। निर्मल पांडे सिर्फ़ टीवी और फिल्म कलाकार ही नहीं थे बल्कि वो लाइव इंडिया के क्राइम शो ‘मेरी दीवानगी’ के एंकर होने के नाते न्यूज़ चैनल्स का हिस्सा भी थे। इस दुखद खबर को दर्शकों तक पहुंचाते हुए मेरी आंखों में आंसू आना बहुत स्वाभाविक था। निजी तौर पर मुझे भी निर्मल पांडे के साथ एंकरिंग करने का मौक़ा मिला लेकिन उससे भी बढ़कर हर बार शूट के बाद मुलाक़ात में उनकी ज़िंदगी के फलसफों और क़ामयाबी के क़िस्से सुनना भी ज़िंदगी कि अहम यादों का हिस्सा है। मुझे बार-बार पिछली मुलाक़ात के दौरान उनसे हुई वो बातें याद आ रही थी जिसमें वो किसी बड़े प्रोजेक्ट का ज़िक्र कर रहे थे।
महज़ 46 साल कि उम्र में उनका यूं चले जाना एक्टिंग और एंकरिंग की दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। निर्मल जल्द ही एक फिल्म का निर्देशन करने वाले थे और कई बड़े बैनर्स की फिल्म में एक्ट भी कर रहे थे। इसके अलावा वो एक एक्टिंग स्कूल का संचालन भी कर रहे थे। एनएसडी से निकले इस बेहतरीन अदाकार की विदाई दुनिया से इस तरह होगी, इसका अंदाज़ा किसी को नहीं था। शायद भागदौड़ की ज़िंदगी और बढ़ते कंम्पटीशन में ख़ुद को बनाए रखने का दबाव उनकी ह्दय गति रुकने की वजह बना, लेकिन मुझे अब भी विश्वास नहीं होता कि उनके जैसा ज़िंदादिल इंसान इतनी जल्दी टूट सकता है। ‘मेरी दीवानगी’ का आखिरी एपिसोड उन्होंने पिछले शनिवार को ही शूट किया था और इसकी रॉ फुटेज में शूट के दौरान की गई उनकी मस्ती और मज़ाक देखकर अंदाज़ा नहीं होता कि महज़ चार दिन बाद ये शख्स ह्दयगति रुकने की वजह से हमारे बीच नही होगा। सच कहूं तो अब भी भरोसा नहीं होता की निर्मल पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे।
लेखक डा. प्रवीण तिवारी लाइव इंडिया न्यूज चैनल में कार्यरत हैं.
ashwini kumar sharma
February 20, 2010 at 12:54 pm
यशवंत जी मेरी भी निर्मल जी से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में मुलाकात हुई थी तब में दर्शन शास्त्र की पढ़ाई कर रहा था। वो विजय सिनेमा में चल रहे फिल्म समारोह में शिरकत लेने आए थे ।और मैं भी नाटकों से जुड़ा रहा सो उनसे मिलकर बहोत खुशी हुई थी …लेकिन अब जिस जगह पर उनकी मौत हुई मेरी ऑफिस से पास है बावजूद मैं उनके अंतिम यात्रा में शरीक नहीं हो सका इसे आप वक्त का तकाजा कहें या पत्रकारों में मरती संवेदना उन्हे मीडिया में कुछ खास तरजीह नहीं मिल सकी …
अश्वीनी शर्मा
क्राईम प्रोड्यूसर टीवी 9
Hanuman Mishrra
February 20, 2010 at 3:14 pm
Hum chhod chale teri mahfil ko yaad aayen kabhi to mat rona.
parmatma unki aatma ko shanti de
alok mishra
February 22, 2010 at 5:31 pm
hum aapki baharpai nahi kar payege
bhagwan aapki aatma ko santi de