सुसाइड नोट में राइटिंग निरुपमा की : बहुत दिन से निरुपमा हत्याकांड को लेकर कोई खबर नहीं आ रही थी. कल दैनिक जागरण ने एक खबर प्रकाशित की. सुसाइड नोट में जो राइटिंग है, वह निरुपमा की हैंडराइटिंग है. मतलब, निरुपमा ने आत्महत्या की थी? निरुपमा हत्याकांड की खबर छापने की होड़ में पिछले दिनों कुछ अखबारों ने गलत खबरें भी छापी थीं.
पर ये जो खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई है, इसे पढ़कर तो यही लग रहा है कि निरुपमा की हत्या नहीं हुई, उसने सुसाइड नोट लिखकर खुद आत्महत्या कर ली. फिलहाल दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर पढ़ें, और इस मुद्दे पर अगर कोई अन्य जानकारी-सूचना मिले तो उससे हमें अवगत कराएं. -एडिटर
निरुपमा के ही थे सुसाइड नोट
कोडरमा : पत्रकार निरुपमा पाठक की संदिग्ध स्थितियों में मौत के बाद उसके कमरे से बरामद सुसाइड नोट मृतका के ही थे। उसके सुसाइड नोट को पुलिस द्वारा फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी, कोलकाता को जांच के लिए भेजा गया था। वहां से जांच रिपोर्ट आ गई है। कोडरमा के एसपी क्रांति कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने इस बारे में कुछ खास बताने में असमर्थता जताई है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग निरुपमा की होने की पुष्टि हो गई है। इस मामले में जेल में बंद निरुपमा की मां सुधा पाठक के वकील के द्वारा कोडरमा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में जमानत याचिका दायर की गई है। जिस पर 23 जून को सुनवाई होगी। अदालत ने इस सुनवाई में अभियोजन पक्ष को केस डायरी, हैडराइटिंग की फॉरेंसिक रिपोर्ट एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर एक्सपर्ट ओपिनियन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि गत 29 अप्रैल को पत्रकार निरुपमा पाठक की मौत झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरी तिलैया में संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई थी।
घटना के वक्त घर में मौजूद उसकी मां सुधा पाठक ने पुलिस को बताया था कि निरुपमा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की। वहीं दूसरी ओर दिल्ली के एक समाचार एजेंसी में कार्यरत निरुपमा के प्रेमी प्रियभांशु ने आरोप लगाया था कि वह और निरुपमा शादी करना चाहते थे, लेकिन निरुपमा के घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। इसलिए उसकी हत्या कर दी गई। उसी के बाद निरुपमा की मां को गिरफ्तार कर लिया गया था और वह फिलहाल कारागार में हैं। साभार : दैनिक जागरण
anup anand
June 22, 2010 at 4:34 pm
फारेंसिक लैब से निरुपमा के सुसाइड नोट की पुष्टि के बाद यह साफ हो गया है कि उसने आत्महत्या की थी। अब मीडिया जगत के वे लोग क्या मुंह दिखाएंगे जो निरुमपा की हत्या के लिए उसके परिवारीजनों को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। ऐसे लोगों में आपका ‘भड़ास’ भी शामिल था। शायद इसीलिए आपने खीजकर लिखा है, ‘तो मान लें, निरुपमा ने आत्महत्या की थी?’ यानी आपकी चले तो फारेंसिक रिपोर्ट ही बदला दें। अच्छा हो इस फजीहत के बाद पत्रकार बिरादरी मीडिया ट्रायल से बचे और कानून को अपना काम करने दे।
anup anand
June 22, 2010 at 4:35 pm
फारेंसिक लैब से निरुपमा के सुसाइड नोट की पुष्टि के बाद यह साफ हो गया है कि उसने आत्महत्या की थी। अब मीडिया जगत के वे लोग क्या मुंह दिखाएंगे जो निरुमपा की हत्या के लिए उसके परिवारीजनों को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। ऐसे लोगों में आपका ‘भड़ास’ भी शामिल था। शायद इसीलिए आपने खीजकर लिखा है, ‘तो मान लें, निरुपमा ने आत्महत्या की थी?’ यानी आपकी चले तो फारेंसिक रिपोर्ट ही बदला दें। अच्छा हो इस फजीहत के बाद पत्रकार बिरादरी मीडिया ट्रायल से बचे और कानून को अपना काम करने दे।
Sindhu
June 24, 2010 at 12:16 pm
Still things are not clear. It cannot be said that it is a suicide as there are many angles to this case and all have not been solved.
Journalist
June 26, 2010 at 3:19 am
its a plan to divert the attention. She can not commit suicide. She was a courageous girl even a journalist. she will get justice one day. The entire media organization is be with her.