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दुख-दर्द

निरुपमा के प्रेमी प्रियभांशु के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

नीरू की मौत (20) : बलात्कार, धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला : मां सुधा पाठक की याचिका पर कोडरमा की अदालत ने पुलिस को दिए आदेश : कोडरमा पुलिस की टीम ने प्रियभांशु का मोबाइल जब्त किया : काल डिटेल और एसएमएस खंगाले जाएंगे : प्रियभांशु के कमरे से निरुपमा का लैपटाप भी पुलिस ने जब्त किया : बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मां सुधा पाठक पैरोल पर रिहा : दिल्ली में इंडिया गेट पर निरुपमा को न्याय दिलाने के लिए कैंडल लाइट सभा का कल होगा आयोजन : निरुपमा को न्याय दिलाने की लड़ाई कोर्ट-कानून की उलझाव भरी गलियों में जाकर फंसती दिख रही है. पता चला है कि आज कोडरमा की एक अदालत ने पुलिस को आदेश दिया है कि वह निरुपमा के दोस्त प्रियभांशु रंजन के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न का केस दर्ज करे. कोर्ट में गईं थीं निरुपमा की मां सुधा पाठक. उन्होंने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि प्रियभांशु शादी का प्रलोभन देकर उसकी बेटी का यौन शोषण करता रहा.

नीरू की मौत (20) : बलात्कार, धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला : मां सुधा पाठक की याचिका पर कोडरमा की अदालत ने पुलिस को दिए आदेश : कोडरमा पुलिस की टीम ने प्रियभांशु का मोबाइल जब्त किया : काल डिटेल और एसएमएस खंगाले जाएंगे : प्रियभांशु के कमरे से निरुपमा का लैपटाप भी पुलिस ने जब्त किया : बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मां सुधा पाठक पैरोल पर रिहा : दिल्ली में इंडिया गेट पर निरुपमा को न्याय दिलाने के लिए कैंडल लाइट सभा का कल होगा आयोजन : निरुपमा को न्याय दिलाने की लड़ाई कोर्ट-कानून की उलझाव भरी गलियों में जाकर फंसती दिख रही है. पता चला है कि आज कोडरमा की एक अदालत ने पुलिस को आदेश दिया है कि वह निरुपमा के दोस्त प्रियभांशु रंजन के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न का केस दर्ज करे. कोर्ट में गईं थीं निरुपमा की मां सुधा पाठक. उन्होंने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि प्रियभांशु शादी का प्रलोभन देकर उसकी बेटी का यौन शोषण करता रहा.

निरुपमा की मां की याचिका पर अदालत ने पुलिस को प्रियभांशु के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने को कहा है. सुधा पाठक ने याचिका में कहा है कि निरुपमा तीन महीने से गर्भवती थी. प्रियभांशु ने जब शादी करने से ठुकरा दिया तब उसने मजबूरन आत्महत्या करने जैसा कदम उठाया. कई दिनों से पुलिस गिरफ्त में रहीं निरुपमा की मां सुधा पाठक को निरुपमा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तीन दिन के पैरोल पर छोड़ दिया गया है.

सूचना है कि अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने प्रियभांशु के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. प्रियभांशु के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 306, 506 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है जो बलात्कार, धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़े हैं. फिलहाल इस डेवलपमेंट के बाद निरुपमा की मौत का मामला और उलझ गया है. अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि मामला आत्महत्या का है या हत्या का. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि निरुपमा की हत्या की गई है जबकि उसके परिजन लगातार कह रहे हैं कि उसने आत्महत्या की है.

एक अन्य जानकारी के अनुसार प्रियभांशु से पूछताछ करने दिल्ली आई झारखंड पुलिस ने प्रियभांशु का मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया है और इस फोन से हुई बातचीत और मैसेज के डिटेल निकाल तहकीकात करने में पुलिस जुट गई है. पुलिस पता लगाएगी कि मौत के पहले निरुपमा से प्रियभांशु ने क्या बातचीत की और दोनों के बीच आखिरी दिनों रिश्ते कैसे थे.

पुलिस टीम ने प्रियभांशु से करीब चार घंटे तक पूछताछ की. देर रात पुलिस टीम ने मुनीरिका में निरुपमा के कमरे की भी तलाशी ली. इस दौरान प्रियभांशु भी पुलिस टीम के साथ मौजूद था. पुलिस ने वहां से निरुपमा का लैपटाप का कब्जे में लिया है. पूछताछ में प्रियभांशु ने निरूपमा के साथ अपने संबंधों की बात स्वीकार कर ली है. शनिवार को भी टीम प्रियभांशु से पूछताछ करेगी. झारखंड पुलिस इंस्पेक्टर शिव प्रकाश सिंह के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम गुरुवार को ही दिल्ली पहुंची.

उधर, दिल्ली में आईआईएमसी के पूर्व व वर्तमान छात्रों-शिक्षकों ने कल आठ मई को इंडिया गेट पर कैंडल लाइट सभा का आयोजन किया है. इसमें निरुपमा को न्याय दिलाने के लिए इच्छुक सभी लोगों से शामिल होने का अनुरोध किया गया है.

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0 Comments

  1. Dheeraj Prasad

    May 7, 2010 at 12:54 pm

    मै धीरज प्रसाद CNEB न्यूज़ नॉएडा से
    कल की उज्जवल आवाज़ अब कभी नहीं सुनाई देगी, और न ही उसे कुछ दिनों के बाद लोग याद करेंगे, क्योंकि मामला यू ही गरमाता चला जायेगा और लोग एक ही न्यूज़ से बोर हो कर खबर ही देखना बंद कर देंगे क्योंकि ऐसा मै देखता ही आया हूँ, पुलिस जब तक कोई कार्यवाही करेगी तब तक निरुपमा को शायद यह स्वार्थ से भरा समाज भूल जाए|
    हत्या या आत्महत्या करना या करने पर विवश करना यह दोनों ही गुनाह होता है, इस बात से आप सब परिचित हैं| तो फिर, एक बात समझ में मेरे नहीं आ रही है की आखिर दोशी किसे कहा जाय, नीरू के माँ – पिता, को उसके दोस्त को जिसने उसके संग सम्बन्ध बनाए या फिर खुद नीरू को जो यह जानते हुए भी की यह गलत है, वह ऐसा तो नहीं की ज्ञान हिन् थी, उनकी माँ का यह दोष लगाना मै गलत समझता हूँ की उस लडके ने नीरू को ऐसा करने के लिए मजबूर किया , यह एक दम गलत है, नीरू अगर चाहती तो वह किसी और सहपाठी के साथ भी रह सकती थी |
    अगर हम यह कहें की खीरा चाकू पर गिर गया | तो यह शायद गलत नहीं होगा | हम बिना सोंचे समझे ही जो मान में आता है वह बोलते चले जाते हैं, पर असलियत जानने का प्रयास नहीं करते की आखिर सत्य क्या है, और नीरू के ही साथ ही ऐसा क्यों हुआ, नीरू जैसी और भी तो बेटियां अकेली माँ-पिता से दूर रहती है| समाज से एक कदम हट कर चलना कोई गलत नहीं पर,क्योंकि समाज को हम ही बदलते है , पर उसकी कमियों में अपने को शामिल करना गलत है,
    और मै उन माता -पिता व् समाज से यह कहना चाहूँगा की नीरू की खबर को मसाला बना कर न पढ़े, क्योंकि आपके भी घर में बेटी है और उस से भी शायद भूल हो जाए, इस खबर को व इस घटना को आप अपने अंतर आत्मा से ले कर सोंचे की क्या यह ठीक है| और असली दोषी कौन है, और इस दोष के पीछे क्या कारण हुए ?

    धन्यवाद् — आपका मित्र
    धीरज प्रसाद
    CNEB न्यूज़ नॉएडा से

  2. I chandra

    May 7, 2010 at 1:32 pm

    Parmeshwar nirupma ki atma ko shanti de aur nyaypalika gunhgar ko saja de. Pichhle kai dino se Jo log budhijivi ka chola pahnkr bade-bade bhadas nikal rhe the aur bhartiye samajik vyvstha pr ungli utha rhe the unhe ab jawab mil rha hai. Aakhir priyabhanshu apne jaal me fans hi gya. Vo tamam Dhongi , badbole aur ponga pandit log chup kyu hai jo divangat nirupma ki maut par marsiya padh rhe the aur tamam bhartiye parampara aur marriage system ko dhikkar rhe the. Had to tab ho gyi thi jab utsah me aakr kuchh tathakathit budhijivi FREE SEX ki vakalat karne lage the. Vo to achha hua ki samy rhte court ne sahi disha me kadam badhate hue priyabhanshu par mukkdma darj karaya. Is par shak ki sui tb hi ghum gyi thi jab isne nirupma ko pregnent hone ki jankari se inkar kiya tha. Apna daaman bachane ke liye itna bada naatak khela. Lekin bhul gya ki sachai ek din samne ata hai. Aese bahke hue tamam logo se yhi anurodh hai ki GIRLFIEND-BOYFRIEND ki talash me na rhe apne MAATA-PITA ki aankho me jhankr dekhe yhi log hmare sache aur ache friend hai. Jamana chahe jitna badal jaye maata-pita ko nahi badal skte. Kash nirupma apni mami-papa ki baat maan gyi hoti to priybhanshu ke bato me akr ye kadam nhi uthati.

  3. Chandan Srivastava- Faizabad

    May 7, 2010 at 2:39 pm

    निरुपमा की शहादत (शहादत शब्द इसलिए क्यूंकि रूढ़ियों को चुनौती देने वाली एक और लड़की बलि चढ़ गयी) से जुड़े हर खबर, हर विचार को पढ़ा. पर प्रियाभान्शु के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज होने के बाद अब उन्हें और उनके शुभचिंतकों को बहुत सतर्क रहने की जरुरत है. अभियान चलाना तो ठीक है पर कानूनी पेचीदगियों पर अगर गौर न किया गया तो सारी आई गयी प्रियभान्शु के मत्थे चली जाएगी. जैसा की ख़बरों में कहा गया है कि पाठक परिवार मध्यम वर्गीय ठीकठाक संपन्न परिवार है. जाहिर सी बात है कि उन लोगों का कुछ न कुछ रुतबा भी अपने शहर में होगा. रुतबा नहीं तो इतना पैसा या इतने कनेक्शन तो होंगे ही कि राज्य पुलिस की जाँच को प्रभावित कर सकें. क्यूंकि दिल्ली से वहां जा कर प्रियभान्शु और उसके दोस्तों के लिए पैरवी करना और पुलिस की जाँच पर लगातार निगाह रखना कठिन होगा. हो सकता है पाठक परिवार से जुड़े किसी पुलिस अधिकारी ने ही ये राय दी हो कि 156/3 के तहत प्रियभान्शु के खिलाफ रिपोर्ट का आदेश करवा लो क्यूंकि मीडिया का प्रेशर है पुलिस डैरेक्ट एफआईआर नहीं दर्ज करेगी. फिर मीडिया का प्रेशर कम हो जायेगा तो उल्टा प्रियभान्शु के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी. या इस मुक़दमे के सहारे कम से कम प्रियभान्शु को दबाव में तो लिया ही जा सकता है. ऐसी ऐसी कई चालें काले कोट वालों और पुलिस द्वारा चली जाएँगी. इसलिए पहली मांग तो ये उठनी चाहिए कि जाँच राज्य पुलिस के बजाय किसी अन्य एजेंसी के द्वारा करायी जाय. क्यूंकि प्रियभान्शु पर दर्ज हुए मामले में कहीं न कहीं लम्बी और गहरी साजिश की बू आ रही है. तीन महीने का समय होगा पुलिस के पास चार्जशीट दाखिल करने के लिए और ये तीन महीने कई कहानियां गढ़ने के लिए पर्याप्त होंगे.

  4. pankaj kumar sharma

    May 7, 2010 at 2:52 pm

    nirupama ke saath jo unke apne hi maa-baap ne kiya wo kisi bhi angle se maafi layak nahi hai……….. hamare samaj mein aaj bhi khaskar madhyavargiya swarn parivar mein jaativaad poori terah se haavi hai….. jaativaad naamak jonk is terah samaj mein faiel gaya hai ki maa baap ko sirf apni hi pratishtha, izzat nazar aati hai….. issi izzat, pratistha ke liye ve itne neeche gir jaate hain ki apne hi dil ke tukdey ka tukda tukda kar dete hain…… aise vehshi aur darindey mata pita ko sakht se sakht saza milni chahiye…. ek to nirupma ke maa baap ne apni beti ko marva diya, upar se bechaare priyabhanshu ko jhootey case mein fansa diya, ye cheez kisi bhi nazariye se theek nahi hai….. priyabhanshu to nirupma se pyar karta tha aur pyar karna koi buri baat nahi hai……. aaj hamare samaj mein kai nirupama aur priyabhanshu hain, jinhe abhi tak insaaf nahi mil pa raha hai….

  5. पंकज

    May 7, 2010 at 4:03 pm

    कृपया अन्यथा मत लें..ऐसे संवेदनशील मामले पर कुछ कहना काफी खतरनाक होता है. निश्चय ही किसी भी तरह के जुर्म के विरोध में सबको साथ रहना चाहिए. लेकिन फिर भी मैं एक चीज़ कहने से रोक नहीं पा रहा हूं खुद को. अभी मैं निरुपमा और प्रियाभान्शु दोनों का ऑरकुट प्रोफाइल देख रहा था. संयोग से दोनों का स्क्रैप बुक ओपन है. वैसे यह सब जानते हैं कि सार्वजनिक रूप से कोई व्यक्तिगत मामला तो डिस्कस करेगा नहीं फिर भी 20 मार्च के बाद से नीरू की मौत तक यानी डेढ़ महीना तक प्रियाभंशु के प्रोफाइल पर कोई सन्देश ना होना थोडा अजीब लगता है. इसके अलावा मेरे पास कोई सबूत नहीं है फिर भी मै कहना चाहूँगा कि इस प्रोफाइल पर कुछ देर पहले मैंने नीरू का एक स्क्रैप देखा था जो अभी नहीं दिख रहा है. हो सकता है मुझे धोखा हुआ हो लेकिन ये सब भी आज-कल सबूत तो हो ही सकते हैं. और उसकी मौत के बाद कुछ भी डिलीट करना सबूत मिटाना ही समझा जायेगा. उसके दो पुराने स्क्रैप:-

    Nirupama:
    Maine kaha toh tha ki main apni aur sirf apni photo lagaoongi!!!!!!!!!!!!
    I dont want 2 decieve people by remaining in disguise as u hav done!!!!!!! 07/09/2008

    Nirupama:
    kab kya likha thoda clarify karne ki zehmat uthaayenge????????????

  6. कमल शर्मा

    May 7, 2010 at 5:51 pm

    अदालत ने एकदम सही कदम उठाया है प्रियभांशु रंजन के खिलाफ। इस हत्‍या के मामले में इस शख्‍स के खिलाफ जांच और कार्रवाई होनी ही चाहिए। इस मामले में कुछ न कुछ तार रंजन से निश्चित तौर से जुडे हुए हैं।

  7. kk

    May 8, 2010 at 8:11 am

    Bahi yaswant ji aur unke khas aderniya Dhiraj ji aap dono ki mahanta ko pranam karte hue kahna chata hoon ki ” Kuch bhi kahne se pahle sochna chaheye aur aap log to bade patrakar ho. Kal tak aap log pyar ki wakalt kare nazer aa rahe the aub is pyar ko kya kahenge aap ki niru ko aatmhatya ke leye majboor karne wala koi aur nahi uska premi hai . bhaiya ye delhi hai yahaan koi dil nahi lagta gai sub Sharir k bhuke log hai aur aur Pyarr ke naam par niru jasi ladkiyon k leye bhi atmhatya he vikalp banta hai . Aap khud abhi is mnsikta se nahi nikal payee hain .Pyar ki lambi chudi wakalt kane wale log he nirupma ko atm hatya karne par majboor karte hain .Dheerj ji ko patrakrita chod babaon ka chola phen lena cheye logon ko achha updeh dete hain .Sammj ka samna karne ki aukaat nahi ho to ese kaam nahi karne chay e thik hai .ager aap k pri priyabhanshu ji sadi kar lete to aaj hamare bich se ek yuva journalist nahi jati . sara khel kel liya aur unhe nahi pata hai ki niru pama pregnet hai .wo 60 SMS karti hai jawb 1 ka dete hain . uska laptop se sre deta ko uda dena .kahi na kahi ek sajish ki or esara karti hai .aap dono mahannubaon se vinrm anurodh hai ki aap ese pyar ki pairrvi naa karen .

  8. Satya Prakash

    May 8, 2010 at 4:55 pm

    Now the time has come that this case must be investigated by the Higher Investigating Agency . I do appeal all media people that please request the state and the central government for CBI inquiry .and women commission must monitor the development very carefully.Please send numbers of request letters beyond the STATE IMAGINATION for INDEPENDENT INQUIRY by an special team and must include some HONEST JOURNALIST AND SOCIAL ACTIVIST in that investigation team .I don’t have any faith on Jharkhand sate authority .as you all know what they did in the incidence of Abhishek Mishra.NO ONE KNOWS WHAT WAS THE REALITY BEHIND THAT INCIDENCE .and there is another similar type of case happened long time back in punjab and it was again a very high profile case related to a BIGGEST STALWART OF PUNJAB POLITICS .So we should be very careful this time

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