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दुख-दर्द

कहां है मोबाइल? किधर गए थे बाप-भाई??

‘निरुपमा को न्याय अभियान’ से जुड़े लोगों ने कुछ सवाल पूछे हैं. ये वाकई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब जानने की कोशिश पुलिस के लोगों को करनी चाहिए लेकिन पुलिस बुनियादी सवालों का जवाब जानने की जगह कम महत्वपूर्ण सवालों के जवाब खोजने में उलझी है और इससे लगता है कि पुलिस पूरे मामले की जांच को भटकाना चाह रही है. प्रियभांशु के मित्रों ने जो सवाल पूछे हैं, वो इस प्रकार हैं-

‘निरुपमा को न्याय अभियान’ से जुड़े लोगों ने कुछ सवाल पूछे हैं. ये वाकई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब जानने की कोशिश पुलिस के लोगों को करनी चाहिए लेकिन पुलिस बुनियादी सवालों का जवाब जानने की जगह कम महत्वपूर्ण सवालों के जवाब खोजने में उलझी है और इससे लगता है कि पुलिस पूरे मामले की जांच को भटकाना चाह रही है. प्रियभांशु के मित्रों ने जो सवाल पूछे हैं, वो इस प्रकार हैं-

अनसुलझे सवालों का क्या है जवाब?

  1. निरुपमा का मोबाइल फोन कहां है? उसका सिमकार्ड कहां हैं? क्या परिवार उसे छुपा रहा है और अगर छुपा रहा है तो क्यों छुपा रहा है?

  2. उस मोबाइल के सेंट मैसेज में क्या 29 अप्रैल की सुबह 5.39 बजे के बाद कोई एसएमएस था जिसके बारे में पुलिस दावा कर रही है कि निरुपमा ने प्रियभांशु को 29 अप्रैल की सुबह 5.39 बजे से सुबह 7.02 बजे तक 8 एसएमएस किए क्योंकि प्रियभांशु के मुताबिक सुबह 5.39 बजे उसे मिला एसएमएस आखिरी था?

  3. क्या  यह जांच हुई है कि निरुपमा  के पिता और उसके भाई 25 से 29 अप्रैल के बीच कहाँ थे? क्या वे उन दिनों में क्रमशः गोंडा, मुंबई और हैदराबाद में थे या कहीं और? उनके मोबाइल के नेटवर्क मूवमेंट से लोकेशन का पता चल सकता है? क्या पुलिस ने यह सब पता कर लिया है?

  4. निरुपमा की मां, उनके पापा, दोनों भाइयों और करीबी रिश्तेदारों के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल की जांच से क्या सामने आया है?

  5. निरुपमा के कोडरमा आवास पर 27 अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच कौन-कौन  से लोग आए और क्यों आए? क्या पुलिस उन सबसे पूछताछ कर चुकी है?

  6. निरुपमा का 28 अप्रैल को दिल्ली लौटने का टिकट था. लेकिन उसे आने नहीं दिया गया? उसके नहीं आने की क्या वजह थी?

  7. निरुपमा के पिता ने 28 अप्रैल को बिजनेस स्टैंडर्ड ऑफिस में मां  की हालत काफी सीरियस होने का हवाला देते हुए इस्तीफा  की प्रक्रिया के बारे में  क्यों पूछा था? क्या निरुपमा यह फोन नहीं कर सकती थी? मां की तबीयत की गंभीरता के बारे में क्या जांच हुई है क्योंकि निरुपमा को यह कहकर घर बुलाया गया था कि उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई है.

  8. घटना के दिन निरुपमा की मां के बयान में बार-बार बदलाव क्यों आया? वे सच्चाई क्यों छुपा रही थीं?

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0 Comments

  1. जया निगम

    May 10, 2010 at 12:02 pm

    ये ऐसे सवाल हैं, जिन्हे ना ता पुलिस पूछना चाहती है और ना ही लोग। वजह क्या है ? क्या भारत की पुलिस का असली चेहरा है ये? तफ्तीश को ठीक उलटे ढंग से कर के साक्ष्य इकट्ठे किये जा रहे हैं। आखिरकार जब नीरू की मौत उस के घर पर हुई तो सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की जांच प्रियभांशु के दोस्तों की हैंडराइटिंग से करने का क्या औचित्य है? आप के सवालों में कुछ अहम सवाल छूट गये हैं आपको इन्हे भी शामिल कर लेना चाहिए –

    सुसाइड नोट की डेट किसने बटली इसका पता लगायें? चूंकि सुसाइड नोट घर पर था इसलिए वह पहले से तो तैयार कर के ले नहीं गयी होगी .

    घरवालों ने पहले ये क्यों कहा कि उसे करंट लगा है जिससे उसकी मौत हो गयी? अगर ये आत्महत्या था ती तो उन्होने इसे क्यों छिपाना चाहा?

    दुष्कर्म का मामला किस आधार पर बनता है? नीरू और प्रियभांशु दोनों बालिग थे और एक-दूसरे के साथ हमेशा घूमते-फिरते रहते थे। क्या नीरू की माता जी ये कहना चाहती हैं कि एक बलात्कारी आदमी को नीरू एक्सट्रीम स्टेप ना उठाने का एसएमएस करेगी।

    जिन डॉक्टर्स ने पोस्टमार्टम किया था उन में से केवल एक ने खुद को अयोग्य बताया है फिर बाकी के दो डॉक्टर्स की जांच हो कि उन्होने ये लापरवाही क्यों बरती और पुलिस ने रिपोज्ञट मिलते ही तथ्यों की अनुपलभ्धता पर अपनी विरोध क्यों नहीं जताया?

    ये मामला पूरी तरह से घुमाया जा रहा है। उस छोटे से शहर कोडरमा के लोग ब्रांम्हण परिवार की लाज बचाने के लिए एकजुट हो गये हैं। यही वजह है कि बातें सिरे से उलट गयी हैं। निरुपमा की मां शायद अपने शहर के बाशिंदो की नजर में वीरांगना बन चुकी हैं। अगर ये् मान भी ले कि नीरू ने सुसाइड किया है तो आखिर उसको मजबूर किसने किया – घरवालों ने जिन्होने उसका रिजर्वेशन कैंसिल करा दिया।

    प्रियभांशु दोषी है ये बात तर्कों के सहारे गले से नहीं उतरती हालांकि वह बच्चे की बात से अवगत क्यों नहीं था, ये एक रहस्य है। पर वह शादी के खिलाफ था ये सोचना हास्यास्पद है।

  2. alakh niranjan

    May 10, 2010 at 2:37 pm

    हम अहले -आरजू इस बात पर भी राजी हैं,
    सवाल गौर से सुनिए जबाब मत दीजै.
    -अलख निरंजन

  3. dev.b

    May 11, 2010 at 10:12 am

    >:( Kya Priyanshu ke pita nirupama k bare mein pahle se jante the? Kya Priyanshu ke pita shadi k liye razi the? yadi haan to kabhi Unhone nirupama k parents se baat ki ?

    >:( Priyanshu – Niru k physical samabandh kab se the ? Priyanshu ko nirupama k garbhit hone ki baat kyun nahi pata thi , kyun Nirupama Priyanshu se ye baat chupa rahi the?

    >:( Love is about emotion .but Priyanshu ka emotion to 7 deen baad dikh raha hai wo bhi phuk phuk k kadam rakh kar , aisa kyun?

    >:( Priyanshu ko murder k ek ghanta baad hi murder ki baad kaise pata chali ?

    >:( 22 – 28 tak dono sampark mein kyun nahi the ….? Ek mitra k ansur dono mein Jhagda hua that ? eska karan gya tha ?

    >:( Priyanshu ke satement use sharif sabit karte kyun dikhte hei …. Niru ne pahle HI kaha, main 3100 rs shadi ke liye diye …Niru shadi se mana kiya …?

    >:( Phone k is zamane mein Niru k papa ne chitti likha ….aisa kab hota hai ..kya wo priyanshu ko sakhya de rahe the…ya ye ek tute hue pite ki beti se binti thi ..

    >:( Priyanshu durant bachav ki mudra meinkyun aagaye …yahan tak ki niru k room mein jaake chitti li aur aanana fanana mein publish kar diya…kya patkar hoke bhi unhe pata nahi that prooofs khelna gunah hein?

    >:( Priyanshu baar baar kis extreem kadam ki damkhi de raha tha.. aur kyun? jiske liye niru mana kar rahi thi ? kya Priyanshu shadi k liye force karne ya bache ko continue karne k karan ye dhamki de raha tha ?

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