जिन्होंने गलती की, वो माफी मांगें : पंकज

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पंकज पचौरी”हमने इस मामले में शुरू से शक किया” : इशरत जहां मामले में मीडिया, खासकर टीवी न्यूज चैनलों के अंदर बहस शुरू हो गई है। पुण्य प्रसून वाजपेयी के माफीनामे के बाद एनडीटीवी इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार और प्रबंध संपादक पंकज पचौरी ने स्पष्ट किया है कि वे लोग शुरू से ही इस मामले में शक करते रहे हैं। पंकज का कहना है कि जिनहोंने गलती की हो वो माफी मांगें। पंकज ने 18 जून 2004 को एनडीटीवी पर दिखाई गई स्टोरी की स्क्रिप्ट भी भेजी है, जिसे हम यहां पूरा का पूरा प्रकाशित कर रहे हैं। स्क्रिप्ट रोमन में है, इसलिए उसे रोमन के साथ-साथ हिंदी में भी प्रकाशित किया जा रहा है, ताकि पाठक किसी भी तरह की असुविधा से बच सकें। यहां यह उल्लेख आवश्यक है कि इशरत जहां मामले में मीडिया की भूमिका पर सबसे पहले सवाल वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह ने उठाया।

उन्होंने ही इस प्रकरण पर पंकज पचौरी से संपर्क साधा और पंकज से मिले जवाब को भड़ास4मीडिया के पास प्रकाशित करने के लिए भेजा। पंकज का जो पत्र है, उससे साफ जाहिर है कि एनडीटीवी ने इशरत प्रकरण पर न सिर्फ पत्रकारिता के बुनियादी सिद्धांतों का पालन किया बल्कि सनसनी व टीआरपी के चक्कर में न पड़ते हुए, घटना के प्रत्येक पक्ष को जनता के सामने पेश किया।

-एडिटर, भड़ास4मीडिया


ये था नजारा आज मुंब्रा में. उत्तर मुंबई का इलाका जहां सुबह-सुबह अहमदाबाद से घर पहुंचा इशरत शेख का शव. 19 साल की इशरत की मौत मंगलवार को अहमदाबाद में एक पुलिस इनकाउंटर में हुई थी. तबसे मुंब्रा में तनाव बना हुआ है. आज मुंब्रा में बंद रखा गया. इशरत की मां अपनी बेटी का शव लेने अहमदाबाद गई और पुलिस पर इशरत को एक फर्जी मुठभेड़ में मारने और फिर उसके बाद मामले को दबाने का आरोप लगाया।

(बाइट- शमीमा शेख, इशरत की मां… मुझे एक कमरे में ले जाया गया. चार एसीपी थे और एक एडिशनल सीपी था. मेरे वकील को बाहर रखा गया. और मुझे अलग अलग आरोपों को मानने के लिए कहा गया. वर्ना शव नहीं दिया जाएगा.)

इस बीच राजनीतिक पार्टियां इस मामले का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

(बाइट- अबू आजमी, अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी, महाराष्ट्र)

सुबह धीरे-धीरे लोग इकट्ठा होने लगे और दोपहर तक हजारों की तादाद में लोग इशरत के अंतिम संस्कार में शरीक हुए. आखिरी नमाज के बाद इशरत को दफनाया गया. लोगों में गुस्सा साफ नजर आया. हर कोई अपनी बात कहना चाहता था कि इशरत बेकसूर है. इशरत की असली कहानी सामने आने में वक्त लग सकता है. लेकिन इस बीच पार्टियों को राजनीति करने का एक और मौका मिल गया है मुंब्रा में.

योगेश पंवार के साथ रुपाली तिवारी, एनडीटीवी इंडिया के लिए.


((hindi vt)) Yeh tha nazaara aaj Mumbra mein..Uttar Mumbai ka ilaka jahan subah subah ahmedabad se ghar pahuncha..Ishrat Sheikh ka shav.. 19 saal kee Ishrat kee maut..mangalwaar ko ahmedabad mein..ek police encounter mein huee thee….Tab se Mumbra mein tanaav bana hu a hai…Aaj Mumbra mein bandh rakha gaya..Ishrat kee ma..apnee betee ka shav lene ahmedabad gayeen..aur police par ..ishrat ko ek farzee muthbhed mein maarne …aur phir uske baad mamle ko dabaane ka aarope lagaaya…

((bite shamima sheikh..ishrat kee ma…mujhe ek kamre mein le jaya gaya…4 acp the aur 1 additional cp tha..mere vakeel ko baahar rakha gaya…aur mujhe alag alag arope ko maanane ke liye kaha gaya…varna shav nahin diya jaayega))

iss beech Rajneetik partiyan iss mamle ka fayda uthaane mein koi kasar nahin chhode raheen hain..

((bite abu azmi..adhyaksh, samajwadi party, maharashtra))

subah dheere dheere loge ikatha hone lage…aur dopaher tak hazaaron kee taadad mein loge ishrat ke antim sanskaar mein shareek hue…aakhiri namaaz ke baad…Ishrat ko dafnaaya gaya.. Logon mein gussa saaf nazar aaya..har koi apnee baat kehna chahta tha…kee ishrat bekasoor hai… Ishrat kee aslee kahani saamne aane mein wakht lag sakta hai…lekin iss beech partiyon ko rajneetee karne ka ek aur mauka mil gaya hai… Mumbra mein

..Yogesh pawar ke saath rupali tewari..ndtv india ke liye


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