सभी पत्रकार अपनी संपत्ति की घोषणा करें : मैं लखनऊ समेत देश के सभी पत्रकारों से, खासतौर पर जो मान्यता प्राप्त हैं, उनसे उनकी संपत्ति घोषित करने की मांग करता हूं। समाज को पता चलना चाहिए कि इन लोगों ने किस तरह से संपत्ति को अर्जित किया है। हम कितने पाक साफ हैं, इसकी सफाई हमें समाज के सामने देना अब जरूरी हो गया है। हमारे बीच के कुछ लोगों ने खुद हम लोगों के ऊपर प्रश्न चिन्ह लगा दिये हैं। हम कलमनवीस कम समय में अकूत संपित्त अर्जित करके बड़ी-बड़ी आलीशान कोठियों तथा लक्जरी कारों में घूमने लगे हैं। आज से तीन दशक पहले अगर कोई लम्बी दाढी़ और खादी आश्रम का गांधी झोला लिये और एक टूटी-सी साईकिल में जाता दिखाई देता था तो उसे उस समय का ईमानदार कलमनवीस माना जाता था। उस समय लगभग 90 प्रतिशत लोगों के पास स्कूटर नहीं होता था। उन्हें खबर लिखने के बाद भूखे पेट सोना पड़ता था। कपड़े पर प्रेस कराने के लिये पैसे नहीं होते थे।
लेकिन अब क्या स्वरूप सामने आ गया है? हम नेता, नौकरशाहों तथा जजों से उनकी संपत्ति का हिसाब किताब मांग सकते हैं पर क्या खुद नहीं दे सकते? हरिवंश जी और संजय यादव की पहले के बाद अब मैं भी नई शुरुआत का हिस्सा बनने जा रहा हूं। मैं अपनी संपत्ति की घोषणा एक सितंबर को करने जा रहा हूं। अपनी संपत्ति के ब्योरे को मैं खुद अपने अखबार में प्रकाशित करूंग। इसके बाद मैं चाहूंगा कि बाकी पत्रकार भाई भी अपनी संपत्ति उजागर करें। मैं सोचता हूं कि हमारे कुछ साथियों के पास अचानक दो-तीन सालों में इतनी अकूत संपत्ति आखिर कहां से आ गई जिससे वे रातों-रात 17 से 20 लाख तक की गाडियों में घूम रहे हैं। मै उनकी पीत-पत्रकारिता का पूरा चेहरा भी एक सितंबर से क्रमवार तरीके से प्रकाशित करने जा रहा हूं। मैं भड़ास4मीडिया का धन्यवाद करना चाहता हूं कि उसने इतने कम समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। पत्रकारों की संपत्ति का खुलासा समाज में करना चाहिए। इससे आगे चलकर स्वस्थय पत्रकारिता का श्रीगणेश होना शुरू हो जाएगा। अब भी पत्रकारिता के क्षेत्र में ईमानदान नौजवान रिपोर्टर और मालिक आ रहे हैं, यह मेरा मानना है। पत्रकारिता को हमेशा एक मिशन के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि व्यवसाय के रूप में। इसलिए जो भी इस मिशन से जुड़ा है, उसके चेहरे हमेशा खिलते हुये पाक-साफ रूप से समाज में दिखाई दें, यही मेरी कामना है।
भड़ास4मीडिया पोर्टल निष्पक्ष रूप से सभी के पक्ष को प्रकाशित करता है, यही उसकी लोकप्रियता है। मैं इस पोर्टल के माध्यम से सभी खबरों को समय-समय पर ब्रेक करना चाहूंगा जिससे मेरी आवाज देश के उन पत्रकारों तक अवश्य पहुंच सके जो इस पोर्टल को अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिये इस्तेमाल कर रहे है।
लेखक प्रभात कुमार त्रिपाठी लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार हैं. उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.