पाठक संख्या के लिहाज से देश के टाप 25 प्रकाशन
आईआरएस 2008 (राउंड-2) के आंकड़ों का इसी साल के राउंड-1 के आंकड़ों के साथ तुलना करें तो जो तस्वीर उभरती है वह दैनिक जागरण के लिए बहुत दुखदायी है। इससे पता चलता है कि हिंदी मार्केट का शहंशाह होने की ओर दैनिक भास्कर तेजी से बढ़ रहा है। दैनिक जागरण ने पिछले साल के आईआरएस राउंड 2 के आंकड़ों की तुलना में इस साल के राउंड 2 में भले ही भास्कर की तुलना में बहुत ज्यादा पाठक जोड़े हों पर इस साल के राउंड 1 से तुलना करें तो दैनिक जागरण की ग्रोथ घटती हुई दिखाई देती है। आईआरएस 2008 राउंड 1 में जागरण की पाठक संख्या 56557000 थी जो राउंड 2 में बजाय बढ़ने के, घटकर 55743000 रह गई। कुल 814000 पाठक दैनिक जागरण ने खोए हैं।
इसे अगर प्रतिशत में देखें तो पिछले छह महीनों में 1.44 फीसदी पाठक जागरण को बाय बोल चुके हैं। वहीं दैनिक भास्कर ने इस (राउंड 1 और 2 के बीच) अवधि में 5.93 फीसदी नए पाठकों को अपना बना लिया है। आईआरएस 08 के राउंड 1 में भास्कर के पाठक 31937000 थे। वर्ष 08 के राउंड 2 में यह पाठक संख्या बढ़कर 33831000 हो गई। मतलब, कुल 1894000 नए पाठक भास्कर ने जोड़े हैं। दैनिक जागरण ने ही नहीं बल्कि अमर उजाला ने भी पाठक खोए हैं पर प्रतिशत कम है। अमर उजाला ने वर्ष 08 राउंड 1 में आई पाठक संख्या की तुलना में कुल 0.79 फीसदी पाठक वर्ष 08 राउंड 2 में खोए हैं जो दैनिक जागरण से काफी कम है। यह ट्रेंड बताता है कि दैनिक जागरण से उसके पाठक तेजी से भाग रहे हैं।
भास्कर की तरह दैनिक हिंदुस्तान ने भी खूब पाठक जोड़े हैं। हिंदुस्तान ने राउंड 1 की तुलना में कुल 5.83 प्रतिशत नए पाठकों को अपना बनाया है। आईआरएस 2008 राउंड 2 के मुताबिक पाठक संख्या के लिहाज से देश के सभी भाषाओं के अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं को मिलाकर जो टाप 25 की सूची बनता है उसमें सर्वाधिक पाठक खोने वाला प्रकाशन है सरस सलिल। इसने 13.46 प्रतिशत पाठकों से राउंड 1 की तुलना में हाथ धोया है।
टाप 25 के ज्यादातर प्रकाशनों ने राउंड 1 के मुकाबले पाठक संख्या में निगेटिव ग्रोथ पाई है। मतलब, पाठक संख्या कम होना मुख्य प्रवृत्ति की तरह है और इस आंधी में दैनिक भास्कर और हिंदुस्तान के पाठकों में जबर्दस्त बढ़ोतरी भविष्य के उलटफेर की तरफ इशारा करता है। भड़ास4मीडिया के पाठकों की सहूलियत के लिए आईआरएस 2008 के राउंड 2 के कंप्लीट टाप 25 की सूची, राउंड 1 के आंकड़ों के साथ तुलना, नफा-नुकसान का आंकड़ा अंकों में और प्रतिशत में यहां दिया जा रहा है।
शीर्ष 25 प्रकाशन : वर्तमान पाठक संख्या और इसके बढ़ने-घटने की प्रवृत्ति
Rank as in R2 | सभी 25 प्रकाशन (संपूर्ण पाठक संख्या)
| IRS 08R2 | IRS 08R1 | [+/-] | [%] |
1 | दैनिक जागरण | 55743000 | 56557000 | -814000 | -1.44 |
2 | दैनिक भास्कर | 33831000 | 31937000 | 1894000 | 5.93 |
3 | अमर उजाला | 29380000 | 29613000 | -233000 | -0.79 |
4 | हिंदुस्तान | 26633000 | 25165000 | 1468000 | 5.83 |
5 | डेली थांती | 20575000 | 20592000 | -17000 | -0.08 |
6 | लोकमत | 19929000 | 20639000 | -710000 | -3.44 |
7 | दिनकरन | 16825000 | 17008000 | -183000 | -1.08 |
8 | आनंद बाजार पत्रिका | 15393000 | 15569000 | -176000 | -1.13 |
9 | इनाडु | 14411000 | 14724000 | -313000 | -2.13 |
10 | राजस्थान पत्रिका | 13999000 | 13657000 | 342000 | 2.50 |
11 | टाइम्स आफ इंडिया | 13335000 | 13641000 | -306000 | -2.24 |
12 | मलयाला मनोरमा | 12182000 | 12666000 | -484000 | -3.82 |
13 | डेली सकाल | 11633000 | 12273000 | -640000 | -5.21 |
14 | पंजाब केसरी | 10968000 | 11139000 | -171000 | -1.54 |
15 | दिनमलार | 10435000 | 10995000 | -560000 | -5.09 |
16 | मातृभूमि | 9714000 | 10121000 | -407000 | -4.02 |
17 | पुण्य नागरी | 9542000 | 9548000 | -6000 | -0.06 |
18 | विजय कर्नाटका | 9218000 | 9639000 | -421000 | -4.37 |
19 | गुजरात समाचार | 8742000 | 8831000 | -89000 | -1.01 |
20 | सरस सलिल (हिंदी) | 8461000 | 9777000 | -1316000 | -13.46 |
21 | बार्तामैन | 8402000 | 8565000 | -163000 | -1.90 |
22 | कुमुदम | 7014000 | 7445000 | -431000 | -5.79 |
23 | आंध्र ज्योति | 6811000 | 6317000 | 494000 | 7.82 |
24 | कुंगुमम | 6674000 | 7375000 | -701000 | -9.51 |
25 | पुढारी | 6588000 | 6273000 | 315000 | 5.02 |
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