हम सभी जानते हैं कि पेड न्यूज़ अर्थात मालिकों के स्तर पर ही एकमुश्त पैसे लेकर किसी व्यक्ति के पक्ष में प्रायोजित खबरें प्रकाशित करने का रोग आज हमारी पत्रकारिता के लिए एक बहुत बड़े संकट और भारी समस्या के रूप में उभर कर सामने आया है. मैं कुछ दिनों पहले प्रसिद्ध सम्मानित पत्रकार पी साईंनाथ के लखनऊ में आयोजित एक संभाषण कार्यक्रम में गयी थी.
अपने भाषण में साईंनाथ ने कहा था कि हमारी पत्रकारिता और हमारी पूरी व्यवस्था के लिए यदि कोई सबसे बड़ा खतरा है तो वह पेड न्यूज़ है, जिसमे मालिकान एकमुश्त पैसा ले कर खबरें छपवा दे रहे हैं. उन्होंने इसके ना जाने कितने ही वास्तविक उदाहरण दिए थे. मैं उनकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ.
हमारी संस्था इंस्टीट्यूट फोर रिसर्च एंड डॉक्युमेंटेशन इन सोशल साइंसेज (आईआरडीएस) द्वारा “पेड न्यूज़ और भारतीय पत्रकारिता” शीर्षक से लघु शोधपत्र आमंत्रित किये जा रहे हैं. इस शोधपत्र में भारतीय पत्रकारिता तथा पेड न्यूज़ से जुड़े किसी भी आयाम पर अपनी बात लिखी जा सकती है.
लेखक चाहें तो पूरी सम्पूर्णता में इस बिंदु पर अपना आकलन और अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं और यदि वे चाहें तो वे इसके किसी खास आयाम पर अपना शोधपत्र प्रेषित कर सकते हैं. किसी एक उदाहरण पर अपने आप को केंद्रित करते हुए भी यह शोधपत्र लिखा जा सकता है.
इस शोधपत्र को प्रेषित करने की अंतिम तिथि 31 अप्रैल 2011 होगी. शोध पत्र ईमेल द्वारा [email protected] , [email protected] पर अथवा डाक द्वारा निम्न पते पर प्रेषित किया जा सकता है-
लघु शोधपत्र प्रेषित करने के निम्न नियम रहेंगे-
1. शोधपत्र को प्रेषित करने की अंतिम तिथि 31 अप्रैल 2011 होगी.
2. शोधपत्र दिए गए ईमेल अथवा बताए गए पते पर डाक द्वारा भेजा जा सकता है.
3. शोधपत्र की अधिकतम शब्द सीमा 5000 शब्द होगी जबकि इसमें न्यूनतम 1500 शब्द होने चाहिए.
4. शोधपत्र प्रेषित करने वाले अपना नाम, पता, ईमेल, फोन नंबर आदि साथ में अवश्य प्रेषित करेंगे.
5. शोधपत्र हर कीमत में मौलिक होनी चाहिए और कहीं अन्यत्र छपी नहीं होनी चाहिए.
6. पुरस्कार हेतु सर्वश्रेष्ठ शोधपत्रों का चयन करने का अंतिम अधिकार आईआरडीएस का होगा.
सर्वश्रेष्ठ दो लघु शोधपत्रों को निम्न रूप से पुरस्कृत किया जाएगा-
प्रथम पुरस्कार– दो हज़ार रुपये
द्वितीय पुरस्कार– एक हज़ार रुपये
साथ ही सर्वश्रेष्ठ लघु शोधपत्र मूल रूप में यशवंत जी के सौजन्य से भड़ास4मीडिया में भी प्रकाशित किया जाएगा.
डॉ. नूतन ठाकुर
सचिव, आईआरडीएस
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
Shripal Jain
March 28, 2011 at 10:17 am
Dear Dr. Nutan Thakur,
The prize money is so negligible that a few people will write the research paper. At least, it should have been Rs 25,000 & 15,000. It is a suggestion only, not to discourage you.
– SHRIPAL JAIN
पंकज झा.
March 28, 2011 at 10:29 am
कृपया एक गलती को सुधार लें. अप्रैल तीस दिन का ही होता है. इसमें दो जगह 31 अप्रैल लिखा हुआ है. इस टिप्पणी को प्रकाशित ना करें बस सुधार देने का निवेदन.