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रवीन ठुकराल का कद और काम बढ़ा

[caption id="attachment_18053" align="alignleft" width="96"]रवीनरवीन[/caption]: पहली को इंडिया न्यूज (बिहार-झारखंड) लांच होगा : रवीन की अगुआई में री-लांच होगा इंडिया न्यूज नेशनल : इंडिया न्यूज (हरियाणा) चैनल के प्रबंध संपादक रवीन ठुकराल का कद बढ़ा दिया गया है. प्रबंधन ने ठुकराल को इंडिया न्यूज नेशनल चैनल की भी कमान सौंप दी है. सूत्रों ने बताया कि रवीन ठुकराल की अगुवाई में इंडिया न्यूज प्रोफेशनल तरीके से अपनी री-लांचिंग करेगा.

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: पहली को इंडिया न्यूज (बिहार-झारखंड) लांच होगा : रवीन की अगुआई में री-लांच होगा इंडिया न्यूज नेशनल : इंडिया न्यूज (हरियाणा) चैनल के प्रबंध संपादक रवीन ठुकराल का कद बढ़ा दिया गया है. प्रबंधन ने ठुकराल को इंडिया न्यूज नेशनल चैनल की भी कमान सौंप दी है. सूत्रों ने बताया कि रवीन ठुकराल की अगुवाई में इंडिया न्यूज प्रोफेशनल तरीके से अपनी री-लांचिंग करेगा.

प्रबंधन ने बुधवार रात अपनी उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया. रवीन ठुकराल को मीडिया के सभी प्रोजेक्ट को हेड करने का जिम्मा सौंप दिया गया है. वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकार को इंडिया न्यूज (बिहार/झारखंड) में सलाहकार का जिम्मा सौंपा गया है. बिहार-झारखंड चैनल भी लांचिंग रवीन ठुकराल के निर्देशन में 1 अक्तूबर को होगी. बताया जा रहा है कि बिहार चुनाव के दौरान चैनल को बहतर स्थिति मिलने के बाद उसे यूपी और उत्तरांचल सहित उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी लाया जाएगा. इंडिया न्यूज से जुड़े लोग मान रहे हैं कि रवीन के कमान संभालने से चैनल को नये रूप में गढ़ने और प्रोफेशनल्स को महत्व मिलने की उम्मीद बंधी है. इसमें नई भर्तियों से युवा पत्रकारों को अच्छा अवसर मिलेगा.

रवीन ठुकराल की अगुआई में आज समाज के चंडीगढ़ और अंबाला संस्करणों की शुरुआत 20 दिसंबर को हुई थी. आईआरएस की रिर्पोट के मुताबिक इस वक्त आज समाज यहां दो लाख आठ हजार प्रतियों के साथ सबसे अधिक प्रसार वाला समाचार पत्र बन गया है. उन्होंने इंडिया न्यूज का पहला रीजनल चैनल इंडिया न्यूज हरियाणा के नाम से शुरू किया जो हरियाणा में नंबर 1 पर पहुंचा. दोनों से प्रबंधन को अच्छा रेवेन्यू और रिस्पांस मिला जिससे रवीन ठुकराल का कद काफी बढ़ गया.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रवीन हिंदुस्तान टाइम्स में राजनीतिक संपादक और ‘द ट्रियून’ के सिटी एडिटर भी रहे हैं. वह एचटी के प्रमुख संवाददाता के अलावा पैट्रियाट नई दिल्ली के चीफ रिपोर्टर भी रहे. वह इन्वेस्टीगेटिव रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने और दबाव में न आने वाले संपादक माने जाते हैं.

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0 Comments

  1. khabri allhabadi

    September 9, 2010 at 8:25 am

    मीडिया बंधुओं इंडिया न्यूज हरियाणा का कद रवीन ठुकराल की वजह से नहीं बढ़ा है…बल्कि नेशनल न्यूज चैनल के सत्तर से अस्सी फीसदी प्रोग्राम चलाकर बढ़ा है… जिसके चलते ही इंडिया न्यूज हरियाणा में नंबर वन हुआ है…रही बात इंडिया न्यूज नेशनल के रीलॉन्चिंग की…तो इंडिया न्यूज नेशनल के डेस्क पर काम करने वालों की सैलरी बढ़ाओ…वो ही चैनल की रीड़ होते हैं ना कि ऊपर पदों पर बैठे लोग… काम डेस्क के लोग ही करते हैं.. दूसरे नहीं.. नेशनल में कई ऐसे लोग हैं जिनकी पिछले दो साल से सैलरी नहीं बढ़ी.. इसी वजह से उन्होंने इंडिया न्यूज को अलविदा बोल दिया.. उन लोगों से बेहत्तर शायद ही लोग आएंगे….इसलिए पहले इंडिया न्यूज के एमडी और ग्रुप एडिटर अपनी रीड़ की ध्यान रखें… खासकर चमचा लोगों की विशेष कृपा से दूर रहें…तभी चैनल का भला होगा…..

  2. somveer sharma bhiwani

    September 9, 2010 at 1:42 pm

    bahut hi acha laga news padhkar.raveen sir Aaj samaj & india news haryana ko apni kabiliyet ke dum per no 1 par la chuke hai.unko dero shubkamnaye
    somveer sharma
    aaj samaj,bhiwani
    9354186304

  3. Ajay Shukla

    September 9, 2010 at 2:18 pm

    बधाई हो बॉस, चाटुकारिता करने वालो को कम करने वाले भी वैसे ही दिखते है, रामचरित मानस मे लिखा है..जाकी रही भावना जैसी.. हर कम करने वाला आप क साथ है, मैदान फतह करिए.जय श्री गणेश

  4. mukund

    September 9, 2010 at 2:49 pm

    sir badhaiiiiiiiiiiiiiiiiiii. mukund

  5. mukund

    September 9, 2010 at 2:50 pm

    badhai sir

  6. anjana

    September 10, 2010 at 6:13 am

    खबरी इलाहाबादी ने बिल्कुल ठीक कहा है… रवीन ठुकराल जी की वजह से हरियाणा नंबर वन बिल्कुल भी नहीं हुआ… 1 या 2 बुलेटिन को छोड़ दें तो हरियाणा के अपने बुलिटेन जो चलते हैं… उनकी क्वालिटी और कंटेंट का स्तर इतना घटिया है कि चैनल गर्त में पहुंच जाता… वो तो भला हो… नेशनल चैनल का जिसकी बदौलत वो नंबर वन हुआ… और उसके बाद विनोद शर्मा जी… जो चैयरमैन है… टीआरपी दिखाकर कहते हैं कि देखो नेशनल वालों… हरियाणा नंबर वन हो गया.. अरे ये तो बच्चा भी समझ सकता है कि हरियाणा नंबर वन क्यों हुआ… इंडिया न्यूज की जो टीम बनी थी…वो बेहद शानदार थी… इंडस्ट्री के शानदार लोग वहां पर आए थे… लेकिन एमडी साहब कार्तिक शर्मा के नासमझी भरे फैसलों ने चैनल की लुटिया डूबो दी… पहले वो एक गलत फैसला करते हैं… फिर कुछ महीनों तक ऑफिस में दर्शन नहीं देते… फिर उन्हें लगता है कि अरे यार ये तो गलत हो गया… फिर अपनी उस गलती को सुधारने के लिए नयी गलती करते हैं…और ये सिलसिला तब से चला आ रहा है जब से चैनल खोला है… आज समाज नंबर वन अख़बार हो गया… तो ज़रा बताएं कि उससे कितना रेव्यन्यू मिल रहा है… 50 पैसे का अखबार निकाल कर मालिक की वाट लगा दी है… कार्तिक शर्मा जी को सलाह है कि अब भी अपनी नासमझी समझें.. और चैनल को प्रोफशनल और ईमानदार लोगों के हाथों में दें… ना चाटुकारों के हाथोेमें…

  7. nirupam soni

    September 10, 2010 at 1:19 pm

    बधाई हो सर

  8. mithilesh

    September 11, 2010 at 11:59 am

    bhadhai ho sir:D

  9. vikaas kumar

    September 11, 2010 at 3:59 pm

    hame pata hai yashwant ji hamare is comment ko aap nahi chhapenge kyonki ab aap me bhi dalali aur chamchagiri ki durgandh ane lagi hai par sach chhupane ya nahi chhapane se chhupti nahi….. vikaas

  10. जीतेंद्र 'जीत'

    September 16, 2010 at 2:21 pm

    बहुत-बहुत बधाई हो सर.
    आप इसी तरह कामयाबी की सीढ़ी चढ़ते रहिये आलोचनाओं की फिक्र न करें. आलोचना तो तरक्की का सूचक होती हैं.

  11. sunil monga

    September 19, 2010 at 3:16 pm

    रवीन जी बधाई के पात्र हैं … प्रिंट से आ कर भी उन्होंने इंडिया न्यूज़ हरियाणा को नए ढंग से बुलंदियों तक पहुचाया है …दिल्ली से चेनल और चंडीगढ़ से अखबार संभालना कोई मजाक नहीं है ….उन के अनुभव और नजरिये से बिहार /झारखण्ड और इंडिया न्यूज़ के भी सफल होने की पूरी उम्मीद है ….वे कम्पनी के लिए लक्की हैं …..

  12. rajnitimatkaro

    October 16, 2010 at 6:40 am

    इस कहानी और कलाकारों का किसी भी जीवित और मृतिक और किसी संसथान से कोई लेना देना नहीं है !
    कहानी का शीर्षक है :- जमूरे एक चैनल खोलना है ,जमूरे अब अखबार भी तो चलाना है पार्ट २ !

    हाँ तो अब आप सारे सोच रहेंगे होगे की यह किस शहर की कहानी है ,तो शहर है दिल्ली ,किस चैनल की कहानी है तो चैनल का नाम है : भिन्डिया न्यूज़, जो अभी अभी बिहार का एक रिजनल चैनल लौंच कर चूका है , वैसे तो इस चैनल और अखबार को कोई भी नाम दे सकते हैं ,जैसे की तेर्मिन्टर न्यूज़ ,भोकाली न्यूज़ , एक्सपेरिमेंट न्यूज़ , कांग्रेस न्यूज़ , पर मालिकों ने सोच समझ कर इसका नाम रखा भिन्डिया न्यूज़ , क्योंकि अब मालिकों ने सोच लिया था की पूरे मीडिया जगत के लोगों से बदला लेना है , इस कहानी के मुख्य कलाकार हैं ,श्री कुच्राल ,श्री काकेश शर्मा , श्री फादिल ,श्रीमती सामना और बहुत सारे लोग , तो एक दिन जमूरे ने सोचा की तम ले अक्जर को ला कर चैनल की बिगड़ी होई हालत को सुधारें , खूब जोर शोर से तयारी शुरू होई , कुल ७ लाख खर्च कर साहब का कमरा तेयार करवाया गया , साहब आये कमरा देखा और निकल गए ? क्यूंकि वो कमरा उनके लायक नहीं था या संस्था ?, फिर खबर आई की साहब अब आ नहीं रहे , तब तक साहब को ज्ञान मिल चूका था की भिन्डिया न्यूज़ में आने से उनके सर पर बचे बाल भी उड़ जायेंगे ,इस चैनल की इस दुखदाई हालत के लिए मालिक और उनके वफादार नौकर जिमादर हैं , मालिक ने अब सोचा की कैसे अपनी इज्ज़त बचाएँ उन्होंने फैसला किया की श्री कुच्राल को लाना ही समझदारी है , क्योंकि इससे दो मकसद पूरे होते , इक श्री कुच्रल प्रेशर में आते ,और मदारी भी शांत रहता , अब श्री कुच्राल का साथ देने पहुंचे श्री काकेश शर्मा जो ब्लुफ्फ्मास्टर के नाम से पूरी मीडिया जगत में मशहूर हैं , इन्होने फिन्दुस्तान को लूटने के बाद कल बर्बाद के नाम के अखबार में चिरकुट इ ऑफिसर (सी इ ओ ) ज्वाइन किया , अखबार रद्दी करना इनकी आदत ,फर्जी विज्ञापन डलवाना इनका पेशा ,ब्लुफ्फ़ मरना इनकी फितरत और राम नाम जपना पराया माल अपना मूल उदेष , चलिए इनकी जितनी तारीफ करी जाये कम है , पर यह क्या कहानी में फिर ट्विस्ट ,वोही हुआ जिसका सबको डर था जमोरा गुट और काकेश गुट में लड़ाई चिद्दी , काकेश ने जमोरे के आदमी को मारा , और जमोरे ने काकेश के , पर अंत में नुक्सान गरीबों का हुआ , मैं आपको याद दिला दूं की भिन्डिया न्यूज़ एक मात्र ऐसा चैनल है जहाँ पर नौकरी के नाम पर दुत्कार ,काम के नाम पर राजनीती ,म्हणत के बदले बांस मिलता है ,चलिए आगे बड़ते हैं श्री कुच्राल की हिम्मत बदने लगी ,उसको सीमा में रखने के लायी गयी श्रीमती सामना ,जो पेज ३ पार्टियों की जान हैं ,उन्होंने आते ही श्री कुच्राल पर हमला कस्सा ,कहा जाता है की श्री कुच्राल आज कल मानसिक रूप से तनाव में हैं ,यह जमूरा क्या चाहता है किसको क्या पता ,पर भिन्डिया न्यूज़ का मोरल ऑफ़ थे स्टोरी है एक आदमी के खिलाफ एक आदमी ,यह तरीका अगर इंडियन हाकी टीम अपनाती तो गमेस में स्वर्ण पदक लती , पर अफ़सोस जमोरा वहां कप्तान नहीं था ,क्या आप सब को नहीं लगता की भिन्डिया न्यूज़ में काम करने वाले सभी साथी किस्से दबाव में हैं ? यह राजनीती कब रुकेगी , कब एक भी आदमी यह कहेगा मेरी नौकरी सफे है ………

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