राष्ट्रीय सहारा में बदलाव का दौर जारी है। लखनऊ के बाद अब राष्ट्रीय सहारा, देहरादून के स्थानीय संपादक का तबादला कर दिया गया है। सहारा देहरादून यूनिट के आरई राजेश श्रीनेत अब सहारा के नोएडा मुख्यालय बुला लिए गए हैं। बताया जाता है कि उनका तबादला प्रशासनिक वजहों से किया गया है। उधर, राष्ट्रीय सहारा के लखनऊ के स्थानीय संपादक अनिल भास्कर का नोएडा तबादला किए जाने के बाद संपादकीय कामकाज देखने के लिए एडिटोरियल के दो वरिष्ठों दयाशंकर राय और मनोज तोमर के नेतृत्व में कमेटी गठित कर दी गई है। ये दोनों लोग मिलकर अखबार के रोजाना के कामकाज निपटा रहे हैं। प्रिंट लाइन में स्थानीय संपादक के रूप में अभी किसी का नाम नहीं जा रहा है।
ग्रामीण पत्रकारों की हालत सुधारने की जरूरत
देश के सैकड़ों रेडलाइट एरिया पर शोध करने वाले और वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद जावेद अनवर सिद्दीकी ने अजमेर में एक प्रेस वार्ता में ग्रामांचलों में कार्यरत पत्रकारों की हालत पर दुख जताया। उन्होंने देश के दूर-दराज के इलाकों से समाचार भेजने वाले पत्रकारों की स्थिति पर मीडिया मालिकों द्वारा ध्यान न दिए जाने पर नाराजगी जताई। श्री सिद्दीकी ने कहा कि रेड लाइट एरिया पर शोध के दौरान मैंने बिहार, बंगाल, उड़ीसा, हिमाचल, जम्मू, मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई इलाको का दौरा किया। यहां के ग्रामीण इलाकों के पत्रकारों की हालत बेहद दयनीय दिखी। ये पत्रकार समाचार तो रोज भेजते हैं लेकिन इसके बदलने इन्हें समुचित भुगतान नहीं मिलता। इन्हीं ग्रामीण पत्रकारों से प्रबंधन विज्ञापन भी मंगवाता है लेकिन बदले में केवल दो-चार सौ रुपये दे दिए जाते हैं। इसी कारण कई पत्रकार ब्लैकमेलिंग व उगाही के धंधे में लग जाते हैं। उन्होंने देश के पत्रकार संगठनों से ग्रामीण इलाकों के पत्रकारों के बेहतरी के लिए आवाज उठाने की मांग की।