: पारिवारिक समझौते की अफवाह निराधार : हक के लिए कानूनी लड़ाई जारी : रांची संस्करण का मामला अभी भी कोर्ट में : फैसला आने के बाद करेंगे डीबी कॉर्प की मिलीभगत और फर्जीवाड़े के राज का पर्दाफाश : यशवंत जी, आपके मीडिया पोर्टल पर 19 अगस्त को प्रसारित भास्कर, रांची से संबंधित खबर में मालिकों के आपसी झगड़े का अंदरखाने निपटारा होने की बात कही गई है। इस संबंध में दैनिक भास्कर के को-ऑनर संजय अग्रवाल का कहना है कि यह अफवाह एकदम निराधार है। दैनिक भास्कर की यह लड़ाई अपने कानूनी हक के लिए लड़ी जा रही है।
संबंधित मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। दूसरी ओर दैनिक भास्कर के रांची संस्करण के शुरू होने की खबर है। इस संबंध में संजय अग्रवाल का कहना है कि रांची प्रशासन ने अवैधानिक रूप से दैनिक भास्कर का डिक्लयरेशन स्वीकार किया है। इसके खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई है क्योंकि हाईकोर्ट ने रांची प्रशासन को निर्देश दिए थे कि इस प्रकरण में पीआरबी एक्ट के सेक्शन-6 के प्रीव्यू में कार्रवाई की जाए लेकिन डीएम रांची ने संजय अग्रवाल का पक्ष सुने बिना डीबी कॉर्प का डिक्लयरेशन स्वीकार कर लिया। इस मामले की भी सुनवाई अभी 26 अगस्त को हाईकोर्ट में होनी है। यही नहीं, डीबी कॉर्प के एक और फर्जीवाड़े का मामला भी विचाराधीन है। ऐसे में 26 अगस्त को कोर्ट की सुनवाई के बाद यदि जरूरी हुआ तो मामले को आगे ले जाऐंगे क्योंकि वे अपने हक के लिए कानूनी तरीके से लड़ रहे हैं। संजय अग्रवाल का यह भी कहना है कि कोर्ट का फैसला आने के बाद वे डीबी कॉर्प के फर्जीवाड़े और मिलीभगत का पर्दाफाश करेंगे।
संजय अग्रवाल की तरफ से उनके अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा जारी