लखनऊ में अरविंद केजरीवाल पर चप्पल फेंकने वाला युवक जालौन निवासी जितेंद्र पाठक है

फिर हुआ टीम-अण्‍णा पर हमला। प्रशांत भूषण के बाद अब अरविंद केजरीवाल पर हमला हो गया है। लखनऊ के झूलेलाल पार्क में चल रही एक जनसभा में उन पर चप्‍पल से हमला हुआ। हमलावर जालौन का निवासी जितेंद्र पाठक है। हमलावर जितेंद्र पाठक को पकड़कर लोगों ने धुना और पुलिस के हवाले कर दिया। अरविंद केजरीवाल लखनऊ में देर शाम एक जनसभा में आये थे।

मैंने क़सम ली- मैं फासिस्ट राजनीति और उसके कारिंदों के खिलाफ कुछ नहीं लिखूंगा

शेष नारायण सिंहप्रशांत भूषण की पिटाई के बाद इस देश की राजनीति ने करवट नहीं कई, पल्थे खाए हैं. जिन लोगों को अपना मान कर प्रशांत भूषण क्रान्ति लाने चले थे, उन्होंने उनकी विधिवत कुटम्मस की. टीवी पर उनकी हालत देख कर मैं भी डर गया हूँ. जिन लोगों ने प्रशांत जी की दुर्दशा की, वही लोग तो पोर्टलों पर मेरे लेख पढ़कर गालियाँ लिखते हैं.

हालत विकट है, संस्थानों की प्रतिष्ठा ध्वस्त होने का दौर है

आलोक कुमारहम उस दौर में प्रवेश करते जा रहे हैं जहां समाज में सही-गलत की दिशा तय करने वाले पारंपरिक तंत्र की प्रतिष्ठा बचाए नहीं बच रही। सदैव आपके साथ होने का दंभ भरने वाली दिल्ली पुलिस हो। या सच्चाई सामने लाने के लिए बनी सीबीआई, या फिर भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाली सीवीसी हो या न्याय के मंदिर का प्रतीक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या निचली अदालत।

बिन अन्ना आजतक हुआ सून, इंडिया टीवी फिर किंग

अन्ना के आंदोलन के दौरान आजतक पूरे फार्म में था. दर्शकों ने सबसे ज्यादा भरोसा इसी चैनल पर किया और सबसे ज्यादा इसी को देखा. इस कारण टीआरपी में यह चैनल अपनी नंबर वन की कुर्सी पर आसीन हो गया. लेकिन अन्ना आंदोलन के शांत होने के बाद अब जो टीआरपी आई है, उससे पता चलता है कि इंडिया टीवी ने फिर से नंबर एक कुर्सी पर कब्जा जमा लिया है. इंडिया टीवी थोड़े ही मार्जिन से नंबर वन बना है लेकिन कहा तो यही जाएगा कि आजतक नंबर दो पर चला गया है.

सच में गद्दारी की स्वामी अग्निवेश ने, बातचीत का वीडियो टेप भी जारी

टीम अन्ना के स्तंभ कहे जाने वाले स्वामी अग्निवेश बुरी तरह फंस गए हैं. उन्होंने फोन पर किपल सिब्बल से जो बातचीत की, वह बातचीत पब्लिक में आ चुकी है. इस बातचीत का आडियो टेप जारी किए जाने के बाद अब वीडियो टेप भी उपलब्ध हो गया है. कपिल से बातचीत में अग्निवेश ने अन्ना और उनकी टीम के लोगों को जमकर कोसा है और सरकार को उकसाया है कि वह इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे.

रामलीला मैदान में टोटल टीवी के कैमरामैन के साथ पुलिस ने की मारपीट

अन्ना हजारे के अनशन स्थल रामलीला मैदान पर शनिवार को एक कैमरामैन से कथित तौर पर हुई मारपीट के बाद पुलिस और मीडिया में तकरार हो गई। मारपीट की घटना टोटल टीवी के संदीप शर्मा नामक कैमरामैन के साथ हुई। शर्मा के मुताबिक जब वह रामलीला मैदान के द्वार संख्या एक से प्रवेश कर रहे थे तो एक पुलिस अधिकारी से उनका विवाद हो गया।

लालू यादव राजनीति के राखी सावंत हैं!

भूमिका राय: संसद में कहिन- कोई 74 साल का आदमी 12 दि‍न का अनशन कर कैसे सकता है, और कैसे कह सकता है कि‍ अभी मैं 3 कि‍मी तक और दौड़ सकता हूं : बचपन में राजनेताओं के नाम और उनके काम में कोई खास दि‍लचस्‍पी नहीं थी, खेलने-कूदने से फुर्सत ही कब रहती थी कि‍ कुछ और याद रहे। लेकि‍न उस वक्‍त भी लालू प्रसाद यादव का नाम याद था। पता था कि‍ आप बि‍हार के ‘राजा’ हैं।

जय जनता, जय अन्ना : दस बज गए हैं लेकिन पार्टी अभी बाकी है

ये आधी जीत है. आधी लड़ाई बाकी है. अगर आप लोगों की अनुमति हो तो ये अनशन तोड़ दूं. हाथ उठाएं. अन्ना के इतना कहते ही रामलीला मैदान में खड़े हजारों हाथ उठ खड़े हुए. तिरंगा झंडा लहराते हुए हजारों लोगों का करीब 13 दिन तक रामलीला मैदान में डटे रहना, सैकड़ों-हजारों लोगों का हर बड़े छोटे शहरों कस्बों में निकलना, सांसदों के घरों को घेरना, राजनीतिज्ञों को गरियाना…

स्वामी अग्निवेश सरकार के आदमी, टीम अन्ना टूटी… सुनें यह टेप

बड़ी और बुरी खबर है. बड़ा खुलासा है. टीम अन्ना के मजबूत स्तंभ स्वामी अग्निवेश सरकार के पाले में खड़े हो गए हैं. यह साबित करने वाला एक टेप भड़ास4मीडिया के हाथ लगा है. इस टेप में स्वामी अग्निवेश किन्हीं कपिल (कपिल सिब्बल?) से बड़ी गर्मजोशी से फोन पर बात कर रहे हैं. वे टीम अन्ना के सदस्यों को पागल हाथी करार दे रहे हैं. यह भी कह रहे हैं कि…

करप्ट लोग चढ़ने लगे अन्ना के मंच पर!

: संदेह के घेरे में आने लगी टीम अन्ना : जिस अन्ना हजारे ने कभी एक करोड़ रुपये का एवार्ड इसलिए लेने से मना कर दिया था क्योंकि वह एवार्ड एक शिक्षा माफिया की तरफ से दिया जा रहा था, उसी अन्ना हजारे ने अपनी आंखों के सामने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के अपने मंच से उसी शिक्षा माफिया को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए देखा. जी हां, ये शिक्षा माफिया और करप्ट परसन कोई और नहीं बल्कि अरिंदम चौधरी है.

अन्ना के सपोर्ट में नंगी योगिता की खुली देशभक्ति की तस्वीर देखें

अभिनेत्री योगिता दांडेकर ने हिम्मत का काम किया है. हिम्मत की जगह दुस्साहस कहें. वे अन्ना के लिए टापलेस हो गई हैं. विविधता भरे इस देश में सोचने समझने और जीने का सबका अपना अपना हिसाब-किताब है. अन्ना आंदोलन को सपोर्ट देने का भी सबका अपना अपना अंदाज है. योगिता ने अपने तरीके से खुलकर अन्ना को सपोर्ट किया है.

सलमान और मुलायम की मांग- मीडिया करप्शन भी लोकपाल के दायरे में आए!

द हिंदू अखबार में दो खबरें पिछले दिनों प्रकाशित हुई. एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय कानून और सामाजिक न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक न्यूज चैनल पर एंकर के सवालों के जवाब में उन्हीं से सवाल पूछ लिया कि ”…मीडिया करप्शन को टीम अन्ना वर्जन के लोकपाल के अधीन जांच का विषय क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए. क्या हम लोगों को नीरा राडिया टेप का यहां जिक्र नहीं करना चाहिए.

ध्यान रखना कांग्रेसियों, ये रामदेव नहीं, अन्ना हैं, अबकी खदेड़े तुम लोग जाओगे

दयानंद पांडेय: धृतराष्ट्र, मगध और अन्ना : आप को याद होगा कि पांडवों ने कौरवों से आखिर में सिर्फ़ पांच गांव मांगे थे जो उन्हें नहीं मिले थे। उलटे लाक्षागृह और अग्यातवास वगैरह के पैकेज के बाद युद्ध क्या भीषण युद्ध उन्हें लड़ना पडा था। अपनों से ही अपनों के खिलाफ़ युद्ध लड़ना कितना संघातिक तनाव लिए होता है, हम सब यह जानते हैं।

भ्रष्टाचार रोकने के लिए कानून की कम, हजारों अन्ना की जरूरत ज्यादा

किसी ने गणना की थी कि इस दुनिया में करीब तीन करोड़ तीस लाख कानून हैं। अगर दुनिया के लोग बाइबिल के टेन कमांडमेंट्स या गीता का निष्काम कर्म या कुरान की कुछ पवित्र आयतों को मानने लगें, तो शायद एक भी कानून की जरूरत न पड़े। लेकिन हमने न तो पवित्र ग्रंथों से कुछ सीखा, न ही इतने सारे कानूनों के बावजूद अपराध रुक पाए। भ्रष्टाचार दरअसल नैतिक प्रश्न ज्यादा है।

अन्ना हजारे को अरिंदम चौधरी ने ये क्या-क्या कह डाला!

अरिंदम चौधरी को तो जानते ही होंगे आप लोग. आईआईपीएम के फर्जीवाड़े का जनक और इसके जरिए पैदा हुआ शिक्षा माफिया. प्लानमैन कंसल्टेंसी और प्लानमैन मीडिया जैसी कंपनियों का सर्वेसर्वा. ये महोदय कई भाषाओं में मैग्जीन भी निकालते हैं. मीडिया का अच्छा खासा कारोबार शुरू किया हुआ है. और, ये महोदय दूसरे मीडिया हाउसों को जमकर विज्ञापन भी देते हैं ताकि इनके व्यक्तित्व की चकाचौंध बनी रहे और युवा छात्र-छात्राएं लाखों-करोड़ों रुपये लुटाकर उनके आईआईपीएम में पढ़ने जाएं.

बर्खास्त सिपाही सुबोध यादव ने अन्ना के मंच से लिया दो आईपीएस अफसरों का नाम

[caption id="attachment_21021" align="alignleft" width="85"]श्रीकांत सौरभश्रीकांत सौरभ[/caption]बुधवार की शाम आठ बजे अन्ना हजारे के आंदोलन की जानकारी के लिए जैसे ही टीवी आन किया, स्टार न्यूज पर एक खबर को देख नजरें बरबस ही उस पर ठहर गई. “अमिताभ ठाकुर यूपी के सबसे ईमानदार आईपीएस अधिकारियों में, जबकि स्पेशल डीजी बृजलाल उतने ही भ्रष्ट.” रामलीला मैदान के मंच से यूपी के बर्खास्त सिपाही सुबोध यादव के इस बयान को सुन हजारों की भीड़ तालियां पीट रही थी.

कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी जैसों की सदस्यता खत्म करने के लिए पहल करें

झारखंड आरटीआइ फोरम के अध्यक्ष बलराम ने एक पत्र देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिख भेजा है. इस पत्र में उन्होंने नागरिकों चुनाव लड़कर आने की चुनौती देने वाले दो सांसदों कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी जैसों की सदस्यता खत्म करने के लिए पहल करने व प्रावधान बनाने का अनुरोध किया गया है. बलराम ने इसके पक्ष में कुछ तर्क दिए हैं. उनका तर्क कितना सही या गलत है, यह उनके पत्र से आपको पता चल जाएगा, जिसे हम नीचे हूबहू प्रकाशित कर रहे हैं. -एडिटर, भड़ास4मीडिया

अन्ना अनशन तोड़िए, भ्रष्टाचार के संरक्षकों को संसद में घेरिए

राजेश त्रिपाठीअन्ना आपसे करबद्ध प्रार्थना है अपने देश के इस अदने से इनसान  के कहने पर भगवान के लिए  अनशन तोड़ दीजिए। आपके जज्बे को प्रणाम, उस अक्षय ऊर्जा को प्रणाम जो नौ दिन बाद भी आपको जवां मर्दों की तरह दहाड़ने की कूबत दे रही है। आपकी जिंदगी हम सब देशवासियों के लिए बहुत जरूरी है। आपको इससे भी बड़ी लड़ाई लड़नी है।

मुनादी : एक बहत्तर बरस का बूढ़ा आदमी

धर्म भारती की कालजयी कविता ”मुनादी” मौजूदा माहौल में बहुत मौजू है. इसे प्रकाशित करने का अनुरोध बिशन कुमार ने किया है और उन्होंने पूरी कविता को भड़ास4मीडिया के पास भेजा है. आप भी इस कविता को पढ़ें और देखें कि हालात जो पहले थे, बिलकुल वैसे ही हैं, और, कह सकते हैं कि सत्ता तंत्र पहले से ज्यादा जनविरोधी, ढीठ, थेथर और अलोकतांत्रिक हो चुका है. जय प्रकाश नारायण के लिए लिखी गई यह कविता अन्ना पर भी सटीक है. -एडिटर, भड़ास4मीडिया

Critical and legal evaluation of Jan Lokpal Draft

अमिताभStatement of objects and reasons in any Act is always high sounding and jlp does not seem short of that but this does not really mean much because what matters are the provisions and their implementability. It basically wants to claim that it is an attempt to establish an “independent authority” to investigate offences under pc act…

दीपक चौरसिया ने अन्ना का अपमान किया!

जगमोहन फुटेलासन अस्सी के दशक के शुरू में मेरी पहली नौकरी लगी तो मैं उपसंपादक था और मेरी पहली तालीम ये कि जब भी किसी मसले पर किसी भी संस्था का सहमति या विरोध में कोई प्रेस नोट आए तो उसमें लिखे नामों में से कम से कम आधे ज़रूर छाप देना. बाकी आधे अगली बार.

ये हरामखोर बेइमान नेता अन्ना आंदोलन से फायदा उठाने में लग गए

सुभाष गुप्ता: खून चूसने वाले नेता अभी चेते नहीं… : अन्ना की लड़ाई देश भर के लोगों की लड़ाई  में बदल रही है। इसकी वजह भी है। दरअसल, ये लड़ाई  जन लोकपाल की लड़ाई से बहुत आगे निकल चुकी है। आजादी  के बाद नौकरशाही और नेताओं ने जिस तरह आम आदमी का खून  चूसा है…. ये लड़ाई उसी का नतीजा है।

मेरा बयान दर्ज करें- मैं अन्ना हजारे नहीं हूं

RC Shuklaजब देश में कोई बड़ी घटना या दुर्घटना होती है तो पत्रकार होने की वजह से इलेक्ट्रानिक मीडिया की भाषा में मैं उसे क्लोज फ्रेम में देखता हूं.. मतलब एकदम नजदीक से.. कहा जाए तो खबरों को जीने का मौका मिलता है.. हर पल ब्रेकिंग न्यूज की तलाश.. प्रतिद्वंदी चैनल से हर हाल में आगे रहने की कोशिश.. ओबी प्लेसमेंट से लेकर रिपोर्टर्स की मूवमेंट तक..

हमारे प्रस्तावों की सरलता ही हमारी दिक्कत है – अनिल बोकिल

[caption id="attachment_20959" align="alignleft" width="151"]अनिल बोकिलअनिल बोकिल[/caption]: बातचीत : ‘अपनी आवश्यकता से अधिक वस्तुओं का संग्रह भी चोरी है।’ गांधीजी की इस उक्ति को अपने जीवन में अक्षरश: उतारने वाले अनिल बोकिल, 175 लाख करोड़ के घोटालों के युग में एक अजूबे की तरह हैं। उनसे फोन पर दिनेश चौधरी की हुई लंबी बातचीत के संपादित अंश यहां प्रस्तुत हैं:

अन्ना व बाबा के सवालों का सटीक जवाब है ‘अर्थक्रांति’

दिनेश चौधरीछत्तीसगढ़ के एक छोटे-से कस्बे बालोद में स्थानीय महावीर विद्यालय का सभागार खचाखच भरा हुआ है। वातावारण में थोड़ी उमस भी है। व्याख्यान प्रारंभ हुए कोई दो घंटे हो चुके हैं, फिर भी लोगों की एकाग्रता भंग नहीं हुई है। मजे की बात यह है कि व्याख्यान किसी धर्मगुरु का नहीं है, जो सरस पौराणिक गाथायें सुनाकर श्रोताओं को बांधे हुए हो।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन के दौरान संत निगमानंद की जान गई

[caption id="attachment_20586" align="alignleft" width="142"]स्वामी निगमानंद जीस्वामी निगमानंद जी[/caption]एक दुखद खबर देहरादून से है. साधु निगमानंद की मौत हो गई. वे अनशन पर थे और कोमा में चले गए थे. उनका इलाज हिमालयन अस्पताल में चल रहा था. निगमानंद ने 19 फरवरी को अनशन शुरू किया था. वे दो मई को कोमा में चले गए थे. उसके बाद उनका उपचार किया जाता रहा पर वे वापस नहीं लौटे.

रामदेव के भाजपा एजेंट होने की चुगली करते ये दो वीडियो

: क्या भाजपा नेताओं के इशारे पर टूटा बाबा का अनशन? : निशंक-आडवाणी और निशंक-रामदेव वार्तालाप सुनिए :  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मीडिया वालों के सामने फोन पर आडवाणी और रामदेव से बातचीत की थी. यह बातचीत रामदेव के अनशन खत्म होने से ठीक पहले हुई.

बाबा रामदेव पर इंडिया टीवी वाले रजत शर्मा की टिप्पणी

Deshpremi Bharatvanshi नामक किन्हीं सज्जन ने deshpremi.bharat@gmail.com मेल आईडी से ग्रुप में मीडिया के सैकड़ों लोगों को एक मेल किया है, जिसमें एक लेख है और लेखक के बतौर इंडिया टीवी के मालिक रजत शर्मा का नाम है. चूंकि ये मेल रजत शर्मा की मेल आईडी या इंडिया टीवी की मेल आईडी से आफिसियली नहीं आया है, इसलिए ये कनफ्यूजन है कि वाकई ये लेख रजत शर्मा का है या नहीं.

असल में, हमारा समाज और सरकारी व्यवस्था लोकतांत्रिक नहीं है

राजकिशोर: यह नागरिक जमात क्या होती है : जब भारत सरकार ने जन लोकपाल विधेयक पर अण्णा हजारे और उनके समूह के साथ दोस्ती कर ली, तभी मुझे शक हो गया था कि सरकार ने बहुत मजबूरी में यह समझौता किया है और उसके भावी इरादे ठीक नहीं हैं। जन लोकपाल विधेयक वाकई एक रेडिकल विधेयक है और वह संसद द्वारा पारित हो गया, तो भ्रष्टाचार के एक बड़े और अहम क्षेत्र को प्रदूषण-मुक्त किया जा सकता है।

अन्ना हजारे, रामदेव और कांग्रेस (अंतिम)

दिनेश चौधरी: हां, मैं बिका हुआ हूं! : “आप अमेरिका के साथ हैं या नहीं हैं?”… 9/11 के बाद बुश ने सारी दुनिया से यही वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछा था और चूंकि वह दुनिया का दादा है इसलिए प्रश्न के उत्तर में “इनमें से कोई नहीं” वाला विकल्प नहीं रखा था। जिन्होंने उत्तर “नहीं” में दिया वे सब आतंकवादी कहलाये। प्रतिबद्धताओं को स्पष्ट करने-कराने की बुश की यह नीति कालांतर में काफी लोकप्रिय हुई।

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का धुंआ देख उसे तुरंत बुझाने में क्यों जुटे सत्ताधारी?

हरिवंश: दुनिया के एक विख्यात न्यायविद, न्यायमूर्त्ति हैंड ने कहा था, आजादी के बारे में… नैतिकता या भ्रष्टाचार के प्रसंग में भी वही चीज लागू है…. उनका कथन था, आजादी मर्दों-औरतों के दिलों में बसती है. जब वहां यह मर जाती है, तब इसे कोई संविधान, कानून या अदालत नहीं बचा सकती… :

पारदर्शिता क्रांति में नेता, अफसर, व्यवसायी बाधक

: पर अब रोके न रुकेगा यह महाभियान : भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम से कांग्रेस के अंदर भी खदबदाहट मची है. कोई कांग्रेसी चाहकर भी रामदेव और अन्ना के आंदोलन को सपोर्ट नहीं कर पा रहा क्योंकि देश में भ्रष्टाचार की जमनोत्री-गंगोत्री कांग्रेस को ही माना जाता है, और, बाबा व अन्ना का आंदोलन कांग्रेस के राज करने के तौर-तरीके के खिलाफ है जिसके कारण लाखों करोड़ रुपये विदेश में ब्लैकमनी के रूप में जमा है.

अन्ना के मंच से उतारी गईं वामपंथी नेता

[caption id="attachment_20540" align="alignleft" width="94"]कविता कृष्णनकविता कृष्णन[/caption]नई दिल्ली : राजघाट पर जुटे अन्ना हजारे के हजारों समर्थकों ने जंतर-मंतर की तरह ही एक बार फिर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में अन्य दलों के नेताओं को किसी भी तरह से जुड़ने नहीं दिया। अगर कोई पार्टी से जुड़ा व्यक्ति मंच पर दिखा भी तो उसे लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा और मजबूरन उस नेता को चुपचाप वहां से खिसक लेना पड़ा।

अन्ना हजारे, रामदेव और कांग्रेस – (एक)

दिनेश चौधरी: जब धर्म धंधे से जुड़ता है तो उसे योग कहते हैं- हरिशंकर परसाई : इस समय देश की राजनीति में कुकरहाव जैसा मचा हुआ है। पता नहीं आपके किस बयान को किस रूप में ले लिया जाये और हमले करने के लिये आप पर किसी प्रवक्ता को छोड़ दिया जाये। इन प्रवक्ताओं ने और कुछ किया हो या न किया हो, कुछ बातों को अच्छी तरह से स्थापित कर दिया है।

”अमूल बेबी” के बोल कब फूटेंगे

[caption id="attachment_20539" align="alignleft" width="94"]भूमिका रायभूमिका राय[/caption]: रामदेव से लेकर अन्ना और भाजपा तक को कुछ न कुछ मिला… हर बार की तरह इस बार भी ठगी गई सिर्फ जनता : एक बार फिर जनता ठगी-सी खड़ी है. अवाक है और परेशान भी। अवाक, क्योंकि जिन हाथों में उसकी सुरक्षा का दायित्व था, उन्हीं हाथों से उसे ज़ख्म मिले हैं और परेशान इसलिए, कि आखिर वो जाए तो जाए कहां?

बाबा व भक्तों पर जुल्म के खिलाफ आज ब्लैक डे मनाएं

यशवंत सिंहकुछ काम अन्ना ने किया और काफी कुछ बाबा ने कर दिखाया. अन्ना ने करप्ट कांग्रेसियों पर भरोसा किया और सरकार के झांसे में आ गए तो नतीजा ये है कि उन्हें अब रोना पड़ रहा है, मुद्दा पीछे छूट गया और तेवर पीछे रह गया. शेष है तो सिर्फ फिजूल की बैठकों का दौर और बेवजह की उठापटकों की चर्चाएं.