अंग्रेजी के भी टॉप टेन अखबारों में कोई इस सूची से बाहर नहीं हुआ है परन्तु उनके स्थान आपस में ऊपर नीचे जरूर हो गए हैं. इस बाद हिंदुस्तान टाइम्स और डेक्कन क्रॉनिकल को समेत सात अखबारों को ठीक-ठाक पाठक मिले हैं, जबकि हिंदू, मुंबई मिरर और ट्रिब्यून के पाठक संख्या में गिरावट आई है. सबसे ज्यादा पाठकों का फायदा डेक्कन क्रॉनिकल को हुआ है तो सबसे ज्यादा नुकसान मुंबई मिरर को उठाना पड़ा है.
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हिंदी के टॉप टेन अखबारों में कोई बदलाव नहीं, जागरण फिर अव्वल
: आईआरएस 2011 की दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी : आईआरएस 2011 की दूसरी तिमाही के आंकड़े आ गए हैं. हिंदी के टॉप टेन अखबारों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जागरण इस बार भी नम्बर एक पर बना हुआ है. टॉप टेन में राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी तथा नई दुनिया को पाठकों का नुकसान उठाना पड़ा है, परन्तु इससे किसी के रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है. शेष अन्य अखबारों के पाठक संख्या में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.
आईआरएस कंवल तनुज ने भी ठुकराया करोड़ों के दहेज का ऑफर
: बोले- यह रिश्ता बेच दिया, फिर बिना बिके कुछ नहीं बचेगा : लखनऊ : एक दिन बस यूं ही भाई के घर पर था। भतीजा आया हुआ था नागपुर से। वहीं आयकर अधिकारियों के ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट में ट्रेनिंग पर था। स्वाभाविक सी खुशी की बात थी कि वह दूसरे अटेम्प्ट में आईआरएस हो गया। नाम है कंवल तनुज। पूरे खानदान में सरकारी ओहदे के हिसाब से यह अब तक की सबसे बड़ी पारिवारिक उपलब्धि थी।
नेशनल रीडरशिप सर्वे और इंडियन रीडरशिप सर्वे का विलय
: नए संगठन का नाम आरएससीआई रखा गया : काफी इंतजार के बाद नेशनल रीडरशिप सर्वे (एनआरएस) तथा इंडियन रीडरशिप सर्वे ने आपस में विलय कर लिया है. मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल की 20 सितम्बर को हुई वार्षिक बैठक में दोनों के विलय पर अंतिम मुहर लगाया गया. इस समझौते के बाद नए संस्था का नाम रीडरशिप स्टडीज काउंसिल ऑफ इंडिया (आरएससीआई) कर दिया गया. पिछले दो सालों से इन दोनों संगठनों को एक साथ लाने की कोशिश की जा रही थी.
Is Indian Readership Survey meaningless?
Dear Yashwant Bhai, am forwarding you a great article about IRS. It is written by Himanshu who is a product of Mudra Institute of Communication, you can cross check his credentials. We very often curse to TRPs but what about Print Media? A clear cut measurement system is missing everywhere.
हिंदी के टॉप टेन अखबार और प्रसार संख्या
टॉप 10 हिंदी अखबारों में ऊपर के सात स्थानों में पर काबिज अखबारों पर तो कोई असर नहीं पड़ा हैं परन्तु नीचे के तीन स्थानों पर फेरबदल हुआ है. पिछली बार नौ नम्बर पर रहा प्रभात खबर नई दुनिया को पीछे ढकलते हुए आठवें स्थान पर काबिज हो गया है. नई दुनिया एक पायदान खिसककर नौवें स्थान पर चला गया है. पिछले बार दसवें स्थान पर रहा हरिभूमि टॉप टेन से बाहर हो गया है. इस बार दसवें नम्बर पर नवभारत की इंट्री हुई है.
लगातार 17वीं बार जागरण सबसे आगे
नई दिल्ली : दैनिक जागरण में पाठकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है और नए कीर्तिमान बना रहा है। 2010 की तीसरी तिमाही के इंडियन रीडरशिप सर्वे में दैनिक जागरण ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। यह लगातार 17वां मौका है जब दैनिक जागरण देश में सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अखबार साबित हुआ है। सर्वेक्षण के अनुसार दैनिक जागरण के पाठकों की संख्या 5.5 करोड़ है।
टॉप टेन में हिंदी चमचम, अंग्रेजी वाले फिर बेचारे
: शीर्ष दस अखबारों में ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ एकमात्र अंग्रेजी अखबार : आईआरएस की तीसरी तिमाही के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. हर भाषा के अखबारों को मिलाकर बने ओवरऑल टॉप टेन अखबारों में हिन्दी के अखबारों ने परचम लहराया है. हिंदी के अखबारों के क्रम में टॉप लेवल पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. ‘दैनिक जागरण’ इस बार फिर बाजी मार ले गया है. उसके बाद दैनिक भास्कर, दैनिक हिन्दुस्तान, मलयाला मनोरमा और अमर उजाला हैं. टॉप टेन में ‘दैनिक थाथी’ के प्रकाशन में गिरावट आई है. नंबर वन की पोजिशन पर कायम दैनिक जागरण के पाठकों की संख्या में तीसरी तिमाही में एवरेज इश्यू रीडरशिप के अनुसार मात्र 0.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो टॉप टेन के अखबारों में सबसे कम है.