मुंबई से चप्पल मंगाने के लिए मायावती ने भेजा खाली जहाज

विकीलीक्स के एक ताजे खुलासे के बाद यूपी की राजनीति के गर्माने के आसार हैं. खुद को दलितों की मसीहा बताने वाली मुख्यमंत्री मायावती ने अपने लिए एक जोड़ी चप्पल मुंबई से मंगाने के वास्ते एक निजी जेट विमान भेजा था. भारत में अमेरिकी दूतावस द्वारा वाशिंगटन को भेजे गए कई केबल में मायावती का खूब जिक्र है.

न आईएएस है, न आईपीएस, न पीसीएस है, न पीपीएस पर है वह सभी का बाप

: शशांक शेखर का भांडा फूटा : कभी जहाज उड़ाता था, अब पूरा प्रदेश हांक रहा है : शशांक शेखर उत्तर प्रदेश का सबसे ताकतवर नौकरशाह है. वह आईएएस और आईपीएस अफसरों से गालियों से बात करता है. वह मायावती का सबसे खास अफसर है. वह कैबिनेट सचिव है. पर वह खुद न तो आईएएस है और न आईपीएस, न पीसीएस और न पीपीएस. फिर भी वह कैबिनेट सचिव है और सारे अफसरों का बाप है.

मुख्यमंत्री मायावती के इशारे पर प्रो. राय के घर में घुसकर पुलिस ने की गुंडई!

”बसपा सरकार बेलगाम हो गई है. सरकार के इशारे पर काम करने वाली पुलिस निरंकुश हो चुकी है। अपराध और अपराधियों को संरक्षण देने वाली सरकार कानून व्यवस्था को कैसे संभाल सकती है जब वह स्वयं और पुलिस आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों पर भी बसपा सरकार ने हमला शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री मायावती बौखला गई हैं। डॉ. राय के आवास पर पुलिस की यह हरकत निंदनीय है।” – राजेंद्र चौधरी, प्रवक्ता, सपा, उत्तर प्रदेश

यूपी पुलिस ने आधी रात स्व.प्रो. रामकमल राय के घर का ताला तोड़ा

: साहित्यकार के घर कथित गुंडों की तलाश में सरकारी गुंडई : डीएनए चेयरमैन के पैतृक आवास पर पुलिसिया तांडव : चौरासी वर्षीय बीमार विधवा व बहू से की अभद्रता : राजनीतिक छवि धूमिल करने का प्रयास- उत्पल राय : इलाहाबाद। हमेशा बैकफुट पर रहने वाली, सही को गलत और गलत को सही साबित करने वाली सूबे की पुलिस कब, क्या कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

यूपी में फिर एक मां का अपमान, डा. निशीथ राय के घर पुलिसवालों का तांडव

पत्रकारों पर सरकारी और प्रशासनिक दमन का कहर यूपी में लगातार ऊफान पकड़ता जा रहा है। शलभमणि त्रिपाठी पर हुए पुलिसिया हमले पर छीछालेदर के बाद भी पुलिसवालों का रवैया मीडियावालों के प्रति लगातार हमलावर बना हुआ है। ताजा घटना इलाहाबाद में हुई जहां डेली न्‍यूज एक्‍सप्रेस के प्रबंध सम्‍पादक डॉ निशीथ राय के घर छह थानों की पुलिस ने दबिश डाली।

दैनिक जागरण को विज्ञापन रोकने की धमकी दी मायावती ने

मायावती सरकार के चार साल पूरे होने पर दैनिक जागरण, लखनऊ संस्करण में चार किश्तों में मायावती के कामकाज पर स्टोरी प्रकाशित हुई. इन विशेष स्टोरीज वाले कालम का नाम था- वादा तेरा वादा. इन कालमों के जरिए बताया गया कि मायावती के राज में वे क्या क्या काम नहीं हुए, जिनका ऐलान किया गया था. साथ ही इन स्टोरीज में सरकार के कामकाज की आलोचनात्मक समीक्षा थी, जो कि अखबारों में आमबात है.

इन नतीजों के बाद मायावती की नींद उड़ेगी

पश्चिम बंगाल में साफ साफ दिख रहा था कि जनता ममता बनर्जी के साथ है और ममता की लहर आंधी के रूप में बह रही थी. कामरेड लोग भी सन्न की स्थिति में थे. अंततः वही हुआ. जो जन उभार ममता के पक्ष में दिख रहा था, वह उभार वोटों में भी तब्दील हुआ और ममता की जय जय हो गई. तमिलनाडु में जयललिता और करुणानिधि, यही दो लोग बारी बारी से राज करते हैं. करुणानिधि का कुशासन खत्म होता है तो जयललिता का शासन आता है और जया का शासन जब कुशासन में तब्दील हो जाता है तो करुणानिधि का शासन आ जाता है.

तमतमाई मायावती ने राहुल गांधी को गिरफ्तार कराया

राहुल गांधी के धरने पर बैठ जाने से परेशान मायावती सरकार ने आखिरकार देर शाम फैसला ले ही लिया. राहुल बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया है. राहुल को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत पुलिस ने गिरफ्तार किया. यह जानकारी मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक रजनीकांत मिश्र ने दी. ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल गांव में बुधवार की सुबह से धूनी रमाए राहुल ने किसानों को न्याय मिलने तक वहां से न जाने का जब ऐलान कर दिया तो यूपी सरकार और पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए.

राहुल की राजनीति से मायावती चित!

राहुल गांधी उस भट्टा परसौल गांव के ठीक बगल में बसी दिल्ली में रहते हैं जहां पुलिस-पीएसी वालों ने एक रात हर घर में घुसकर कोहराम मचाया था, बच्चों, बूढ़ों, बीमारों, महिलाओं, युवतियों, युवाओं को पीटा था, पैसा लूटा था, बेइज्जत किया था. राहुल गांधी तक खबर अगले दिन सुबह पहुंच गई होगी. अखबार और टीवी में खबरें आ चुकी थीं. आ रही थीं. उत्पीड़न की दास्तां को बताया जा रहा था.

इन पीडि़तों के चेहरे किस पेंट से चमकाओगे

मुख्यमंत्री मायावती का कर्फ्यू के माहौल में दौरा सफल ही रहना था, क्योंकि मीडियाकर्मी, पीडि़त, शोषित व दलित आसपास भी नहीं फटकने दिये गये। बदायूं के गांव घड़ा कंचनपुर में मायावती का उडऩ खटोला पहुंचा, लेकिन पूरा गांव पहले से ही नजर बंद घोषित किया जा चुका था, जिससे मायावती से यहां भी कोई नहीं मिल पाया। इसके बाद वह सीधे पुलिस लाइन पहुंची और यहां से एनएसजी व स्थानीय पुलिस की सुरक्षा के बीच जिला अस्पताल पहुंची पर अस्पताल में आज मरीजों का प्रवेश बंद था और तमाम तरह की बीमारियों से पीडि़त मरीज अस्पताल के बाहर इधर-उधर पुलिस की सुरक्षा में छिपा कर बैठा दिये गये, ताकि उन पर किसी की नजर न पड़े।

माया के दौरे ने ली दलित महिला की बलि, पुलिस-प्रशासन-मीडिया की घिग्घी बंधी

[caption id="attachment_19693" align="alignleft" width="261"]जाम में फंसे एंबुलेंस में मृत गीताजाम में फंसे एंबुलेंस में मृत गीता[/caption]: माया की सुरक्षा के नाम पर रचित जटिल जाम में फंसकर बीमार महिला का तिल-तिल कर मरना…. उधर सड़क पर मायावती जिंदाबाद होता रहा इधर एंबुलेंस में महिला के परिजन विलाप करते रहे…. संबंधित वीडियो भड़ास4मीडिया पर जल्द : दलित महिला की मौत से डरे अफसरों ने मीडिया को पटाया और इस तरह खबर का भी प्राणांत हो गया :

माया की छाया : ग्रामीणों को भगाया, गांव को फिल्‍मी सेट बनाया

: स्‍वस्‍थ्‍य मरीजों को अस्‍पताल में भर्ती कराया : बलरामपुर जनपद में नेपाल सीमा पर बसे खरदौरी गांव के करीब 300 बाशिंदे सूबे की मुखिया मायावती के दौरे के दिन अपने घरों से आधी रात को उठा लिए गए। गांव से 2 किमी दूर जरवा के जंगलों में खरदौरी गांव के गरीब गुरबे बंद कर दिए गए। तकीद कर दी गयी कि 11 फरवरी की रात से पहले जंगल न छोड़ना जब तक बहन कुमारी मायावती का उड़न खटोला उड़ जाए।

न्‍याय नहीं मिला, नौकरी जरूर चली गई

यूपी के लोगों हो जाओ सावधान। न्याय पाने की सोच रखकर अपनी फरियाद लेकर सूबे की मुख्यमंत्री से मिलने की गुस्ताखी न करना। कहीं  आपकी यह गुस्ताखी आप पर भारी न पड़ जाये। हम आपको बताना चाहते हैं कि इस समय यूपी की लोकशाही व्यवस्था देखकर राजशाही व्यवस्था भी शर्माती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री से मिलने की तमन्ना आपको जेल पहुंचा सकती है और यदि आप सरकारी नौकरी में रहकर चैन की रोटी खाते हैं तो आपकी नौकरी भी छीनी जा सकती है। औरैया दौरे पर गयी यूपी की सीएम मायावती से मिलने का प्रयास करना स्कूल की एक शिक्षामित्र को भारी पड़ गया।

ये माया मैम की जूती है, इसे चमकाओ

: शर्म करो यूपी के पुलिस वालों : अगर महिला सामान्य या गरीब घर की है, तो यूपी के पुलिस वाले, सिपाही से लेकर आईपीएस तक, उसे जेल या थाने में डालने से हिचकेंगे नहीं, बिना किसी जुर्म.

यूपी में किधर है लॉ एंड आर्डर!

: फिर एक स्त्री को अपमानित किया पुलिस वालों ने : बनारस में इंस्पेक्टर ने किया यौन उत्पीड़न : उत्तर प्रदेश में यही कमाल है कि ये प्रदेश बहुत हर मामले में बहुत बदहाल है. खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में तो इस हाल बेहद बेहाल है. और, खासकर यहां महिलाएं सबसे ज्यादा उत्पीड़ित की जा रही हैं. और, मजेदार है कि एक महिला का राज है. पर महिला के राज में उनके मनमाने अफसर सबसे ज्यादा महिलाओं को ही दुख दे रहे हैं.

लगा जैसे इनकी मां मरी हैं!

: कुंवर फतेहबहादुर की मां के मरने का मतलब समझ आया बनारसियों को : मसान बाबा ने भी तेलाही की यह इंतहा शायद ही कभी देखी हो : वाराणसी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर बुधवार को नौकरशाहों और पुलिसियों ने ऐसा नजारा पेश किया कि काशी के लोगों की आखें फटी की फटी रह गयीं। मौका था उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) कुंवर फतेह बहादुर सिंह की मां की अंत्येष्टि का।

Media’s double standards exposed in following rape stories in Bihar, UP

: Patna, (BiharTimes) : A very funny thing happened with television journalism in India on January 13. Several national channels took the Uttar Pradesh chief minister, Mayawati, to task for not expelling from the party the MLA arrested on the charge of raping a 17-year old girl belonging to the Nishad community, an extremely backward caste.

जन्‍मदिन पर मायावती को श्रद्धांजलि!

मायावतीप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिन के मौके पर शनिवार को जिला प्रशासन ने जनपद कांशीरामनगर में वृहद स्तर पर समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, बड़े नेता एवं आला अधिकारी मौजूद रहे। यहां सभी ने मायावती के चित्र पर माल्यार्पण कर चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्‍वलित किया, जबकि दीप प्रज्ज्‍वलन एवं माल्यार्पण देहावसान के बाद ही चित्र पर किया जाता है।

मेरी हत्या कराना चाहती हैं मायावती : पुनिया

दलित जाति के पुनिया को दलित जाति के ही मायावती से जान का खतरा है. पुनिया और मायावती, दोनों दलितों के बीच के प्रभावशाली लोग हैं. मायावती यूपी की मुख्यमंत्री हैं जबकि पीएल पुनिया राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष. यूपी के जंगलराज और अराजक कानून व्यवस्था का इससे बड़ा क्या सुबूत हो सकता है कि एक दलित नौकरशाह को जो अब एक आयोग के अध्यक्ष हैं, खुद यूपी की मुख्यमंत्री से जान का खतरा है.

मायावती को राजनीति का भस्‍मासुर किसने बनाया!

””….मैंने प्रधानमंत्री नरसिंह राव से उस समय सवाल किया था- ”राव साहब आप गांधीवादी नेता हैं और बहुजन समाज पार्टी के लोग गांधी को गाली देते हैं, यह कैसा समझौता है?” इस पर राव साहब ने जवाब दिया- ”आप अच्छी तस्वीर खींचें।” तब मैंने उनसे कहा- ”मैं तस्वीर खींचू या लिखूं, इससे आपका कोई मतलब नहीं होना चाहिए,  लेकिन मुझे आपसे सवाल करने का हक है। कृपया करके आप सवाल का जवाब दें।”….””

इस मायावती को हटाना-हराना जरूरी हो गया है

यूपी में जंगलराज चरम पर है. महिला मुख्यमंत्री के राज में महिलाओं की ही इज्जत सबसे ज्यादा असुरक्षित है. कभी निर्दोष महिलाओं को बिना किसी सुबूत रात भर थाने में बिठाए रखने जैसी जघन्य घटना घटित होती है तो कभी नाबालिग लड़की से दुराचार करने वाले बसपाई विधायक को बचाने में पूरा तंत्र लग जाता है. खबर आ रही है कि दुराचार की शिकार नाबालिग शीलू पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह अपने आरोप वापस ले ले.  इस बारे में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया चेयरमैन एवं बांदा सदर से विधायक विवेक कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा एक अतिपिछड़ी नाबालिग लड़की शीलू के साथ हुए दुराचार की जांच सीबीसीआईडी से कराने का निर्णय लेना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

यूपी के मंत्री अवधेश वर्मा की जर्नलिस्ट को धमकी

: धमकी का टेप सुनने के लिए नीचे दिए गए आडियो पर क्लिक करें : सेवा में, यशवंतजी, भड़ास4मीडिया, महोदय,  निवेदन है कि मैं सौरभ दीक्षित शाहजहांपुर में दो न्यूज चैनलों का संवाददाता हूं. 4 दिसंवर को जिला पंचायत चुनाव में बसपा के मंत्री ने संजीव कुमार को जबरदस्ती पुलिस से पकड़बा लिया था. इस युवक ने बसपा प्रत्याशी के खिलाफ हाईकोर्ट में एक यचिका दायर की थी जिसमें यह था कि जिला पंचायत का बसपा से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी ने दो-दो मतदाता पहचान पत्र बनवा रखे हैं.

माया के वर्दी वाले गुंडों से नहीं डरूंगा

प्रिय भाई यशवंत जी, उत्‍तर प्रदेश के माया राज में पुलिस वालों की मार झेल रहा हूं, जहां लोगों को आवाज उठाना भारी पड़ता है. मुझे अखबारों में लिखना भारी पड़ गया. माया के इन गुण्‍डों ने मुझे कालेज से लौटते समय पकड़ लिया और पांच दिन तक बिना किसी सबूत व कारण के रिमांड पर रखा, फिर तेरह फर्जी केस लगाकर मुझे एक बड़े गिरोह के साथ जोड़ दिया गया. जिसके चलते मुझे तीन माह सोलह दिन जेल में काटना पड़ा.

पंजाब में मार्च से छपेगा ‘बहुजन समाज बुलेटिन’

प्रयोग सफल रहा तो बसपा के इस मुखपत्र को पाक्षिक से दैनिक कर अन्य राज्यों से भी प्रकाशित किया जाएगा : जिस तरह सभी पार्टियों का मुखपत्र होता है, उसी तरह अब बसपा वाले भी अपना मुखपत्र शुरू करने जा रहे हैं। फिलहाल इसे पाक्षिक अखबार का रंग-रूप दिया गया है। नाम है ‘बहुजन समाज बुलेटिन’। अगर प्रयोग सफल रहा तो इसे डेली अखबार में तब्दील किया जा सकता है। जालंधर में बसपा पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अवतार सिंह करीमपुरी ने इस बारे में कई बातें कहीं।