
प्रख्यात साहित्यकार डॉ. उषा यादव को मीरा स्मृति सम्मान

हिंदी के वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह ने कहा कि ‘हंस’ के जरिए इसके संपादक राजेंद्र यादव ने हिंदी के इतिहास को बनाने के साथ-साथ उसे पालने-पोसने का काम भी किया है. सिंह हंसाक्षर ट्रस्ट और ऐवाने गालिब की ओर से ‘हंस’ पत्रिका के पचीस साल पूरे होने पर रविवार को आयोजित रजत जयंती समारोह में ‘साहित्यिक पत्रकारिता और हंस’ पर बोल रहे थे.
दरियागंज (दिल्ली) में ”प्रज्ञा” आफिस में कल शाम एक बैठक हुई. प्रभाष न्यास की तरफ से. एजेंडा था मीडिया के हालात पर चर्चा करना और प्रभाष जी की स्मृति में होने वाले आयोजन को फाइनलाइज करना. रामबहादुर राय ने संचालन किया और नामवर सिंह ने अध्यक्षता. बैठक की शुरुआत हो जाने के बाद राम बहादुर राय अचानक उठ खड़े हुए और बीच में बोलने के लिए मांफी मांगते हुए बोल पड़े.
: नामवर सिंह ने वडनेरकर को प्रदान किया राजकमल कृति सम्मान : दूसरा राजकमल प्रकाशन कृति सम्मान (हिंदी की शब्द संपदा- विद्यानिवास मिश्र पुरस्कार) सोमवार को यहां त्रिवेणी सभागार में अजित वडनेरकर को उनकी पांडुलिपि ‘शब्दों का सफर’ भाग दो के लिए दिया गया. पुरस्कार स्वरूप उन्हें एक लाख रूपये की राशि, पंचधातु का लंकरण और प्रशस्ति-पत्र दिया गया. यह पुरस्कार उन्हें प्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह ने दिया.
: हमारा समय मध्य वर्ग को गोदाम बनाने का युग है- अशोक वाजपेयी : अज्ञेय में दार्शनिक विकलता का चरम रूप ‘असाध्य वीणा’ में है- प्रो. नित्यानंद तिवारी : हिन्दू कालेज में अज्ञेय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी : नई दिल्ली. दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कालेज में अज्ञेय की जन्म शताब्दी के अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से ‘आज के प्रश्न और अज्ञेय’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया.