यूएनआई के वरिष्ठ खेल पत्रकार गौतम साठे का गुरुवार की रात थाणे स्थित आवास पर हार्टअटैक से निधन हो गया. वे 42 साल के थे. वे बीते एक दशक से यूएनआई के साथ जुड़े हुए थे. वे अपने पीछे पत्नी, मां, भाई और एक बहन छोड़ गए हैं. साठे की तबीयत बिगड़ने पर उनके परिजन उन्हें पास के एक अस्पताल ले गए परन्तु डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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जो बाजार के आलोचक हैं, उन्हें कोई संपादक नहीं बनाना चाहता
: इंटरव्यू : कवि और पत्रकार विमल कुमार : एसपी ने कम विवेकवान और भक्त शिष्यों की फौज खड़ी की, जिनमें से कई आज चैनल हेड हैं : मैं तब यह नहीं जानता था कि मीडिया का इतना पतन हो जाएगा और वह भी सत्ता-विमर्श का एक हिस्सा बन जाएगा : उर्मिलेश और नीलाभ मिश्र, दोनों मुझसे आज भी योग्य हैं : अज्ञेय जी ने शब्दों की गरिमा को, रघुवीर सहाय ने जनता की संवेदना को और राजेंद्र माथुर ने संपादक पद की गरिमा को बचाए रखा :
वेतन बोर्ड लागू न करने पर पत्रकारों ने सरकार को दी चेतावनी
वेतन बोर्ड लागू करने में हो रही देरी से नाराज पत्रकारों ने शुक्रवार को यहां श्रम मंत्रालय और अखबार मालिकों के संगठन आईएनएस के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि अगर 16 जून तक इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की गई, तो वे देशव्यापी हड़ताल प्रदर्शन करेंगे. वेतन बोर्ड लागू करने की मांग को लेकर तख्तियां और बैनर लिए आईएनएस के सामने जुटे पत्रकारों और गैर पत्रकारों ने इस दलील को झूठ बताया कि इसे लागू होने से अखबार उद्योग कठिनाई में आ जाएगा.
सीवीबी एवं यूएनआई का समझौता खत्म, रास्ते हुए अलग
:‘यूएनआई टीवी’ का रीब्रांड नेम ‘सीवीबी न्यूज’ हुआ : यूएनआई टीवी का संचालन करने वाली एजेंसी सी-वोटर ब्रॉडकास्ट (सीवीबी) एवं यूएनआई के बीच टाइअप खतम हो गया है. अब दोनों संस्थाएं अलग-अगल होकर स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करेंगी. सूत्रों का कहना है कि अभी तक लीगल तौर पर इनके बीच संबंध विच्छेद नहीं हुआ है. परन्तु दोनों एजेंसियों ने अलग होने का निर्णय कर लिया है. अगले कुछ दिनों में इसकी औपचारिक घोषणा की जा सकती है.
राजेश आईबीएन7 तथा राज यूएनआई से जुड़े
हिन्दुस्तान, कानपुर से राजेश वाजपेयी ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपनी नई पारी आईबीएन7 के साथ शुरू की है. उन्हें उन्नाव का रिपोर्टर बनाया गया है. अब चैनल के लिए वे उन्नाव से रिपोर्ट करेंगे. राजेश पिछले पच्चीस वर्षों से मुख्य धारा की पत्रकारिता में सक्रिय हैं.
“BHANDARI IS PAST PERFECT IN UNI”
भंडारी की यूएनआई से विदाई के बाद यूएनआई की कर्मचारी यूनियन की तरफ से जारी एक पत्र भड़ास4मीडिया को मिला है. इसमें एके भंडारी द्वारा यूएनआईकर्मियों को लिखे आखिरी पत्र को दिया गया है. उससे पहले भंडारी के जाने को लेकर कर्मचारी यूनियन की टिप्पणी, राय है. पहले यूएनआई इंप्लाइज फेडरेशन की तरफ से जारी यूएनआई बुलेटिन देखें, उसके ठीक बाद भंडारी का यूएनआईकर्मियों को लिखे पत्र को बांचें-
भंडारी गए
: सीपी झा को निलंबित कर गए : भट्टाचार्या देखेंगे काम : देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी यूनीवार्ता (यूएनआई) की यूएनआई हिंदी सेवा के जनरल मैनेजर एके भंडारी का इस्तीफा हो गया है. वे इस न्यूज एजेंसी से मुक्त हो चुके हैं. भड़ास4मीडिया से बातचीत में एके भंडारी ने इस्तीफे की पुष्टि की. इस्तीफे के कारणों के बारे में उन्होंने कहा कि भोपाल में रह रहीं पत्नी के बाथरूम में गिर जाने से उनके कंधे के नीचे फ्रैक्चर हो चुका है और उनके साथ मेरा रहना जरूर हो गया, इन्हीं पारिवारिक स्थितियों के कारण इस्तीफा देकर वापस जा रहा हूं. भविष्य के बारे में भंडारी ने कहा कि वे शांत नहीं बैठेंगे. लेकिन नई पारी व नए प्रोजेक्ट के बारे में खुलासा कुछ समय बाद करेंगे. उन्होंने बताया कि वे भोपाल में अपने परिजनों से इसी वादे के साथ दिल्ली आए थे कि वे छह महीने में वापस भोपाल लौट जाएंगे पर ऐसा न हो सका और उनका यूएनआई से अलग होना टलता रहा.
यूनीवार्ता में कई फेरबदल, तीन लोग रिटायर
: जय अवस्थी बने ब्यूरो उप प्रमुख, राजकुमार मिश्रा बने बिजनेस हेड : यूनीवार्ता, दिल्ली में पुनर्गठन का सिलसिला आगे बढाते हुए वरिष्ठ विशेष संवाददाता जय अवस्थी को ब्यूरो उप प्रमुख तथा राजकुमार मिश्रा को बिजनेस और कामर्स का प्रमुख बनाने की आज घोषणा की गई. इस बीच यूनीवार्ता में लम्बी सेवा देने के बाद प्रमोद मजूमदार आज सेवानिवृत हो गये.
सुभाष निगम यूनीवार्ता के ब्यूरो प्रमुख बने
: व्यापक बदलाव के संकेत : यूनीवार्ता, दिल्ली में ब्यूरो प्रमुख की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान का पटाक्षेप करते हुए यूएनआई प्रबंधन ने एजेंसी के विशेष संवाददाता सुभाष निगम को ब्यूरो प्रभारी बनाने का विधिवत आदेश जारी कर दिया है. यूनीवार्ता ब्यूरो में करीब तीन महीने पहले निगम को अस्थाई तौर पर ब्यूरो का कार्यभार सम्भालने को कहा गया था. इस व्यवस्था को स्थाई रूप देते हुए प्रबंधन ने पूरे विवाद पर पर्दा डाल दिया. सूत्रों के अनुसार प्रबंधन ने यूएनआई और यूनीवार्ता के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए पूरी संरचना को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया है.
यूएनआई से भंडारी जा रहे हैं!
देश की प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी यूएनआई राजनीति के अखाड़े में तब्दील है. यूनियन में दो गुट हैं. एक भंडारी समर्थक और एक भंडारी विरोधी. भंडारी विरोधी गुट ने जाने कबसे हवा बांध रखा है कि भंडारी जा रहे हैं, भंडारी जा रहे हैं और फाइनली भंडारी जा रहे हैं. पर भंडारी कहते हैं कि वे कहीं नहीं जा रहे हैं, कुछ लोगों की हल्ला-गुल्ला करने और अफवाह फैलाने की आदत है, और वे पिछले छह महीने से यही सब अफवाह फैला रहे हैं, सो, जान लीजिए कि भंडारी कहीं नहीं जा रहे हैं.
यूएनआई यूनियन चुनाव पर सुनवाई 25 तक स्थगित
यूएनआई वर्कर्स यूनियन के चुनाव को गैरकानूनी घोषित करने का अनुरोध करते हुए दायर की गई पूर्व महासचिव राजेश कुमार और अन्य के मामले में पटियाला हाउस की अदालत ने सुनवाई 25 सितम्बर तक के लिए स्थगित कर दी। यह मामला पूर्व महासचिव ने 20 अगस्त को दायर किया था और चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन अदालत ने चुनाव पर रोक लगाने के बजाए सुनवाई 23 अगस्त तय की थी।
मोहनलाल जोशी बने यूएनआई यूनियन अध्यक्ष
: सभी सदस्य निर्विरोध निर्वाचित : नयी दिल्ली। यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यूएनआई) के कर्मचारियों के संगठन यूएनआई वर्कर्स यूनियन की 2010-11 के लिये नई कार्यकारिणी के चुनाव में मोहन लाल जोशी अध्यक्ष के पद के लिये तथा एके बनर्जी उपाध्यक्ष पद के लिये निर्विरोध निर्वाचित हुए। मुकेश कौशिक महासचिव पद के लिए निर्विरोध चुने गए। यूनियन चुनाव के 21 अगस्त को घोषित परिणाम के अनुसार समरेन्द्र कांत पाठक, स्वराज सर्मा सचिव तथा बिशन सिंह नेगी कोषाध्यक्ष बने हैं। कार्यकारिणी के 12 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये।
यूएनआई के जीएम ने दिया आरोपों का जवाब
न्यूज एजेंसी यूएनआई के जनरल मैनेजर अरुण कुमार भंडारी ने कर्मचारियों के एक गुट द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब भड़ास4मीडिया के साथ बातचीत के दौरान दिया. भंडारी का साफ कहना है कि उन्हें वही लोग हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जो लोग यूएनआई का अधिग्रहण करना चाहते हैं. ऐसे ही लोग इच्छा पूरी न होने पर तमाम तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. भंडारी से हुई बातचीत इस प्रकार है-
भंडारी का कमाल देखो!
21 मार्च की बजाय 19 को ही मनाया यूएनआई स्थापना दिवस : न्यूज एजेंसी यूएनआई उर्फ संवाद समिति यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया. 21 मार्च को यह ऐतिहासिक न्यूज एजेंसी अपनी स्थापना के पचास बरस में प्रवेश कर गई. किसी संस्थान के लिए 50 साल का सफर तय करना महत्वपूर्ण होता है मगर रिटायरमेंट के बाद जनरल मैनेजर की कुर्सी पर काबिज अरूण कुमार भंडारी के लिए शायद स्थापना दिवस के कोई मायने नहीं.