इंडिया टीवी में प्रमोशन, शोषण के लिए नया पद सृजित

इंडिया टीवी से खबर है कि इंक्रीमेंट मिलने के साल भर बाद अब लोगों को प्रमोशन दिया गया है. हालांकि प्रमोशन में भी जमकर भेदभाव किए जाने का आरोप है. शोषण करने के लिए डिप्टी प्रोड्यूसर जैसा एक नया पद सृजित कर दिया गया है. यह पद एसोसिएट प्रोड्यूसर और प्रोड्यूसर के बीच का है. अभी तक आमतौर पर एसोसिएट प्रोड्यूसर को प्रमोशन देकर प्रोड्यूसर बना दिया जाता है पर इंडिया टीवी ने अपने युवा पत्रकारों का शोषम व प्रमोशन लंबा खींचने के लिए डिप्टी प्रोड्यूसर जैसा पद निकाल दिया है.

अन्ना के आंदोलन से इंडिया टीवी का बैंड बजा, रिपोर्टरों को नोटिस

: चिटफंडियों, बिल्डरों, दलालों, सरकार समर्थकों, नान-न्यूज वालों के न्यूज चैनल धड़ाम हुए : खिसियाये इंडिया टीवी प्रबंधन ने अपने रिपोर्टरों पर निकाली भड़ास : अन्ना हजारे के समर्थन में जिस तरह पूरा देश उठ खड़ा हुआ है, उससे न्यूज चैनलों पर दबाव बहुत बढ़ गया है. कामेडी, भूत प्रेत, अंधविश्वास, अपराध, चिरकुटई आदि दिखाने का वक्त नहीं है. शुद्ध हार्ड न्यूज पर खेलने का दौर है.

अरुण पुरी ने कहा- टीआरपी भूलो, खबर पर लौटो!

आजतक न्यूज चैनल के बुरे हाल ने इसके मालिक अरुण पुरी की कुंभकर्णी नींद तोड़ दी है. खबर है कि उन्होंने पिछले दिनों चैनल के शीर्षस्थ लोगों की एक बैठक बुलाई और दो टूक कह दिया कि आप लोग अब टीआरपी की चिंता छोड़ दें, प्रलय और ज्योतिष आदि दिखाने बंद कर दें, हार्डकोर खबरों की तरफ लौटें, क्योंकि टीआरपी की चिंता ने चैनल की जो दुर्गति कर दी है, उससे ज्यादा दुर्गति अब ठीक नहीं. सूत्रों के मुताबिक अरुण पुरी का ऐसा आदेश इसलिए देना पड़ा क्योंकि इंडिया टीवी ने आजतक की चूलें हिला दी है.

रविकांत मित्तल जाएंगे आजतक, विनोद कापड़ी को लेकर अफवाह

इलेक्ट्रानिक मीडिया में इन दिनों विनोद कापड़ी को लेकर चर्चाओं और अफवाहों का दौर जारी है. कहा जा रहा है कि वे आजतक जा रहे हैं. इसकी चर्चा तब शुरू हुई जब आजतक से कमर वहीद नकवी के रिटायर होने की चर्चाएं शुरू हुईं. पर भड़ास4मीडिया से बातचीत में विनोद कापड़ी ने आजतक जाने की चर्चाओं को अफवाह और निराधार करार दिया. उन्होंने कहा कि न तो मैं इंडिया टीवी छोड़ रहा हूं और न कहीं किसी दूसरे जगह ज्वाइन करने का विचार है.

आजतक अभीतक है नंबर तीन, नकवी और शैलेष का क्या होगा!

जो चैनल अपने शुरुआत से लेकर पिछले कुछ महीनों तक नंबर वन की कुर्सी पर आसीन रहा, यदाकदा के छिटपुट उदाहरणों-अपवादों को छोड़कर, वह अब लगातार तीसरे नंबर पर है. कभी खबरों, तेवर और सरोकार के मामले में भी नंबर वन माने जाना वाला यह न्यूज चैनल आजतक अब उन्हीं चूतियापों, कलाबाजियों और बेसिरपैर की खबरों व करतबों के लिए जाना जाता है जिसके लिए इंडिया टीवी कुख्यात व बदनाम है.

”कापड़ीकांड” से 15 सबक सीखें

[caption id="attachment_17215" align="alignright" width="85"]फिर विरोधियों के निशाने पर, फिर विवादों में : इंटरनेट पर प्रसारित विनोद कापड़ी की निजी तस्वीरों में से एक संपादित तस्वीर.फिर विरोधियों के निशाने पर, फिर विवादों में : इंटरनेट पर प्रसारित विनोद कापड़ी की निजी तस्वीरों में से एक संपादित तस्वीर.[/caption]इक बिरहमन (ब्राह्मण) ने कहा है कि ये साल अच्छा ….नहीं…. है. तभी तो, साल 2010 न्यूज चैनलों के संपादकों के लिए वाकई अच्छा नहीं साबित हो रहा है. इसी कारण कभी कोई संपादक अपने चैनल से इस्तीफा देकर घर बैठ जाता है.

मेल से इंडिया टीवी में मचमच, साइबर सेल सक्रिय

इंडिया टीवी के अंदर का माहौल गरम है। एक मेल ने तहलका मचा रखा है। मैनेजिंग एडिटर विनोद कापड़ी से पीड़ित किसी व्यक्ति ने बदला लेने के लिए चरित्रहनन को हथियार बनाया और एक फर्जी मेल आईडी से इंडिया टीवी में कार्यरत सभी लोगों को एक मेल भेज दिया। इस मेल में ढेर सारी बकवास बातें लिखी गई हैं। मेल आते ही इंडिया टीवी में हड़कंप मच गया।

न्यूज चैनलों का कंटेंट लीडर है इंडिया टीवी : कापड़ी

विनोद कापड़ी‘हिन्दी न्यूज का सही लीडर पैदा हो चुका है’ : ‘दर्शकों के लिए खबरों का मतलब सिर्फ इंडिया टीवी’ : ‘इंडिया टीवी लीडर है, लीडर किसी को फॉलो नहीं करता’ : हमें हर न्यूज चैनल कॉपी करने की कोशिश कर रहा’ : ‘टीवी में खबरों का दौर एक बार फिर लौट आया है’ : ‘यह यकीनन खबरों की जीत है, हम खबरों के सप्ताह में जीते हैं’ : ‘आलोचकों से निवेदन, वे स्वस्थ आलोचना करें’ : ‘गलती पर उंगली उठाएं तो अच्छाई पर पीठ भी थपथपाएं’