ऐसे दौर में जब पत्रकारिता राडियाओं के कारण आम जन की नजरों से गिर चुकी है, तब न्यू मीडिया के लोग फटेहाली में जीते हुए भी मिशन को जिंदा रखे हुए हैं, आगे बढ़ा रहे हैं और इस मिशन के संचालन के लिए किसी पूंजीपति या सरकार के दरवाजे पर दस्तक देने की जगह, दांत निपोरने की बजाय जनता के सामने सीना तान कर चंदा मांग रहे हैं, मदद की अपील कर रहे हैं.
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विकीलिक्स और विकीपीडिया का मॉडल बनाम भड़ास4मीडिया की चिंता
लखनऊ में एक पत्रकार हैं संजय शर्मा. पहले कुछ मीडिया हाउसों के साथ जुड़कर पत्रकारिता करते थे. बाद में लखनऊ में अपना अखबार शुरू किया, वीकेंड टाइम्स नाम से, समान विचार वाले कुछ लोगों के साथ मिलकर पार्टनरशिप में. पिछले कुछ महीनों के दौरान दो बार लखनऊ जाना हुआ दोनों ही बार उनसे मिला. पहली बार बड़े आग्रह और स्नेह के साथ अपने घर ले गए, खाना खिलाया. अपना आफिस दिखाया. खूब सारी बातें कीं. दूसरी बार वे छोड़ने स्टेशन आए, स्टेशन पर ही हम दोनों ने खाना खाया. आज उनका मोबाइल पर एक संदेश आया. आपके एकाउंट में दस हजार रुपये जमा करा दिए हैं.
भड़ास4मीडिया के वीडियो पोर्टल का ट्रायल शुरू
पहले भड़ास ब्लाग Bhadas.BlogSpot.com फिर भड़ास4मीडिया Bhadas4Media.com फिर विचार पोर्टल Vichar.Bhadas4Media.com अब वीडियो पोर्टल. नाम मीडियाम्यूजिक.भड़ास4मीडिया.काम है. इस पर जाने के लिए आपको पता www.MediaMusic.Bhadas4Media.com टाइप करके इंटर मार देना होगा.
डी कंपनी चलाएगी सहारा?…. जागरण के इंचार्ज दक्खिन मुखी… पुलिस ने पत्रकार को धकेला… सहारा की लांचिंग टली…
: मीडिया न्यूज की एक और हिंदी वेबसाइट : खबर लेने वालों की इस कदर खबर ली जाएगी, इससे कुछ साल पहले हम सभी बेखबर थे. लेकिन भड़ास4मीडिया ने जो सिलसिला शुरू किया, उसे आगे बढ़ाने को कई वरिष्ठ-कनिष्ठ लोग आगे आ गए हैं. जाहिर है, अकेले शुरू हुआ यह सफर कारवां में तब्दील हो चुका है. दुनिया को समानता और न्याय की नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले मीडिया हाउस कितने अनैतिक हैं, उनके अंदर की दुनिया कितनी स्याह है, इसका खुलासा करने का सिलसिला तेज हो चुका है. कई लोग अपने सीमित संसाधनों में बिना लाभ हानि की आशा के मीडिया न्यूज को साहस के साथ प्रकाशित प्रसारित कर रहे हैं.
नए सर्वर पर शिफ्ट हुआ भड़ास4मीडिया
नये सर्वर पर भड़ास4मीडिया की शिफ्टिंग की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है. लगभग शब्द का इस्तेमाल इसलिए कर रहा हूं क्योंकि जितनी दिक्कत-अफरातफरी इस बार हम लोगों के हिस्से में आई, उतनी परेशानी कभी नहीं हुई. नए डेडीकेटेड सर्वर को जिस कंपनी ने प्रोवाइड किया है, उस कंपनी के छह शिफ्टों के इंचार्जों ने अपने-अपने तरीके से भड़ास4मीडिया के डाटाबेस को पुराने से नए सर्वर पर लाने की कोशिश की और साइट को रन करने का प्रयास किया. लगभग 40 घंटे साइट शिफ्टिंग में लगे.
डेडीकेटेड सर्वर फाइनल, संकट खत्म
”भड़ास4मीडिया फिर फंसा संकट में” शीर्षक से अपनी बात कहने-प्रकाशित करने के बाद करीब 15 घंटे तक मोबाइल व मेल से खुद को दूर रखा. अब जब सारा कुछ देख चुका हूं, तो कह सकता हूं कि रिस्पांस गजब का मिला है. लगने लगा है कि एक बड़ी संख्या शुभचिंतकों, समर्थकों, चाहने वालों की भड़ास4मीडिया के आसपास है जो इसे इसके तेवर के साथ जिंदा रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार है.
कैसी कैसी खबरें आती हैं भड़ास के पास!
देहरादून के …. कार्यालय के प्रभारी पत्रकार श्री…. को शराब पीने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. पत्रकार श्री…. और उनके फोटोग्राफर श्री… ने आये दिन की तरह शराब का अत्याधिक मात्रा में सेवन कर लिया. उसके बाद बाइक पर सवार होकर शहर में घूमने का आन्नद ले रहे थे. अचानक एक गली में उनकी बाइक गिर गई. बाइक गिरने के साथ स्टार्ट ही रही और पत्रकार श्री…. का पांव पहिए में आ गया.
फिर लौटेंगे छोटे से ब्रेक के बाद
कई बार लगने लगता है कि चीजें यूं ही चलती चली जा रही हैं, बिना सोचे-विचारे. तब रुकना पड़ता है. ठहरना पड़ता है. सोचना पड़ता है. भड़ास4मीडिया को लेकर भी ऐसा ही है. करीब डेढ़-दो महीने पहले भड़ास4मीडिया के दो साल पूरे हुए, चुपचाप. कोई मकसद, मतलब नहीं समझ आ रहा था दो साल पूरे होने पर कुछ खास लिखने-बताने-करने के लिए. पर कुछ सवाल जरूर थे, जिसे दिमाग में स्टोर किए हुए आगे बढ़ते रहे, चलते रहे. पर कुछ महीनों से लगने लगा है कि जैसे चीजें चल रही हैं भड़ास4मीडिया पर, वैसे न चल पाएंगी. सिर्फ ‘मीडिया मीडिया’ करके, कहके, गरियाके कुछ खास नहीं हो सकता. बहुत सारे अन्य सवाल भी हैं.
40 हजारी क्लब में शामिल हुआ भड़ास4मीडिया
तेजी से बढ़ रहा भड़ास4मीडिया का ग्राफ : अभी जश्र मनाने की जरूरत नहीं लेकिन खबर अच्छी है. भारतीय मीडिया इण्डस्ट्रीज की हलचल से वाकिफ कराने वाली बेवसाइट भड़ास4मीडिया दुनियाभर की सभी भाषाओं में संचालित 40 हजार सबसे लोकप्रिय वेबसाइट्स की सूची में शामिल हो गई है. सनद रहे कि दुनिया की 1 लाख सबसे लोकप्रिय वेबसाइट्स की सूची में शामिल होने के लिए हजारों वेबसाइट संचालक होड़तोड़ मेहनत करके डाटा जुटाते हैं.
Is access to Bhadas4Media denied at some places?
Yashwant Ji namaskaar, I hope you are doing fine. I want to share a doubt with you. It is possible that you may already know about it or it is just a figment of my imagination, well in that case please excuse me for bothering you. Some of my friends have been bugging me on my cell, for quite some time now, asking me to keep informing them about what’s new at Bhadas. I am just fed up.