— ब्रेकिंग न्यूज — : इंडिया न्यूज के चैनल हेड अनुरंजन झा, क्राइम इंचार्ज मुकुंद शाही और आउटपुट शिफ्ट इंचार्ज राकेश योगी के कार्यमुक्त होने की खबर मिली है। चैनल से जुड़े सूत्रों के अनुसार डिप्टी डायरेक्टर न्यूज अनुरंजन झा का प्रबंधन से कई मुद्दों को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। आंतरिक राजनीति के कारण अनुरंजन ने कई बार इस्तीफे की पेशकश की पर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता रहा। बताया जाता है कि चैनल के अंदरुनी कामकाज में शीर्ष लोगों के अनावश्यक हस्तक्षेप का अनुरंजन ने कई बार विरोध किया और अपनी सख्त आपत्ति उपर तक पहुंचाई। अंततः जब स्थितियां पूरी तरह प्रतिकूल होती दिखीं तो अनुरंजन ने इस्तीफा दे दिया। अनुरंजन के साथ दो अन्य लोग भी चैनल से कार्यमुक्त हुए हैं। ये दोनों चैनल के लिए महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे थे। इनमें एक मुकुंद शाही क्राइम इंचार्ज और दूसरे राकेश योगी शिफ्ट इंचार्ज के बतौर चैनल को अपनी सेवाएं दे रहे थे।
उधर, प्रबंधन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चैनल हेड अनुरंजन झा समेत तीनों लोगों को प्रबंधन ने कार्यमुक्त कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक चैनल में चल रही आंतरिक रस्साकस्सी को हद से पार जाते देख प्रबंधन को आखिरकार कुछ तय करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि चैनल के सीईओ हरीश गुप्ता से चैनल हेड अनुरंजन झा का द्वंद्व मीडिया जगत के लिए नया नहीं है। वैसे भी, अनुरंजन से पहले डिप्टी डायरेक्टर न्यूज किशोर मालवीय, एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर अजीत द्विवेदी और एडिटर एसएन विनोद के भी हरीश गुप्ता से आंतरिक झगड़े होते रहे हैं। इन झगड़ों के चलते ही आखिरकार सभी को जाना पड़ा या इस्तीफा देना पड़ा। अनुरंजन के जाने के बाद इंडिया न्यूज से बेहद वरिष्ठ लोगों के बेआबरू होकर जाने की परंपरा पुष्ट हुई है।
इस्तीफे के मुद्दे पर अनुरंजन झा से भड़ास4मीडिया ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा- ‘पिछले महीने जो पचास लोग निकाले गए, उस मुद्दे पर मैनेजमेंट के साथ मेरा काफी मतभेद रहा। निकाले गए कई लोगों के लिए मैंने मैनेजमेंट से बात की। मैनेजमेंट ने भरोसा दिया इस पर विचार किया जाएगा पर उधर से अभी तक कोई विचार नहीं किया गया। 10 दिनों पहले एक खबर को लेकर चैनल के सीईओ के साथ मेरी तीखी बहस हुई। उस दिन भी मैंने इस्तीफे की पेशकश कर दी। मैंने जल्दबाजी में कोई फैसला लेने के बजाय एमडी के अमेरिका से लौटने का इंतजार किया। मैंने सीईओ हरीश गुप्ता से उस दिन कह दिया कि ये चैनल या तो हरीश गुप्ता चलाएंगे या मैं चलाऊंगा। मेरा हरीश गुप्ता से मतभेद जगजाहिर था। मुझे संपादकीय काम में अनावश्यक दखलंदाजी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं थी। आज के दिन जो मामला हुआ उसमें बड़ी वजह निकाली गई मेकअप आर्टिस्ट की वापसी थी। आज मैं दफ्तर नहीं गया था। वैसे मैं साप्ताहिक अवकाश नहीं लेता पर आज मैंने पारिवारिक कारणों से साप्ताहिक अवकाश लिया। आज मुझे मालूम चला कि एक मेकअप आर्टिस्ट की वापसी कराई गई है। मैंने उसका विरोध किया। जिस मेकअप आर्टिस्ट की वापसी कराई गई उसके कामकाज व अन्य चीजों को लेकर मेरी आपत्ति थी। मैंने मैनेजमेंट को कहा कि अगर काम करने वाले लोग हटाए गए हैं तो मेकअप आर्टिस्ट की तरह उन लोगों की भी वापसी कराई इसी के साथ होनी चाहिए। इस बात पर मैनेजमेंट का रवैया टालमटोल वाला था। लिहाजा मैंने अपने पद से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी।”
अनुरंजन को जब बताया गया कि उनके साथ दो अन्य लोगों ने भी इस्तीफा दिया है तो उनका कहना था- ‘ये खबर आपसे ही मुझे मिल रही है। हो सकता है कि जिन लोगों को मेरे विचार पसंद आएं हों, वे लोग मेरा साथ देने के लिए आगे आए हों। मैं नहीं जानता कि मेरा साथ देने वाले दो हैं या कई और।’
इस मसले पर बात करने के लिए जब इंडिया न्यूज के सीईओ हरीश गुप्ता से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। उनके मोबाइल पर इस प्रकरण के बारे में उनका पक्ष जानने के लिए एसएमएस किया गया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।