अब चैनलों की टीआरपी तय करेगा बार्क : सरकार अब टीवी चैनलों की टीआरपी तय करने में मौजूदा एजेंसी टैम के एकाधिकार को खत्म करेगी। अब शहरी टीवी दर्शकों के आधार पर ही टेलीविजन चैनलों की लोकप्रियता का आकलन नहीं किया जाएगा। अब देश की जनसंख्या के बड़े हिस्से यानी ग्रामीण टीवी दर्शकों की पसंद का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
दरअसल टीवी चैनलों की टीआरपी के मकड़जाल को खत्म करने के लिए सरकार ने अब ब्रॉडकास्टिंग आडियंस रिसर्च कांउसिल (बार्क) को दोबारा उबारने की योजना बनाई है। इसके लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने पहल कर दी है। अंबिका सोनी ने कहा कि दर्शकों को कौन सा टीवी चैनल पसंद है और कौन सा नहीं, इसका आकलन सिर्फ दस हजार बक्सों के माध्यम से नहीं लगाया जा सकता। दर्शकों की पसंद का पता लगाने के लिए आकलन के तरीके के दायरे को बढ़ाना होगा। यह आकलन शहरी और ग्रामीण टीवी दर्शकों की पसंद के आधार पर होना चाहिए। गौरतलब है कि मौजूदा टीआरपी का आकलन दस हजार बक्सों के जरिए ही होता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री की मंगलवार को सभी टीवी चैनलों के प्रमुखों के साथ दिनभर चली बैठक में यह फैसला किया गया।
सोनी ने कहा कि बार्क को दोबारा गठित करने पर चर्चा की गई है और इस संबंध में जरूरी औपचारिकताएं शीध्र पूरी हो जाएंगी। सोनी के मुताबिक टीवी चैनलों के प्रमुखों की चिंता है कि वे टीआरपी के आधार पर ही अपने कार्यक्रम तय करते हैं, इसलिए इसे संतुलित होना बहुत जरूरी है। गौरतलब है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ट्राई की सिफारिशों के आधार पर 2007 में बार्क का गठन किया था। हालांकि यह अपनी पूरी भूमिका नहीं निभा पाया।
अंबिका सोनी ने कहा कि सीआईआई ने भी टीवी के कार्यक्रम समेत बड़े मुद्दों को सुलझाने में मदद करने के लिए एक स्थाई समिति गठित करने का फैसला किया है। यह समिति बातचीत की प्रक्रिया को जारी रखने का काम करेगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने स्पष्ट किया कि यूपीए सरकार का 500 से ज्यादा टीवी चैनलों पर किसी तरह का नियंत्रण रखने के पक्ष में नहीं है।
जीत भाटी
March 31, 2010 at 7:45 am
यक़ीनन यह बहुत बड़ी खबर हैं, ऐसा हो जाए तो भारतीय पत्रकारिता को शंजिवनी मिल जाएगी और हो सकता हैं की न्यूज़ और कंटेंट में भी सुधार आ जाए
वेल डन अंबिका जी.
जीत भाटी
lets see what happens
March 31, 2010 at 8:46 am
wah kya baat hai!!!! sarkar ki soch to acchi hai…agar lagu ho jaye too….halanki, iski ummed kam he hai.. par TRPS ki andhi daud mein ujale ki ek kiran zaroor nazar aye hai.. dekhte hain natija kya nikalta hai… TAM KI TRP ki chabuk issi tarah TV industry ko belagam hankti rehti hai ya fir BARC ka aklan use rasta dikhne mein kamyab hot hai !
uday
March 31, 2010 at 8:52 am
यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था.खैर,देर आये दुरुस्त आये.
Chandan ( Cine Editor ,Patna)
April 1, 2010 at 12:44 am
television ki dunia mai ye ek nai pahal hogi…. ise abilam lago karne ki jarurat hai….. ye channel wale ki apni manmani tab samajh mai ayegi or darsko ko achha programme dekhne ko milega….
ajay tripathi
April 1, 2010 at 9:32 am
हर हफ्ते वाली तनावपूर्ण स्थिति से हम लोगों का कुछ तो बचाव होगा।
winit
April 2, 2010 at 2:05 pm
Jyada Khush Mat Hoiye, Arabo Rs Ke Is Khel Me Deal Karne Wale Dalal Mantralaya Me Jugad Aur Setting Baithane Me Lag Gaye Honge…….
KLJ
April 3, 2010 at 2:29 pm
SARKAAR KI YOJNAO KA HASHRA PEHALE KYA HUA HAI SABKO PATA HAI…AYR FIR KYA LE-DE KE ISME KHEL NAHI HONGE…