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कोर्ट ने अमित सिन्हा के हाथ-पांव बांधे

वायस आफ इंडिया उर्फ वीओआई का मामला उलझता जा रहा है. मित्तल बंधुओं की त्रिवेणी मीडिया और अमित सिन्हा की सर्चालाइट मूवीज के बीच वीओआई को लेकर जो समझौता हुआ था, उसको लेकर मित्तल बंधुओं ने कोर्ट में केस दायर कर दिया है. आज दिल्ली हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर अमित सिन्हा से त्रिवेणी मीडिया लिमिटेड के दफ्तरों-ब्यूरो आफिसों में स्थित सामानों, उपकरणों आदि को किसी को हस्तांतरित करने, नुकसान पहुंचाने आदि पर रोक लगा दी है.

<p style="text-align: justify;">वायस आफ इंडिया उर्फ वीओआई का मामला उलझता जा रहा है. मित्तल बंधुओं की त्रिवेणी मीडिया और अमित सिन्हा की सर्चालाइट मूवीज के बीच वीओआई को लेकर जो समझौता हुआ था, उसको लेकर मित्तल बंधुओं ने कोर्ट में केस दायर कर दिया है. आज दिल्ली हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर अमित सिन्हा से त्रिवेणी मीडिया लिमिटेड के दफ्तरों-ब्यूरो आफिसों में स्थित सामानों, उपकरणों आदि को किसी को हस्तांतरित करने, नुकसान पहुंचाने आदि पर रोक लगा दी है.</p>

वायस आफ इंडिया उर्फ वीओआई का मामला उलझता जा रहा है. मित्तल बंधुओं की त्रिवेणी मीडिया और अमित सिन्हा की सर्चालाइट मूवीज के बीच वीओआई को लेकर जो समझौता हुआ था, उसको लेकर मित्तल बंधुओं ने कोर्ट में केस दायर कर दिया है. आज दिल्ली हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर अमित सिन्हा से त्रिवेणी मीडिया लिमिटेड के दफ्तरों-ब्यूरो आफिसों में स्थित सामानों, उपकरणों आदि को किसी को हस्तांतरित करने, नुकसान पहुंचाने आदि पर रोक लगा दी है.

साथ एक लोकल कमिश्नर को नियुक्त किया है जो आफिसों में जाकर उपकरणों आदि की तस्वीर लेकर इनकी स्थिति के बारे में कोर्ट को अवगत कराएगा. कोर्ट के आदेश के बारे में त्रिवेणी मीडिया के निदेशक मधुर मित्तल ने सर्चलाइट मूवीज के निदेशक अमित सिन्हा को मेल के जरिए सूचित किया है. मेल की एक प्रति भड़ास4मीडिया के पास भी है, जिसे हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. उससे पहले सर्चलाइट मूवीज के निदेशक अमित सिन्हा का पक्ष दे रहे हैं, जो उन्होंने भड़ास4मीडिया के संपर्क करने पर दिया.

कोर्ट के आदेश और वीओआई के बारे में अमित सिन्हा ने जो कहा, वह इस प्रकार है- ”मुझे कोई भी सूचना कोर्ट के जरिए नहीं मिली है. इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. हां, इतना जरूर कहूंगा कि कोई भी अदालत बिना दूसरे पक्ष को सुने, फैसला नहीं दे सकती. जजमेंट कभी वन साइडेड नहीं होता. मुझे कोर्ट की तरफ से कोई नोटिस या आदेश नहीं मिला है. मेरे पास इस तरह का कोई जजमेंट कोर्ट से नहीं आया है. रही बात वीओआई की तो मित्तल को जितने पैसे मैंने दिए हैं, समझौते के हिसाब से उन्होंने उसके बदले उन्होंने एक भी शेयर ट्रांसफर नहीं किए. मित्तल ने कोर्ट को चालीस करोड़ रुपये की अपनी लायबलिटी के बारे में जानकारी दी है. मित्तल को वीओआई के नाम पर बाजार में चालीस करोड़ रुपये चुकाने हैं. वे बताएं कि ये पैसे कब चुका रहे हैं. ये चालीस करोड़ रुपये किस-किस के बाकी हैं, इसके डिटेल भी मित्तल ने नहीं दिए. इस बारे में मैं उनसे मेल करके, नोटिस भेज कर पूछ चुका हूं पर उनका कोई जवाब नहीं आया. इस बकाए के कारण मुझे चैनल चलाने में भारी दिक्कत आ रही है. मेरे चलते मित्तल को 14 महीने में हर जगह सपोर्ट मिला है. पर ये लोग अब मुझे बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं. यह उचित नहीं है.”

-एडिटर


Dear Amit ji,

We had filed a petition which was listed for hearing before the Hon’ble High Court today The Hon’ble Court was pleased to pass certain orders in my presence which I had noted and communicating to you for necessary compliance The brief content of the Order Pronounced today i.e. on 14th July 2010 by the Hon’ble High Court of Delhi in the OMP: 391/2010 in the open court is as follows;

“Respondent (i.e. you/ Mr Amit Sinha / Searchlight Movies) has been Restrain from Alienating, Transferring, Dealing with, Damaging the media equipments and such Other Properties of TML lying at the premises situated at A-37, Sector 60, Noida and other Bureau offices of TML and the Hon’ble had also appointed Local Commissioner to immediately visit the premises to prepare inventory & reconcile the list of equipment installed therein and to take Photographs/ Videography of the same and to report the condition thereof to Hon’ble Court.  The local Commissioner is being permitted to take the assistance of the local police, in case he requires.”

The Next date of hearing has been fixed for 28th July 2010.

Certified copy of the said Order has been requested as Dasti from the Hon’ble Court. The same will be served upon you on receipt of the same.

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Look forward for the positive and cooperative response from you and your associates.

Disclaimer Note: Exact lines/content of the Order may differ, as the content of Order written above are as per the pronouncement which has been heard and understand by us in the open court. You are requested to make yourself available or your Advocate for the inspection of the said Order for the exact wording’s before acting upon the same. The only purpose of writing this mail is to provide you an advance intimation/information.

With Best Regards,

MADHUR MITTAL

(For Sumit Mittal Group)

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