: वीओआई के एकाउंटेंट आलोक शुक्ला ने अमित सिन्हा के खिलाफ पुलिस में शिकायत की : वायस आफ इंडिया उर्फ वीओआई के संबंध में खबर है कि इस न्यूज चैनल के संचालन का अधिकार एक बार फिर त्रिवेणी मीडिया को मिलने वाला है. त्रिवेणी मीडिया से जुड़े उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि अमित सिन्हा की कंपनी सर्चलाइट मूवीज ने सुमित मित्तल और मधुर मित्तल की कंपनी त्रिवेणी मीडिया से वीओआई के संचालन का अधिकार कई शर्तों के साथ हासिल किया था. इन शर्तों में हर माह एक निश्चित रकम मित्तल बंधुओं को देना भी शामिल था.
करीब पांच वर्षों तक प्रत्येक महीने भुगतान के बाद वीओआई के मालिक अमित सिन्हा हो पाते. लेकिन पिछले कई महीनों से चेक बाउंस और नान-पेमेंट के कारण मित्तल बंधुओं ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चैनल को उन्हें सौंपने का अनुरोध किया. याचिका में आधार बनाया गया कि अमित सिन्हा तय शर्तों का पालन नहीं कर पा रहे हैं और अमित सिन्हा की आर्थिक तंगी के कारण चैनल का संचालन पूरी तरह ठप हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक मित्तल बंधुओं और अमित सिन्हा के बीच बातचीत में अमित सिन्हा ने लिखित तौर पर वीओआई के संचालन का अधिकार मित्तल बंधुओं को सौंपने की सहमति दे दी है. ऐसा माना जा रहा है कि इसी महीने में वीओआई पर एक बार फिर मित्तल बंधुओं का कब्जा हो जाएगा.
उधर, अमित सिन्हा की तरफ से वीओआई में बतौर एकाउंटेंट कार्यरत आलोक शुक्ला ने अपने ही निदेशक अमित सिन्हा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है. इंदिरापुरम थाने में दी गई शिकायत में आलोक ने आरोप लगाया है कि अमित सिन्हा ने उन्हें फोन पर जान से मारने और अपहरण करा लेने की धमकियां दीं. आलोक के मुताबिक उन्होंने अमित सिन्हा के लिए वीओआई में कार्यरत सैकड़ों लोगों की गालियां खाई क्योंकि पैसे तो होते नहीं थे और इंप्लाई पैसे के लिए उन्हें पकड़ता था और गाली देता था. पर इस लायल्टी का नतीजा यह हुआ कि अमित सिन्हा मुझे ही धमकाने लगे.
सूत्रों के मुताबिक एकाउंटेंट आलोक शुक्ला की गल्ती यह थी कि उन्होंने वीओआई के ग्रुप एडिटर रहे किशोर मालवीय की मेल का जवाब दे दिया था. किशोर मालवीय ने एक मेल के जरिए वीओआई के एकाउंटेंट आलोक शुक्ला से जानना चाहा था कि उनका कुल कितना बकाया कंपनी पर है. आलोक ने रिप्लाई कर उस रकम के बारे में बता दिया जो कंपनी पर किशोर का बनता है. इसी से अमित सिन्हा खफा हो गए और आलोक को धमकाने लगे. फिलहाल डरे-सहमे आलोक शुक्ला जान बचाने के लिए अपना घर छोड़कर दूसरों के यहां रात बिता रहे हैं. इन दोनों प्रकरणों पर अमित सिन्हा का पक्ष जानने के लिए भड़ास4मीडिया की तरफ से अमित के मोबाइल पर कल शाम और आज सुबह, दो बार काल किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.