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वीओआई न कभी मरा और न मरेगा : मित्तल

[caption id="attachment_15751" align="alignleft"]मधुर मित्तलमधुर मित्तल[/caption]वायस आफ इंडिया के बंद होने के बाद इस चैनल की मौत का लेकर मीडिया इंडस्ट्री में काफी कुछ कहा-सुना जा रहा है लेकिन वीओआई के कर्ताधर्ता नहीं मानते की चैनल की मौत हो चुकी है। इनका साफ कहना है वे लोग जल्द इस दौर (विवाद और आंदोलन) से निकल कर चैनल को आन एयर कराएंगे। त्रिवेणी इनफ्रास्ट्रक्चर और त्रिवेणी मीडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ मधुर मित्तल का कहना है कि वायस आफ इंडिया बंद नहीं किया जाएगा। इसे पंद्रह दिन से लेकर एक महीने के अंदर आन एयर कर दिया जाएगा। भड़ास4मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में मधुर मित्तल ने कई बातें कहीं।

मधुर मित्तल

मधुर मित्तलवायस आफ इंडिया के बंद होने के बाद इस चैनल की मौत का लेकर मीडिया इंडस्ट्री में काफी कुछ कहा-सुना जा रहा है लेकिन वीओआई के कर्ताधर्ता नहीं मानते की चैनल की मौत हो चुकी है। इनका साफ कहना है वे लोग जल्द इस दौर (विवाद और आंदोलन) से निकल कर चैनल को आन एयर कराएंगे। त्रिवेणी इनफ्रास्ट्रक्चर और त्रिवेणी मीडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ मधुर मित्तल का कहना है कि वायस आफ इंडिया बंद नहीं किया जाएगा। इसे पंद्रह दिन से लेकर एक महीने के अंदर आन एयर कर दिया जाएगा। भड़ास4मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में मधुर मित्तल ने कई बातें कहीं।

उन्होंने बताया कि वीओआई को फिर से शुरू करने वाली टीम के ज्यादातर लोग नए होंगे। आंदोलनकारी वीओआई कर्मियों के बकाया भुगतान के मसले पर मधुर का कहना था कि कल 70-80 लोग आए थे और अपने पैसे ले गए। आज भी कुछ लोग आए हैं। हम लोग सभी का सेटलमेंट करना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग बात का बतंगड़ बनाने में लगे हैं। मधुर मित्तल के मुताबिक ये कुछ लोग हाईकोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन कर रहे हैं जिसके मुताबिक आफिस और घर की परिधि के 200 मीटर आसपास कोई जमावड़ा नहीं करना है। हम लोगों के पास ऐसी तस्वीरें आई हैं जिसमें साफ-साफ दिख रहा है कि ये लोग जबरदस्ती कर रहे हैं। हम लोगों के जो आदमी कोर्ट के आदेश को सर्व करने गए थे, उनके साथ जोर-जबरदस्ती की गई। पुलिस का भी कहना है कि कोर्ट के आदेश का कुछ आंदोलनकारी उल्लंघन कर रहे हैं।

उधर, वीओआई के आंदोलनकारियों ने भड़ास4मीडिया को बताया कि जिन लोगों के सेटलमेंट का दावा किया जा रहा है वे मीडिया संस्थान के बच्चे थे। पर यही बच्चे अब मुकदमा लिखाने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि इनसे 12 महीने की फीस के रूप डेढ़ लाख रुपये लिया गया पर पांच महीने भी पढ़ाई नहीं हुई और इंस्टीट्यूट बंद कर दिया गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर आंदोलनकारियों का कहना है कि कोर्ट को गफलत में रखकर आदेश लिया गया है। इस बारे में सोमवार को कोर्ट को सूचित किया जाएगा।

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0 Comments

  1. vinod bansal

    January 14, 2010 at 1:10 pm

    mittal sahab mary paisay to de do mahanat ki hy ya phir bhul jao

  2. Avinash Chaudhary

    July 6, 2010 at 11:00 am

    jo be ho isms ke student to hamsa he bali ka bakra bani.kari ko or bhukti koi. jab isms student kam kara cha rahi the tab una kam karni nahi dey gaya or ab ya iljam ke hangama kar ne vale student the.par ya vo be jante ha jo isms ko mohra ban nahi ha.ke hum kise sa kam nahi.or har department ma uno na marath hasel kar le ha or vo voi ko chala sakte ha or badiy chala sakte ha.

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