अमर उजाला में बड़े पैमाने पर उलटफेर, कई संपादक इधर-उधर

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अतुल माहेश्वरी के निधन के कई महीनों बाद अमर उजाला में बड़ा उलटफेर हुआ है. राजुल माहेश्वरी अब पूरी तरह फार्म में आ गए दिखते हैं. खबर है कि अमर उजाला, मेरठ के संपादक सूर्यकांत द्विवेदी को नोएडा आफिस से अटैच कर दिया गया है और नए संपादक के रूप में मेरठ शंभूनाथ शुक्ला को भेजा जा रहा है. शंभूनाथ शुक्ला अमर उजाला में कानपुर के संपादक रहे चुके हैं. इन दिनों नोएडा और दिल्ली देख रहे थे.

शंभूनाथ का काम नोएडा व दिल्ली में संजय अभिज्ञान देखेंगे जो हिंदुस्तान अखबार से इस्तीफा देकर अमर उजाला से जुड़े हैं. अमर उजाला, हल्द्वानी का संपादकीय प्रभारी सुनील शाह को बनाया गया है. सुनील शाह अमर उजाला के साथ कई दशक से हैं. वे इन दिनों मेरठ में सेकेंड मैन के रूप में काम देख रहे थे. हल्द्वानी के प्रभारी आलोक शुक्ला को भी नोएडा कारपोरेट आफिस से अटैच कर दिया गया है.

अमर उजाला, देहरादून के संपादक निशीथ जोशी को भी अमर उजाला नोएडा के कारपोरेट आफिस से अटैच किया गया है. विजय त्रिपाठी जो दैनिक जागरण, मेरठ के संपादक पद से इस्तीफा देकर अमर उजाला से जुड़े हैं, को अमर उजाला, देहरादून का संपादक बनाया जाएगा. इस तरह अमर उजाला के तीन वरिष्ठों निशीथ जोशी, आलोक शुक्ला और सूर्यकांत द्विवेदी को नोएडा कारपोरेट आफिस से अटैच किया गया है. एक इन तीनों लोगों का डिमोशन है या कहा जा सकता है कि इनके काम से प्रबंधन खुश नहीं था. निशीथ जोशी और आलोक शुक्ला पर समय समय पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं. सूर्यकांत द्विवेदी लंबे समय से मेरठ की कमान संभाल रहे हैं पर प्रबंधन मेरठ की ग्रोथ को लेकर खुश नहीं है. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कुछ और संपादकों पर गाज गिर सकती है.

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Comments on “अमर उजाला में बड़े पैमाने पर उलटफेर, कई संपादक इधर-उधर

  • Aliya Khan says:

    Suryakant Divedi aik achche sampadak hain. unhen jo kam diya jayega use be achchi tarah karenge. Nisheeth Joshi ke tabadle ki kaafi pahle se hi aashankayen thin. Unhohne jis tarah se mafia se santh ganth aur bhumi ke mamlon mein dilchaspi dikhayee use dekh kar saaf tha ki amar ujala aisi gatividhiyon ko bardast nahin karega. Joshi ne Jalandhar Unit mein taale lagvaye. vah ludhiana ki deengen marte hain par vahan bhi amar ujala nahin chala. balki jagran jaise akhbaron nen punjab mein achchi paith bana li. Doon mein joshi ne unke vyaktigat kamon ko karne valon ko hi badhava diya. Aik tarah se vah Shashi Shekhar ke Agent ke roop mein kaam kar rahe the. jinhone pahle aaj ko duboya. fir Aaj tak ki buniyad khodi. iske baad Amar Ujala ke do mitron ke parivaron mein jhagdhe ke beej ankurit karne ke liye khad paani dene ka kaam kiya. Atul ji ke kareebiyon ko bahar kiya. Tabhi tay tha ki aik din vah bhi bahar ka hi rasta pakdhenge. Ab hindustan ki baari hai. Joshiji aap bhi kisti dubone ke liye uspar savar ho sakte hain.

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  • rajan singh says:

    brahmanon ke alawa is duniya men aur koi nhin hai ……. idhar kar do ya udhar kar do ya idhar-udhar se tod lo, sirf brahman hi hain aur yhi bhrshtaachaar failaa rhe hain, maalik hain baniye aur mauj maar rhe hain brahman ……. socho, rajul ji, aap to soch hi sakte ho

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  • rajan bhai ne bilkul theek kaha hai.
    brahmano ki kahani sabhi jagah yahi hai ab enko yeh transfar ki dava sone ke baad or uthne se pahle do baat to wahi hai koi fark nahi padna….

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  • एक जागरूक पाठक, देहरादून says:

    महोदय,
    अमर उजाला देहरादून में सम्पादकीय विभाग का कितना बुरा हाल है, ये शायद कारपोरेट ऑफिस में लच्छेदार बातें करने वाले अधिकारियों से घिरे रहने वाले टॉप मैनेजमेंट को नजर न आता हो। इस अखबार के दो अंक पढ़कर आपको भी यही लगेगा। इनमें एक कटिंग 15 जून का है और दूसरा 16 जून का। अमर उजाला के विद्वान सम्पादक ने एक ही रात में एक केंद्रीय राज्यमंत्री को प्रमोशन करके केंद्रीय मंत्री बना दिया। ये दोनों समाचार इस अखबार के भीतर के पन्नों पर नहीं, किन्तु पहले पेज के ऊपरी भाग में छपे हैं। 15 जून के अखबार में श्री जयराम रमेश को केंद्रीय राज्यमंत्री लिखा गया है और 16 जून को उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया गया।
    ये समझ नहीं आता कि अमर उजाला के सम्पादक पहला पेज तक खुद चैक नहीं करते या फिर उनके ज्ञान का स्तर ही यही है ? हो सकता है कि उन्हें खुद ही न मालूम हो कि कौन केंद्रीय मंत्री है और कौन राज्यमंत्री या फिर यह भी हो सकता है कि वे केंद्रीय मंत्री और राज्यमंत्री के बीच कोई अन्तर भी होता है, ये जानते ही न हों। सत्य कुछ भी हो, लेकिन इतना तो समझ में आता है कि ऐसी खबरें जहां अखबार की विश्वसनीयता और सम्पादक की योग्यता पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं, वहीं पाठकों को भ्रम में भी डालती हैं।
    अब समाचार पत्रों में इतना नैतिक साहस भी कम ही दिखाई देता है कि गलतियां करने के बाद अगले दिन के अखबार में भूल सुधार करके उन्हे सुधार लें। अगले दिन के अखबार का इंतजार है कि देखें ये तथाकथित सच्ची खबरें देने वाले अपनी गलती को चुप्पी साधकर दबाते हैं या फिर उन्हें स्वीकार करके पाठकों को भ्रम से बचाने की मर्दानगी दिखाते हैं।
    एक जागरूक पाठक, देहरादून

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  • Mohammad Aarif says:

    Suryakant diwvedi ke chamcho ka kya hoga. Diwvedi ji chamcho ko bhi saat lete Jaao. Noida Mai Desi Ghee or Car wala Chamche nahi milenge. Chamcho or anya se chamcha giri karanae ke liye aapne bhut logo ko pareshan kiya hai. Diwvedi ka demotion ushi ka phal Hai…….

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  • anil gupta says:

    kendriya mantri dono hote hain….ek cabinet mantri aur dusra rajya mantri….pahle khud ka gian badhayie so called jagruk pathak ji….aur bhadas ko bhi jara dekh lena chahiye.

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