: हॉकरों की कमीशन बढ़ाई, पाठकों को भी लेमनचूस थमाई : बनारस में राष्ट्रीय सहारा के दिए झटके से उबरने की कोशिशें जारी हैं. बनारस में चल रहे प्राइस वार में नया पासा हिन्दुस्तान ने फेंका है. हिन्दुस्तान ने पाठकों के बजाय हॉकरों पर भरोसा किया है. अखबार का सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए उनके कमीशन में चवन्नी की बढ़ोत्तरी कर दी गई है. यानी इस पच्चीस पैसे की बढ़ोत्तरी के बाद हिन्दुस्तान हॉकरों को एक रूपये तीस पैसा कमीशन देगा. अखबार ने पाठकों को भी कूपन का लेमनचूस थमाया है. कूपन जोड़ने वाले पाठक को पुरस्कार मिलेगा.
गौरतलब है कि बनारस में राष्ट्रीय सहारा के पदार्पण से ही यहां के अखबारी जगत में हलचल है. पुराने जमे जमाए अखबार अपनी दुकानदारी कम होने के भय से परेशान थे. राष्ट्रीय सहारा पहले अपने अखबार का मूल्य तीन रूपये रखा था. लेकिन 13 जनवरी से उसने अखबार का मूल्य घटा कर दो रूपये कर दिया. राष्ट्रीय सहारा के वार से बनारस के लगभग सभी अखबार घायल हुए. सबके सर्कुलेशन पर प्रभाव पड़ा. सहारा के सर्कुलेशन में तीन से चार हजार कॉपियों की वृद्धि हो गई.
सभी बड़े अखबार इस समय अपने हॉकरों को एक रूपये पांच पैसे कमीशन दे रहे हैं. राष्ट्रीय सहारा ने इस कमीशन के अलावा पचास कॉपियों की शर्त पूरा करने पर हॉकरों को साइकिल देने का एलान भी किया है. जागरण भी अपने पाठकों के लिए स्कीम लागू की है. हॉकरों को भी आई-नेक्स्ट की कुछ कॉपियां फ्री थमा रहा है. अमर उजाला भी हॉकरों के लिए स्कीम चला रखा है. पाठकों को भी महीने का अखबार मात्र पचहत्तर रूपये में उपलब्ध करा रहा है. हिन्दुस्तान भी दस पर एक कॉपी फ्री दे रहा था. पर अब हिन्दुस्तान ने हॉकरों का कमीशन बढ़ाकर एक बार फिर बढ़त लेने की तरकीब चली है. यानी हॉकर जितना ज्यादा हिन्दुस्तान बेचेंगे उतने चवन्नी के फायदा में रहेंगे. अब देखना है कि इस चवन्नी के चोट से दूसरे अखबार कितना घायल होते हैं.
Comments on “बनारस में हिन्दुस्तान ने फेंका चवन्नी का पासा”
kya yah news sahara ke pach mei likhi thi ya sahara nei article diya……tarrif itna kyo….Hazam Nahi hua…
मुफ़्त में कब बटेगा ? मैं सारे अखबार २०-२० प्रति लुंगा अगर मुफ़्त में बाटोगे ।