अपने देश के प्रधानमंत्री बेचारे हैं, मजबूर हैं, लाचार हैं, गल्तियां करने वाले हैं…. और ये सारी बातें वे खुद मानते भी हैं. लेकिन उन्हें शायद डाक्टर ने कह रखा है कि यह सब होने के बावजूद वे पद पर बने रहें. सच में, लाचार पीएम के लगातार पद पर बने रहने के कारण यह देश लाचार होता जा रहा है, इस देश की जनता लाचार होती जा रही है, इस देश की किस्मत में बेचारगी का भाव भरता जा रहा है.
पर पीएम हैं कि पद से ऐसे चिपके हैं जैसे फेवीकोल का जोड़ चिपका देता है, और जनता खींचे पड़ी है लेकिन मनमोहन और पीएम को जोड़ छूटने-टूटने का नाम नहीं ले रहा. जम्मू से सूचना है कि आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीवीसी पद पर दागी पीजे थॉमस की नियुक्ति में अपनी गलती मान ली है. प्रधानमंत्री ने जम्मू में पत्रकारों से कहा कि सीवीसी की नियुक्ति के लिए वह पूरी तरह जिम्मेदार हैं और गलती मानते हैं.
साथ ही यह भी बोले कि थॉमस की नियुक्ति गैरकानूनी करार देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का वह स्वागत करते हैं. क्या ऐसा करना उनकी मजबूरी थी, इस सवाल पर मनमोहन ने सतर्क होते हुए कहा कि नहीं, इस मामले में उनकी या गठबंधन की कोई मजबूरी नहीं थी. आपको याद होगा कि 2जी घोटाले के बारे में कुछ दिन पहले टीपी संपादकों की पीसी में प्रधानमंत्री ने अपना और अपने गठबंधन की मजबूरी का रोना रोया था. सोचिए, ये लाचार, निरीह, बेचारा, कमजोर, मजबूर मनमोहन कब तक प्रधानमंत्री की कुर्सी से चिपका रहेगा? कोई कुछ करो भाई…., कोई कुछ लिखो भाई… इस बेचारगी पर…
Comments on “बेचारे प्रधानमंत्री की चरम बेचारगी, पर बेचारा पद न छोडे़गा”
Likhne ki to baat hi chhodiye, kal jab supreme court ka faisla aaya, to BJP neta Ravi Shankar Prasad kah rahe the PM iski zimmedari len, lekin CNN-IBN ke Rajdeep Sardesai ke moonh se yeh baat hi nikal pa rahi thi ki kya PM ko istifa dena chahiye. Yeh saaf deekh raha tha rajdeep Congress ke chamche hain. Yeh kya likhenge.
थामस के मामले में मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमत नहि हूं , बहुत शीघ्र अपने ब्लाग पर विस्तार से लिखुंगा , असहमत होने का कारण ।
bechare majbur hain! r kya kahen we.
I respect to your view, it was nice comment on PM. And now we should happy that after this judgment so many of cases has reopened or got more attendance.
Let’s see who will be next??
Thanks
यशवंत भाई बेचारे प्रधानमंत्री अपना यही बेचारा बाला चेहरा सबके सामने रख कर अपने लोगो को भ्रष्टाचार के नए नए तरीके अजमाने का मोका दे रहे है.
To know more read “सत श्री अकाल” मनमोहन पाजी”and give space this unique post so that it should reach to audience for the destined fate of sardar manmohan singh ji…”सत श्री अकाल” मनमोहन पाजी”
http://www.medianukkad.blogspot.com/
सरदार मनमोहन सिंह के कार्यकाल में छाए हजारों करोड़ के घोटालों मसलन टू-जी स्पेक्ट्रुम, एस बैंड आवंटन घोटाला, आदर्श सोसायटी घोटाला, विदेशों में जमा खरबों रुपयों के काले धन को स्वदेश लाने में अक्षमता, कॉमनवेल्थ में हुआ घोटाला, ताजा “इसरो” विवाद और इन सबके बाद उनके उलटे सीधे बयानों पर नजर डालें तो लगता है की एक “अलग पंथ” का निर्माण होने वाला है, जिसका उदघोष होगा “असत श्री अकाल”