सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रसार भारती के निलंबित सीईओ बीएस लाली के खिलाफ सीबीआई जांच को हरी झंडी दे दी है. लाली पर कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान प्रसारण अधिकार के आबंटन में भ्रष्टाचार का आरोप है. इन आरोपों की जांच शुंगलू समति ने की थी, जिसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है. अरूणा शर्मा के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई को अनुमति नहीं दी गई है.
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने सीबीआई को प्रसारण अधिकारों के आबंटन में लाली की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई को अनुमति दे दी है. आरोप है कि लाली के इस कदम से प्रसार भारती को लगभग 135 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. मंत्रालय ने इस संबंध में दूरदर्शन महानिदेशक अरुणा शर्मा की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई जांच की अनुमति नहीं दी है. मंत्रालय सूत्रों ने कहा कि वे मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी शर्मा के जवाब पर गौर कर रहे हैं.
वीके शुंगलू समिति की सिफारिशों के आधार पर दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए पीएमओ से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई ने मंत्रालय को इन अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने की इजाजत मांगी थी. प्रधानमंत्री ने रिपोर्ट मिलने के तत्काल बाद आरोपी अधिकारियों से जवाब-तलब करने का निर्देश दिया था. इस मामले में लाली को निलंबित कर दिया गया था जबकि अरूणा शर्मा को मध्य प्रदेश वापस भेज दिया गया है.
प्रधानमंत्री ने खेलों से संबंधित मेजबान प्रसारण मुद्दों पर रिपोर्ट तथा कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था. रिपोर्ट में समिति ने एसआईएस लाइव और जूम कम्युनिकेशंस को अनुचित लाभ देने की जिम्मेदारी लाली और शर्मा पर डाला था. जबकि दोनों अधिकारियों ने खुद को निर्दोष बताया था.