दापोली के सामाजिक कार्यकर्ता एन आर सिगवान ने लोकसत्ता के संपादक कुमार केतकर को कानूनी नोटिस भेजा है. सिगवान ने ये कानूनी नोटिस बीते 25 अक्टूबर के अंक में छपे संपादकीय के लिए भेजा गया है. जिसमें केतकर ने पूरे हिन्दू समाज को आतंकवादी बताया था. और उन्होंने यह भी दावा किया था कि संघ परिवार के सदस्यों ने सफलतापूर्वक भारतीय पुलिस और न्यायपालिका में घुसपैठ की है.
सिगवान द्वारा दी गई नोटिस में मांग की गई है कि केतकर तत्काल लाखों हिन्दुओं से माफी मांगें. जिनका लिंक उन्होंने आतंकवादी कृत्यों से जोड़ने का घिनौना काम किया है. इससे हिन्दू धर्म के अनुयायिकों का अपमान हुआ है.
इसके अलावा उन्होंने केतकर से संघ परिवार के उन सदस्यों के नामों की लिस्ट भी मांगी है, जिन्होंने भारतीय न्यायिक प्रणाली में घुसपैठ की है, जो भारतीय न्यायिक प्रणाली की तटस्थता के लिए खतरा बन सकते हैं. उन्होंने कहा है कि यदि केतकर उन्हें न्यायपालिका में सक्रिय संघ परिवार के सदस्यों की सूची उपलब्ध कराते हैं तो वे माननीय मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे और मांग करेंगे कि न्यायपालिका की निष्पक्ष और धर्मनिरपेक्ष ढांचा बनाये रखने के लिए संघ परिवार के इस सक्रिय सदस्यों को हटाया जाय.
लेकिन इस मामले में कुमार केतकर एन आर सिगवान की दोनों प्रमुख मांगों का पालन करने में विफल रहते हैं तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. वे कोर्ट से कुमार केतकर और एक्सप्रेस समूह के सीईओ को हिन्दू समाज की भावना को ठेस पहुंचाने और भारतीय न्याय प्रणाली की छवि खराब करने के लिए कठोर से कठोर सजा देने की मांग करेंगे. सिगवान ने केतकर को माफी मांगने और संपादकीय में लगाये गए आरोप के समर्थन में सूची उपलब्ध कराने के लिए पन्द्रह दिन का समय दिया है.