सबसे तीखा सवाल शाजी जमां का, सबसे घटिया सवाल अनुराधा प्रसाद का

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: राडिया वाले पत्रकार पीएम की पीसी में नहीं दिखे : लाचार पीएम मनमोहन की आज बेहद मजबूरी में टीवी चैनलों के संपादकों के साथ आमने-सामने सवाल जवाब की कुछ भड़ासी झलकियां… सबसे शानदार, तीखा और टू द प्वाइंट सवाल पूछा स्टार न्यूज के एडिटर शाजी जमां ने. उन्होंने पूछा कि ये जो पूरा करप्शन है, इसके लिए आप खुद को नैतिक जिम्मेदार मानते हैं या नहीं मानते हैं. इस सवाल ने सबसे ज्यादा मनमोहन को असहज किया और चिरकुटईपूर्ण और अतार्किक सफाई देते नजर आए.

सबसे घटिया सवाल पूछा न्यूज 24 की मालकिन अनुराधा प्रसाद ने. अनुराधा ने सवाल-जवाब के सीरियस हो रहे दौर को दांत निपोरू दौर में तब्दील कर दिया, यह पूछ कर कि टीम इंडिया का कौन सा प्लेयर आपका फेवरिट है. किसी संपादक को यह याद नहीं रहा कि देश में इस कांग्रेस गठबंधन सरकार के पिछले और इस कार्यकाल के दौरान अब तक करीब ढाई लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं और यह सिलसिला न सिर्फ जारी है बल्कि तेज हो रहा है. विदर्भ के बाद अब एमपी के इलाकों में किसानों ने आत्महत्याएं शुरू कर दी हैं. तो, इस मनमोहनी सरकार ने न सिर्फ भ्रष्टाचार बढ़ाया है, न सिर्फ दलाली को बढ़ावा दिया है, न सिर्फ महंगाई को बढ़ाकर कारपोरेट व जमाखोरों को फायदा पहुंचाया है बल्कि यह सब करके उसने किसानी को घाटे का काम बना डाला जिसके कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं या फिर शहर की तरफ भाग रहे हैं ताकि वे अपने और अपने परिजनों के पेट को भरने के लिए कुछ कमा सकें.

टाई कोट पहने संपादक शायद पीएम से आमना-सामना होने को लेकर इतने उत्तेजित थे कि उन्हें यह याद ही नहीं रहा कि दरअसल वे सत्ता के नहीं, दलालों के नहीं, कारपोरेट के पक्ष के नहीं बल्कि आम जनता के सवाल उठाने वाले लोग हैं. पर सो-काल्ड टीआरपी, पेड न्यूज, सरकारी विज्ञापनों की पूंजी और सरकारी नियम-कानूनों से संचालित इन चैनलों के संपादकों से इससे ज्यादा अपेक्षा भी नहीं की जानी चाहिए क्योंकि अब ये कठपुतलियां ज्यादा हैं, संपादक कम. जो थोड़े बहुत संपादक बचे हैं, वे हाशिए पर होते जाने को मजबूर हैं.  और हां, आज की पीएम की पीसी में राडिया वाले पत्रकार नहीं दिखे. न तो बरखा दत्त दिखीं और न वीर सांघवी और न ही प्रभु चावला.

आजतक से कोई संपादक पीएम की पीसी में नहीं आया था बल्कि खुद मालिक अरुण पुरी चलकर आए थे. इन मालिकों का पीएम मोह कब जाएगा. कायदे से उन्हें एमजे अकबर को भेजना चाहिए लेकिन ये मालिक बची-खुची थोड़ी बहुत पत्रकारीय नैतिकता व परंपरा की भी ऐसी-तैसी करने में लगे हैं. राजदीप और प्रणय राय को कहा जा सकता है कि ये लोग मालिक के साथ-साथ अच्छे संपादक और जर्नलिस्ट भी हैं. अरनब गोस्वामी ने भी सवाल साफ-साफ और तेवरदार तरीके से किया, उन्होंने करप्शन के मुद्दे को उठाया.  ईटीवी, सन टीवी, कोलकाता टीवी, एशियानेट, बीबीसी, अलजजीरा जैसे चैनलों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने दर्शक वर्ग के लिहाज से सवाल पूछे. सूत्रों का कहना है कि पीएम और उनके सलाहकारों ने इस बात का खास ध्यान रखा कि राडिया वाले पत्रकार इस पीसी में न आ जाएं ताकि कोई नया बखेड़ा न खड़ा हो सके.

यशवंत

एडिटर

भड़ास4मीडिया

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Comments on “सबसे तीखा सवाल शाजी जमां का, सबसे घटिया सवाल अनुराधा प्रसाद का

  • Saare ke saare sampadak nakli gambheerta odhe huye the, Star News ke Shazi Zaman sahit. Sabke sab PM se chirouri kar rahe the aur corruption ka rona ro rahe the. Aur Arnab jaise log aawaaz oonchi karte to unko daantne ke liye PM ke press adviser Harish Khare roopi dalaal baithe huye the, jo unhe bolne hi nahin de rahe the. Kisaanon ki atmahatya ka sawaal bhi utha lete to kya kar lete. Kya isi PM ne Vidarbha kisaanon ke liye package nahin diya tha. Kya isi PM ne hazaron crore kisaonon ke karz maaf karne ka ailan nahin kiya tha? Woh sab kahan gaya? Ab to baat sidhi si hai – kisan kheti chhod kar bhag jayen shahar ki taraf. Kisanon ki zameen poonjipatiyon ko Special Economic Zone ke naam par de do. Poonjipati aapas me ek doosron ko kutton ki tarah kat-te rahen jaisa ki 2G scam me kar rahe hain. Sarkar tax par tax badhati jaye, mahangayi badhti jaye, aur ye saara prapanch isliye ho raha hai, bhai saab, taaki Manmohan ko hataaane ke liye Congress me awaaz uthey, aur tab Yuvraj ka tilak kar diya jaye. Ain chunaav se pahle.

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  • anuradha ka sawal tv ka sabse acha sawal tha ji. agar manmohan kisi player ka nam le letey to wo exclusive news ho jati aut pure din play hoti. samjho wakt ki nazakat ko.

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  • डॉ. महाराज सिंह परिहार says:

    प्रधानमंत्री के साथ चैनल्‍स संपादकों की प्रेसवार्ता पर यशवंत जी की टिप्‍पणी सकारात्‍मक है। वस्‍तुस्थिति यह है कि आज मीडिया मिशन अथवा जनसरोकारों से दूर मात्र मुनाफा कमाने वाले उद्योग में बदल गया है। मालिकों का संपादक के स्‍थान पर आना तथा एक चैनल्‍ा की मालिकान का वाहियात प्रश्‍न पूछना स्‍पष्‍ट करता है कि इन्‍हें आम जनता से कोई मतलब नहीं है। न तो इनके लिए महंगाई है और न ही किसानों की आत्‍महत्‍या इन्‍हें उद्वेलित करती है। क्रिकेट भी दलालों और सट्टेबाजों का खेल बनता जा रहा है। चैनल मालकिन तो शायद यह सबकों यह दिखाने के लिए अपनी चैनल्‍ा पर दिखती हैं कि दर्शकों को मालूम पडे कि वह ही कर्ता धर्ता है। यशवंत जी ग्‍लैमर और टीआरपी के चक्‍कर में फंसे चैनल्‍स के समाचारों के प्रति आम जनता तथा बौद्धिक लोगों का मोह भंग पहले ही हो चुका है। प्रेसवार्ता पर सटीक टिप्‍पणी के लिए धन्‍यवाद

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  • jamshedpur me bhi ek sampadak barabar pahuch jate hain pc me ,even chirkut adhikariyon ke bhi.PR jo banana hai ,dalalli ke liye…….malik hone se patrakarita ki samajh hogi jaruri nahi hai na…..

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  • rajkumar jain says:

    प्रेसवार्ता पर सटीक टिप्‍पणी के लिए धन्‍यवाद

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  • पता चला है की रजत शर्मा को बुलाया ही नहीं गया.
    चैनल का मालिक बन ने से कोई पत्रकार नहीं हो जाता. अनुराधा पत्रकार नहीं है सो उनसे उम्मीद क्या की जा सकी थी.

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  • Rajeev Sharma says:

    Dear Yashwant ji, first of all thank you . you wrote very well. I would like to mention here one more thing that is the role of Mr. Harish Khare(Media Advisor of the PM). He was behaving like a BHAAT/CHAARAN, when Arnav Goswami asked second question, he interrupted, and said This is not the interrogation of the Prime Minister, do not jump to another question…
    You know, Before the starting of this interaction, Mr. Harish Khare told to the gathering,” Gentlemen, now game has to began and as all of you know that every game has some rules, this game also has rules. One person can ask only one question to the Prime Minister, if necessary only one more supplementary question may be asked. He was treating to The Editors like new born Journalist. Rajdeep Sardesai, Arnav Goswami, Shazi Zaman and Satish k Singh were only the people who asked their question like an EDITOR. I have also been written some lines regarding this interaction on my Blog Media Mughal, “ MEDIA SE RU-BA-RU PRADHAAN MANTRI MAJBOOR (MANMOHAN) SINGH. Thank you once again.
    Rajeev Sharma

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  • अभिषेक says:

    अनुराधा प्रसाद ने क्या सवाल पूछा , आपने ठीक से सुना नहीं । उन्होंने पूछा – पूरा देश चाहता है कि इंडिया वर्लड कप जीते आप क्या चाहते हैं ? अब आप ही बताएं इस मूर्खतापूर्ण सवाल का क्या जवाब हो सकता है । क्या आप ये अपेक्षा रखते हैं कि पीएम कहते कि मैं चाहता हूं कि भारत हार जाए । अपनी ही मूर्खता पर खींसें निपोड़ते हुए फिर उन्होंने पसंदीदा खिलाड़ी के बारे में पूछा । इससे पहले पिछले सत्र को बजट सत्र कर चुकीं थी , जो विंटर सेशन था । खुद को एडीटर इन चीफ बनाकर ऊंची कुर्सी पर बैठ तो गई हैं लेकिन उनके दोनो सवालों ने उनकी असलियत पूरी दुनिया के सामने रख दी है । पूरा देश देख रहा था उस महिला की पोल खुलते हुए , जो अपने को बहुत प्रतिभाशाली और शीर्ष की पत्रकार समझती होगी । कई और मुद्दे थे , जिनपर सवाल पूछे जा सकते थे लेकिन समझ में आए , तब न । देश की आवाम से जुड़ी कई चीजें थी , क्रिकेट पर सवाल पूछना था तो कायदे का कोई सवाल पूछते । ऐसे ही बेसिर -पैर के सवाल पूछने वाले लोग आज कहां बैठे हैं , आप खुद समझ सकते हैं । दिन भर उनके इस सवाल को ‘ न्यूज 24 ‘ चलाता रहा , जैसे वहां बैठे सभी लोगों में सर्वश्रेष्ठ सवाल इसी मोहतरमा ने पूछा हो । हम -आप कुछ भी कह लें , उन्हे् कभी अहसास नहीं होगा कि उन्होंने बेवकूफी की है ।

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  • vijay pal singh says:

    प्रधानमंत्री ने कल एक ढोंग किया और उसको रचाया पूरे मीडिया ने…पूरी की पूरी वार्ता प्रायोजित दिखी किसी के भी सवाल सही नही थे..सारे संपादक सिर्फ और सिर्फ ये दिखाने में लगे थे कि अपनी सरकार को संभाल लो वर्ना आपका बुरा हाल हो जाएगा…प्रणय राव महान पत्रकार उनका सवाल तो सुनिए कि विपक्ष से जो आपको खतरा है वो तो अलग बात है लेकिन कांग्रेस के अंदर भितरघातियों से सावधान होने की है ऐसा लग रहा था कि सभी लोग कांग्रेस की दलाली कर रहे हो…

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  • Ek baat rah gayi thi. Arun Purie/Shazi Zaman/Rajdeep Sardesai/Arnab Goswami and Company ke liye yeh chunaouti: Agar in saare sampadakon me zara bhi housla hai, toh Pradhan Mantri, Sarkar aur Supreme Court se yeh maang karke dikhayen ki Niira Radia ke kai hazaar tapes sarvajanik kiye jayen, aur yeh saare tapes ke audio yeh tathakathit sampadak apne apne channels par janta ko suna den. Tab desh ki janta ke saamne doodh-ke-dhule logon ki pol khulegi. Hai himmat kisi me? ya scam-scam hi chillate rahogey? ya mimiyaate huye PM se kahogey ki aap in saare scams ki naitik zimmedari kyon nahin lete? Bhaad me jaye naitik zimmedari.. agar le bhi li to kya ho jayega, sarkar chalane wale toh aur log hain, Extra-constitutional authority. Aur haan, meri yeh chunouti sabhi print media ke maalikon ke liye bhi hain : sameer Jain/Shobhna Bhartia/Shekhar Gupta and company. Hai koi taiyyar?

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  • मदन कुमार तिवारी says:

    कुछ सवाल शायद इसलिये पुछे जाते हैं की अगले को खिसक जाने का मौका मिले । वस्तुत: आप कह सकते हैं प्रायोजित सवाल । और अनुराधा जैसे से इससे ज्यादा की आशा भी नही कि जा सकती है ।

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  • यकीनन यशवंत जी यह बहुत ही शर्मनाक है…पत्रकारिता जगत के लिए की…एक पत्रकार प्रधानमंत्री से ये नहीं पुछ पाया की गरीब और कितने गरीब होगें…अब कितनी और बच्चीयां…हवस का शिकार होगी…कितने किसान और आत्महत्या करेगें…तेल के दाम और कितने बढ़ेगे…और देश को लुटने वाले और कितने नेता आप हमें देगें…दरअसल मेरा मानना तो ये है की इस प्रेसवार्ता में पत्रकार नहीं दलाल ज्यादा पहुंचे थे….आप सच में बड़ा काम कर रहे…इनके चेहरे से नकाब उतारने का…लगे रहे….बधाई आपको….जय भड़ास

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  • pura p c purva niyojit tha , tabhi to kisi ne bhi ye nahi poocha ki kalmadi ko kya saza di jayegi,sibbal ka kya hoga jo kah rahe the ki 2g me koi ghata hi nahi hua hai,…..aisi p c ka kya fayda jo sirf p m aur congress ka mahima mandan karne ke liye ayojit ki gayi thi

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  • Priyamvada James says:

    Anuradha Prasad ki aalochana to tamam log kar rahe hain. Lekin aalochana karne wale yaad rakhen ki anuradh patrakar ka chola pahne asal me ek dalal hain. Darasal dalali ke paise se chhanel chalane wala agar patrakar ka mukhouta pahan le to unlogon ki pol aise mouke par hi khulti hai. Anuradha ji jo khud ko ek chhanel ka editor in chief kahati hain, unko ye yaad nahi rahata ki sheet kaleen satra kaun tha ya fir budget satra kaun sa hoga. isiliye jo man aya bol gayi, bhadd pite to pitate rahe, thenge se.
    Patrakarita ke field mein kaam karane wala har aadmi janta hai ki NDA ke shashn me Anuradha ji ke swa-nam-dhanya pati rajeev shukla ne ravishankar prasad se kitne kaam karaye the aur ab upa ki sarkar me to unka asli dhandha yani dalali jamkar chal hi rahi hai. dalali ke paise ko white karne ke liye chanel ka chola pahan liya hai.
    Dalali karane wale agar patrkarita me rahenge aur agar hum unhen sahate rahenge, to har jagah isi tarah ye log har manch par patrkaron ki bhadd pitvate rahenge.

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  • manhar choudhary says:

    Dear yaswant ji,
    please dont take the name of madam auradha because
    she is not journalist she is only a lady with corporate culture

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  • यशवंतजी जिसे आप सबसे तीखा सवाल कह रहे हैं असल में वह सिर्फ राजदीप के सवाल का हिंदी में तर्जुमा भर था और मैं तो अनुराधा के ‘पिछले बजट सत्र और अगले बजट सत्र के’ हास्यास्पद सवाल के बाद सबसे ज्यादा निराश ही शाजी के सवाल से था कि कैसे वे राजदीप के सवाल को ही जस का तस पूछ सकते हैं. उनकी तुलना में सतीश सिंह और उपेंद्र के सवाल कहीं ज्यादा मौलिक थे. मारक थे या नहीं इसमें नहीं पड़ना चाहता. और हां ये हिंदी वालों के संदर्भ में कह रहा हूं. वरना अंग्रेजी वालों में बड़े दिन बाद राजदीप रंग में दिखे, अर्नब हमेशा की तरह तीखे, सटीक और हिम्मतवर थे, प्रणव रॉय ने अलबत्ता निराश किया. शायद उस गरिमा को बरकरार रखने के चक्कर में जिसे वे और प्रधानमंत्री आपस में साझा करते हैं.

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  • गुंजन सिन्हा says:

    यशवंत जी नमस्ते,
    प्रधान मंत्री की प्रेस वार्ता पर आपकी समीक्षा अच्छी लगी. खास कर इसलिए कि आपने किसानों और आम लोगों के सवाल न उठाये जाने की आलोचना की. लेकिन राजदीप सरदेसाई ने हिन्दुस्तान टाइम्स में इसी विषय पर जो कुछ लिखा है उसे देखें तो लगेगा कि इन एलीट क्लास पत्रकारों से आम आदमी के सरोकारों के बारे में कोई उम्मीद करना ही बेमानी है. अनुराधा का सवाल मूर्खतापूर्ण था, इसमें कोई शक नहीं. लेकिन राजदीप ने उस सवाल को ही हिंदी मीडिया का मानक बना दिया है. राजदीप ने लिखा है – we (meaning Anuradha) asked him in true Hindi news channel style, on his favourite cricket player!”
    राजदीप और जिस एलीट बिरादरी का प्रतिनिधित्व वे करते हैं, पत्रकारों कि वह पूरी बिरादरी सत्ता और दिल्ली केंद्रित है. अगर असम और आन्ध्र के संपादक अपने इलाके के सबसे महत्वपूर्ण सवाल पूछते हैं तो वो भी राजदीप को ‘ग्रेव’ नहीं लगता. उनकी नज़र में तमिलनाडु के मछुआरों का मुद्दा ग्रेव यानी आज का गंभीर मुद्दा नहीं है. गंभीर मुद्दे तो सिर्फ और सिर्फ सत्ता और उसे घेर रहे भ्रष्टाचार से जुड़े हैं. खुद को तथाकथित नेशनल मीडिया कहने में इन संपादकों को कोई संकोच नहीं होता जबकि वे सिर्फ दिल्ली के संपादक होते हैं. इनके चैनलों में न तो पूरा देश मौजूद है न यह संभव है. फिर भी दिल्ली और वहां बैठी सत्ता के करीब होने के कारण पूरे देश, खास कर हिंदी बेल्ट को यह भ्रम दिया जाता है कि यह नेशनल मीडिया है. फिर उसी हिंदी बेल्ट को ये अपमानित भी करते हैं अनुराधा प्रसाद जैसों को मानक के रूप में पेश करके. लेकिन अपने कुकर्म याद नहीं आते. संसद में भ्रष्टाचार पर इनके पास एक सीडी हुआ करती थी जिसे ये दिखाने वाले थे, उसकी चर्चा क्यों नहीं करते? राडिया कांड में बरखा दत्त का जैसा बचाव इन्होने किया था, सबको याद है. धूमिल की क्या पंक्तियाँ थीं वो ? – “अपराधियों का एक संयुक्त परिवार है.” उसी तरह एलीट पत्रकारों, एलीट राजनेताओं का एक संयुक्त परिवार है. हम क्यों उनके जश्न और मातम में शामिल हों? प्रधान मंत्री के पीसी पर आलोक तोमर ने लिखा है और हम लोगों के लिए वही पर्याप्त है.

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  • Is press confrence mein acche sawal kiye gye mager mere khyal mein kisi bhi elite journalist ko desh mein phel rahe ek nasur yani bhagwa antak wad ke bare mein sawal karne ki zamat nahi hui takie desh ke pardhan mantri ke rawiye aur sarkar ki policy ka patta chal jata.Anuradha Ji aur Prabhu Chwala jaise patrkar journalism ne naam par dhaba hain rahi Barkha Dutt ki jin ke bare kaha jasakta hai kie woh aisi journalis hain jo sawal bhi khud karti hain aur jawab bhi khud dena pasand karti hain.Waise Arun Puri bhi jouranlist ki catagory mein aate hain.

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  • arvind malguri says:

    सतीश सिंह जी प्रभावशाली दिखे और नीलम शर्मा और अनुराधा प्रसाद मासा अल्लाह थे ..यार ये लोग क्या सोचते हैं पता नहीं …अपने ऊपर हंसी भी नहीं आती इनको .,…arvind malguri

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  • ajit singh taimur says:

    shukra hai apne rajat sharma nahi the pm ki pc mein nahi to wo yahi poochte …….manmohan ji aapko rakhi saawant ki kaun si dress sabse achhi lagti hai ……….ya aapko big boss ka kaun sa episode sabse achha laga …….

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  • ajit singh taimur says:

    shukra hai apne rajat sharma nahi the pm ki pc mein nahi to wo yahi poochte …….manmohan ji aapko rakhi saawant ki kaun si dress sabse achhi lagti hai ……….ya aapko big boss ka kaun sa episode sabse achha laga …….

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