जी हाँ, अब निशंक सरकार अमर उजाला का एक प्रकाशन “उत्तराखंड उदय” बेचने जा रही है. गत दिवस अमर उजाला ने इसके उदघाटन पर निशंक को मुख्य अतिथि बनाया था. सो बताया जा रहा है कि सरकार ने इसे बेचने की जिम्मेदारी ले ली है. 200 रुपये की इस किताब के ढेर सभी जिलों के सूचना विभागों को भेज दिए गए हैं.
उनसे इन्हें सरकार के अन्य प्रकाशनों की तरह थोक के भाव बांटने को कहा गया है. संदेह नहीं कि अमर उजाला ने सरकार को यह मुफ्त बांटने को दिया होगा. जरूर सरकार ने अमर उजाला को मुट्ठी में लेने के लिए यह खरीद ली होगी. ठीक वैसे ही जैसे निशंक के चेहरे व सरकार की उपलब्धियां बताने वाले पोस्टरों का जिम्मा पिछले काफी समय से दैनिक जागरण को मिला हुआ है.
लाजिमी है कि राज्य सरकार प्रदेश के इन दो प्रमुख अखबारों को इस ‘दाने’ से अपनी ‘जेब’ में डाल चुकी है. अब विधान सभा चुनावों तक यह दोनों निशंक सरकार के ही गुणगान करें तो आश्चर्य नहीं होगा..!
देहरादून से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए मेल पर आधारित.
RAKESH Ch.
January 24, 2011 at 2:31 pm
अगर प्रचार मिले तो छपास रोगी निशंक और प्रदेश के अन्य नेता देहरादून के घण्टाघर पर बैठ कर कण्डोम तक बेचने को तैयार हैं। प्रेस की चमचागिरी की भी हद हो गयी। छपास रोगियों ने लुटवा दिया इस प्रदेश को अखबारों के हाथों। इनका बस चले तो पूरा प्रदेश मीडिया के सुपुर्द कर दें।
RAKESH Ch.
January 24, 2011 at 2:31 pm
अगर प्रचार मिले तो छपास रोगी निशंक और प्रदेश के अन्य नेता देहरादून के घण्टाघर पर बैठ कर कण्डोम तक बेचने को तैयार हैं। प्रेस की चमचागिरी की भी हद हो गयी। छपास रोगियों ने लुटवा दिया इस प्रदेश को अखबारों के हाथों। इनका बस चले तो पूरा प्रदेश मीडिया के सुपुर्द कर दें।