हिंदुस्तान, आगरा के युवा एनई पर युवती ने लगाए आरोप

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हिंदुस्तान के आगरा आफिस में इन दिनों काम कम, बातें खूब हो रही हैं. और बातें करने का मौका उपलब्ध कराया है युवा न्यूज एडिटर ने. दरअसल उनके अधीन काम करने वाली एक युवती ने भरे आफिस में आरोप लगा दिया कि न्यूज एडिटर साहब उसको प्रमोट करने के बदले ओबलाइज करने की मांग करते हैं और ओबलाइज करने का उनका आशय शारीरिक संबंध बनाने से होता है.

सूत्रों का कहना है कि पहले तो न्यूज एडिटर ने युवती को खूब प्रमोट किया. इस प्रमोशन के चक्कर में ‘हिन्दुस्तान’ आगरा में ‘सिटी भास्कर’ भोपाल की खबरें बाइलाइन छापी जाने लगी. मजे की बात यह है कि स्टोरी का मैटर और हेडिंग तक बदलने की जहमत नहीं उठाई गई. अनुराधा श्रीवास्तव के नाम से छपीं इन खबरों की कटिंग और भास्कर की मूल खबर की कटिंग भड़ास4मीडिया के पास मौजूद है. ‘हिन्दुस्तान’ आगरा के न्यूज एडीटर का नाम है मनोज पमार. यहां के संपादक दिनेश मिश्रा ने न्यूज एडिटर मनोज पमार का भरपूर बचाव करते हुए लड़की को काम से हटा दिया.

सूत्रों के मुताबिक नौकरी से हटाए जाने के बाद युवती ने न्यूज एडिटर के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया और वो सारी बातें सरेआम कर दीं, जो अब तक मनोज पमार और उस लड़की के बीच थी. सूत्रों का कहना है कि वो लड़की अपनी मां के साथ एक दिन आफिस आई और सबको न्यूज एडिटर के कारनामें की जानकारी दी. उधर, संपादक और न्यूज एडिटर का कहना है कि लड़की हटाए जाने के फ्रस्ट्रेशन में अनाप-शनाप आरोप लगा रही है. न्यूज एडिटर मनोज पमार ने लड़की द्वारा आरोप लगाए जाने की किसी घटना से इनकार किया है.

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Comments on “हिंदुस्तान, आगरा के युवा एनई पर युवती ने लगाए आरोप

  • यशवंतजी आपकी अफवाहों पर आधारित है। एक अच्छा पत्रकार होने के नाते आपको खबर की पडताल कर लेनी चाहिए थी। उस लडकी ने आरोप लगाए हैं। लेकिन सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उस लडकी के चरित्र के बारे में जानना है तो हिन्दुस्तान या डीएलए के किसी कर्मचारी को फोन कर लीजिए पूरी कहानी पता चल जाएगी। लडकों को फसाकर अपना काम निकलवा उसका शगल है। डीएलए में भी यही हुआ था। वहाँ से उसे छोडकर जाना पडा। उस लडकी यानी अनुराधा के मीडिया में और बाहर कइयों से संबंध हैं। तीन साल से वह बीटेक के छात्र अनुराग गुप्ता के साथ लिव इन रिलेशनशिप में थी। अनुराधा के चक्कर में आफिस में काम करने वाले निर्दोष आकाश मुनी को भी नोकरी से निकाला गया। लडकों के साथ नाम जुडना अनुराधा के लिए आम बात है। वह लडकी आफिस में काम कम और लडकों से फोन पर बात ज्यादा करती थी। अनुराधा की इन्ही हरकतों से परेशान होकर फीचर प्रभारी ने उसे अपनी डेस्क से हटाया था। बाद में उसे रिपोर्टिंग में शिफ्ट किया गया। वहाँ भी उसका छिछोरापन जारी रहा। काम न करने की वजह से उसे भरी मीटिंग में कई बार चेतावनी दी गई। दया का पात्र बनने के लिए वह पहले भी आफिस में कई लोगों पर उसे गलत नजर से देखने का आरोप लगा चुकी है। जब पानी सिर से उपर जाने लगा तो मनोज जी ने उसे आफिस से निकाल दिया। नोकरी से निकालने की वजह से ही उसने खिसियाकर ऎसे आरोप लगा दिए। रही बात भास्कर की खबरों की तो भास्कर और एचटी सिटी की खबरें कापी करने के लिए उसे पहले भी फटकार लगाई जा चुकी है।

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  • ये हिंदुस्तान अख़बार तथा उसके कर्मचारियों को बदनाम करने की शाजिश लगती है

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  • कोई बिना कुछ किए बदनाम हो जाता है तो किसी को खूब तारनहार मिल जाते हैं। लगे रहे, पत्रकारिता का बांकापन ऐसे ही साबूत बचेगा।

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  • अमित बैजनाथ गर्ग. जयपुर. राजस्थान. says:

    इस तरह की अंधेरगर्दी अपने आप को मीडिया का पुरोधा होने का दंभ भरने वाले अनेक संस्थानों में धड़ल्ले से चल रही है. देश का कोई कोना ऐसी पत्रकारिता से अछूता नहीं रह गया है. जिसका नाम सामने आ जाए वो बदनाम. बाकी सबका जिन्दा ईमान.

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  • यशवंतजी आपकी अफवाहों पर आधारित है। एक अच्छा पत्रकार होने के नाते आपको खबर की पडताल कर लेनी चाहिए थी। उस लडकी ने आरोप लगाए हैं। लेकिन सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उस लडकी के चरित्र के बारे में जानना है तो हिन्दुस्तान या डीएलए के किसी कर्मचारी को फोन कर लीजिए पूरी कहानी पता चल जाएगी। लडकों को फसाकर अपना काम निकलवा उसका शगल है। डीएलए में भी यही हुआ था। वहाँ से उसे छोडकर जाना पडा। उस लडकी यानी अनुराधा के मीडिया में और बाहर कइयों से संबंध हैं। तीन साल से वह बीटेक के छात्र अनुराग गुप्ता के साथ लिव इन रिलेशनशिप में थी। अनुराधा के चक्कर में आफिस में काम करने वाले निर्दोष आकाश मुनी को भी नोकरी से निकाला गया। लडकों के साथ नाम जुडना अनुराधा के लिए आम बात है। वह लडकी आफिस में काम कम और लडकों से फोन पर बात ज्यादा करती थी। अनुराधा की इन्ही हरकतों से परेशान होकर फीचर प्रभारी ने उसे अपनी डेस्क से हटाया था। बाद में उसे रिपोर्टिंग में शिफ्ट किया गया। वहाँ भी उसका छिछोरापन जारी रहा। काम न करने की वजह से उसे भरी मीटिंग में कई बार चेतावनी दी गई। दया का पात्र बनने के लिए वह पहले भी आफिस में कई लोगों पर उसे गलत नजर से देखने का आरोप लगा चुकी है। जब पानी सिर से उपर जाने लगा तो मनोज जी ने उसे आफिस से निकाल दिया। नोकरी से निकालने की वजह से ही उसने खिसियाकर ऎसे आरोप लगा दिए। रही बात भास्कर की खबरों की तो भास्कर और एचटी सिटी की खबरें कापी करने के लिए उसे पहले भी फटकार लगाई जा चुकी है।

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  • अनुराधा के आरोपों से क्या फर्क पडता है उसके कैरेक्टर की चर्चा पूरे आगरा के मीडिया में है। एक नहीं कई लडकों के साथ उसके संबंध हैं। बेचारे मनोज जी को तो उसने नौकरी से निकाले जाने पर खीझ मिटाने के लिए फसा दिया। ईश्वर एसी लडकियों से पत्रकारिता को बचाए।

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  • मनोज जी जैसे पत्रकार पर इस तरह के आरोप लगाना किसी साजिश का हिस्सा है। उनकी ताबडतोड तरक्की के से जलकर कोई भी एसा सकता है। वैसे अनुराधा श्रीवास्तव पर कतई भरोसा नहीं करना चाहिए।

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  • क्या जमाना आ गया है। लडकियाँ आगे बढने के लिए कैसे कैसे शार्ट कट अपनाने लगी हैं। न जाने पत्रकारिता किस ऒर जा रही है। लडकियों को अपनी मेहनत के बूते आगे बढना चाहिए न कि इस तरह के हथकंडे अपनाने चाहिए।

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  • अमित भाई अनुराधा ने डीएलए में कभी काम नहीं किया।

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  • bhishmpratap singh says:

    लड़की के चरित्र के बारे में कई बातें बताई जा चुकी हैं। हिन्दुस्तान में आने से पहले डीएलए में यह ‘ऐसी थी’
    ‘वैसी थी’। जब पता था कि इस लड़की के पहले से ही कइयों से संबंध हैं तो सवाल उठता है कि हिन्दुस्तान वालों ने उसे नौकरी पर ही क्यों रखा।

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  • manoj pawar purana ladkikhor hai. gwalior navbharat-dainik bhaskar me bhe iske yahi harkete the. Yah sampadak ka sala bankar pahle unke ghar me ghusta hai fir unka istemal apne promotion ke liye karta hai jo yah aagra me kar raha hai.

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  • vivek srivastava says:

    yashwant ji
    me manoj pamar ji ko kafi time se janta hoon wo asye admi nahi hai who ek suljhe hue patrkar hai aur kafi inteligent hai unka lekhan par achi pakad hai asye insan par lagye gye arop galat hai yeh unke khilaph sazish hai

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  • मनोज एक नंबर का लोंडियाबाज है। इससे पहले वह अमर उजाला में भी एक महिला पत्रकार को भगा ले गया था। नवभारत और भास्कर ग्वालियर में भी कई गुल खिला चुका है।

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  • येन केन प्रकारेण महिला होने का फुल्लम फुल लाभ लेने की प्रवृति पत्रकारिता में भी . तेज तरक्की, समाज में ऊँचा रसूख , रौब-धौंस और प्रशासन में आसान पहुँच नई पीढ़ी के युवाओं खास कर कन्याओं को ज्यादा आकर्षित करती है लेकिन पत्रकारिता की मेहनत और दुश्वारिओं से जब सामना होता है तो कमजोर और दूषित मनोवृति के पत्रकार इस प्रकार के शॉर्ट कट अपनाते है . इस प्रवृति पर अभी से ध्यान देकर इसे हतोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है ,अभी से.
    वैसे शहर के पत्रकारिता जगत की कानाफुसिओं पर यकीन करें तो अनुराधा का ट्रैक रिकॉर्ड साफ़ नहीं है जबकि मनोज बहुत तेज तर्रार , योग्य और अभी तक बेदाग संपादकों में शुमार किये जाते है !

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  • Munundra aur Ramesh@ Tumhare comment dekhkar lagta hai ke tumhari bahan-beti ke saath manoj ne kuchh kiya hai…aese comment karne se pahle Amarujala aur Bhaskar ke seniors se hi baat kar lete to behtar hota. Koi bhi management aese hi promotion nhi de deta. Manoj ne achche kamkaj ke aadhar par mukam paya hai. Lagta hai tun donon bhi us ladki ki tarah frastrate ho. kuchh to sharma karo.

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  • manoj pawar gwalio me bhaskar ki or se shivpuri me beuro chief rahte hue ladkibaazi karte hue pakda gya tha use sinior reporter sardar gurusarn singh ne sareaam pakda tha baad me use shibpuri se bhagaya gya isliye manoj ke liye ladkibaazi koi nai baatnahi hai use sampadak ko patana vi aata hai.

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  • यशवंत जी,श्री मुनीन्द्र जी की अभद्र टिपण्णी पढ़कर ऐसा लगा कि श्रीमान अख़बार के दफ्तर के चपरासी हों(यकीन मानिये कि अखबारी चपरासी की भी भाषा श्री मुनीन्द्र से बेहतर होगी ) अथवा मनोज मानो इन्ही सज्जन की बहिन या बेटी को ग्वालियर से भगा ले गया हो .में इन सज्जन से यह भी जानना चाहूँगा की अमरउजाला से भगाई गई महिला का नाम क्या था और उसे किस वर्ष में मनोज भगा ले गया था?
    आपसे निवेदन है की टिप्पणिया पोस्ट करते वक़्त भाषा का स्तर अवश्य जांच ले ताकि भड़ास की गरिमा बनी रहे.

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  • prakash rane says:

    aap sabhi sajjan ye yaad rakhen ki koi bhi madhyam vargiya ladaki apne charitra ko khud uchhalne ka kaam nahi kar sakati hai….khabar garam hai ki anuradha apni maa ke saath pamaar ki kartooton ki pol-khol karne aayi thi….main maanta hoon ki ghanghor kaliyug chal rahaa hai. lekin phir bhi ek ashaay ladki ke chritra par keechad uchhalne se pahle poori janch avashya kar len. koi bhi insaan kabhi bhi gir sakta hai…yeh koi anokhi baat nahi hai…manoj pamar bhi isi duniyaa ke aadmi hain, agar unki budhhi kabhi bhrasht hui ho to isme aashcharya kaisa?

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  • manaoj ke partner dinesh kya hum bhi manoj ke tarah range siar ho gaye ho. kab se jante ho manaoj ko? no one ka doorth hai woh. woh khabhi kisi ka nahi hua. aasteen ka snake bankar usne hameha saath dena walo ko hi dasa hai. caho to bhaskar-navbharat gwalior se uska record nikalwa lo. aur ha nam badal-badalkar apne tarif me comment dalwane se CHARITRA nahi badal jayega manaoj ka?

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  • दिनेश,अमित कुमार,राहुल ये सब मनोज के ही आईडी है या मनोज से पैसे खाए है। भास्कर वालों से पूछो। यशवंत, ये अविनाश के साथ भी डीबी स्टार में था। वहां भी हमेशा ऐसे ही रहा है। मनोज पमार अव्वल दर्जे का चापलूस है। पत्रकार नहीं दलाल है। आगरा हिंदुस्तान को बरबाद कर देगा, जैसे भास्कर को किया।

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  • अनुराधाजी, पुलिस में जाएं और शिकायत दर्ज करवाएं। इस मनोज पमार की सारी अक्ल ढिकाने लग जाएगी। यशवंतजी को कहे। वो आपकी मदद कर सकते है। मनोज पमार वैसे भी चापलूसी के बल पर टिका है। पुलिस को शिकायत करें। महिला आयोग को लिखें। हिंदुस्तान प्रबंधन को लिखे। शोभना भरतिया जी को। शशि शेखर सर को। वो आपको न्याय दिलवाएंगे। आमीन्

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  • यशवंत जी,इस प्रकरण में एक बात तो साफ़ है की दोनों में से कोई एक तो गलत है ही ,चाहे अनुराधा या चाहे मनोज हालाँकि टिप्पणियां पढ़कर भी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा की कौन सी मछली गन्दी है. ट्रैक रिकॉर्ड की बात भी बताई गई है जो अनुराधा के पक्ष को कमज़ोर करती है क्योंकि ट्रैक रिकॉर्ड मनोवृत्ति और कड़ी मेहनत के अनुरूप ही बनता है .
    पढ़कर बहुत खराब लगा की दूसरों को नंगा करने वाली,सीख देने वाली और राह दिखाने वाली पत्रकारिता और पत्रकार कितने गंदे , भ्रष्ट और मक्कार है चाहे वो आरोप लगाने वाली हो अथवा जिसपर आरोप लगा हो , दोनों है तो आपके अंग ही साथ ही टिप्पणियों का स्तर ( जिसे पढ़ कर ही शर्मसार है हम ) देख कर लगता ही नहीं ये राष्ट्र के चौथे स्तम्भ के अंग हैं .

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  • prakash rane says:

    manoj ke baare me agar aap uthale taur par jaante hain to wah bedaag aur paak saaf insaan hai….magar jaise-2 aap uske baare me gaharaai se jaanenge to saabit yeh hoga ki ‘wah bhed ki khaal me bhediyaa hai”. bahut hi makkar aur tez dimaag aadmi hai yeh. are kam se kam is tarah ke log yahi soch le ki unke gharon me bhi koi ladaki hai….inki apni beti ko bhi isi samaaj me, inhi jaise logon ke bich rahanaa hai.

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  • MANOJ KA BARA MA AAK SACH KOI NAHI JANTA VAHA YAHA KI USKA FATHER AAK NIHAYAT NAK DIL INSAN THA BUS UNMA AAK HEE KAMI THI KI VAH CHOTA PAD PAR KAAM KARTE THA ISLIYA MANOJ NA AAPNI MARRIGE KA CARD PAR UNKA NAAM NA CHAPVATE HUA AAK RISTEDAAR MAHILA AADHIKARI KA NAAM DIYA THA ISSA ANDAJA LAGAYA JA SAKTA HAI KI VAH KITNA NEECH HOGA

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  • shilendra etarsi says:

    Manoj pawar to esa hi hai usne pahle bhi gwalior bhaskar main ek ladaki ko rakhel bana rakha tha.Jiske chalte pariwarik kaleh rhata tha.and he is great politician.

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  • manoj jab apni shadi ka card par pita ki jagah kisi mahila ka naam da sakta ha to fir vaha koi bhi kaam kar sakta hai lagta ha usa badnami ka dar nahi hai dakhta ha ki aab kk upadya ko kasa patata hai

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  • manoj jaisa insaan aadmi k naam par kalank hai, jo kabhi bhi koi bhi giri hui harkat kar sakta hai, editor banne ka khwab dekhna band kr do ab.

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  • sochne wali baat ye hai ki abhi tak manoj pamar ko nikala nhi gya, lekin jald hi unhe apni kursi se haath dhona padega.

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  • neeraj desai says:

    amit ji lagta hai aapne kabhi apni galtiyon or kamiyon ko nhi dekha, pehle apne andar jhaank kar dekhiye uske baad kisi k liye apshabdon ka istemaal krna, anuradha ko apka hindustan paper ka staff bahut acchi tarah janta hai, sab jante hain ki wo kisi ki galat baat nhi sunti thi, feature se use kisi ne nhi hataya balki usne khud city me apna transfer liya tha or rhi use naukri se nikalne ki baat to wo bhi galat hai, anuradha ne to khud hindustan ki job ko thukraya hai.

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  • Arvind nayak says:

    saari baaton me sabse badi baat ya hai ki anuradha se hindustan ke up head sudhanshu or city editor dinesh mishra ne manoj pamar ki harkaton ki wajah se maafi maangi. agar anuradha galat hai to fir head or editor ko maafi kyon maangni padi. isse sabit yhi hota hai ki manoj hi kamina hai.lekin der se hi shi pamar bhi agra se rukhsat kiye jayenge.

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