प्रवासी भारतीयों और विदेशियों के मद्देजनर शुरू किए गए डीडी इंटरनेशनल चैनल को अच्छा रिस्पॉन्स न मिलता देख सरकार ने अब इसके कायापलट का फैसला किया है। अब तक इसकी अपलिंकिंग पर काफी खर्च आ रहा है। इसकी तुलना में रिटर्न नहीं मिलता। सरकार ने जब इसकी वजह जानने की कोशिश की, तो पता चला कि असली कारण लास्ट माइल कनेक्टिविटी (दर्शकों तक पहुंच) है।
80-85 देशों तक पहुंच के बावजूद असली वजह डाउनलिंकिंग ठीक न होना है। इससे इसे दर्शक नहीं मिल पाते। सरकार की तरफ से इसके डाउनलिंकिंग को फॉलो करने का कोई सिस्टम ही नहीं था। अब दर्शकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए सूचना व प्रसारण मंत्रालय विदेश मंत्रालय की मदद ले रहा है। वह विभिन्न देशों के उन केबल ऑपरेटरों की लिस्ट बना रहा है, जो इस चैनल को डाउनलिंक कर अपने यहां दिखा सकें। मंत्रालय के एक वरिष्ठ सूत्र के अनुसार, जल्दी ही केबल ऑपरेटरों से अग्रीमेंट करना शुरू होगा।
12वीं पंचवर्षीय योजना में सूचना व प्रसारण मंत्रालय का प्लान डीडी इंटरनेशनल को विदेशी दर्शकों के लिए बतौर बेहतरीन चैनल के रूप में पेश करने का है। सरकार इस पर 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसका कंटेट सुधारा जा रहा है। देश के विभिन्न आयामों को पेश किया जाएगा। टूरिज्म, कल्चर, फूड, एंटरटेनमेंट, स्प्रिचुएलिटी, इंफोटेनमेंट व फिल्म जैसे पहलू शामिल होंगे। साभार : एनबीटी
Comments on “डीडी इंटरनेशनल की कायापलट के लिए 100 करोड़ खर्च करेगी सरकार”
KUCHH NAHI HO SAKTA….”
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