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दो मामलों में फंसे अमित सिन्हा

अमित सिन्हावायस आफ इंडिया उर्फ वीओआई न्यूज चैनल के निदेशक अमित सिन्हा बुरे फंस चुके हैं. चैनल चला पाने में असफल दिख रहे अमित दो संगीन मामलों में भी फंसते नजर आ रहे हैं. उनके खिलाफ नोएडा के सेक्टर 58 थाने में वीओआई के कुछ कर्मियों ने सेलरी मांगने पर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई. मुंबई में एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के कर्ताधर्ता ने आरोप लगाया है कि एक सहायतार्थ मैच में दो करोड़ की स्पांसरशिप लाने के लिए अमित सिन्हा ने दस लाख रुपये लिए पर मैच से ठीक पहले कह दिया कि कोई स्पांसर नहीं मिल रहा. बात करते हैं जान से मारने की धमकी वाले एफआईआर की. नोएडा के सेक्टर 58 थाने में वीओआई के एक एंकर फसाहत ने अमित सिन्हा के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है.

अमित सिन्हा

अमित सिन्हावायस आफ इंडिया उर्फ वीओआई न्यूज चैनल के निदेशक अमित सिन्हा बुरे फंस चुके हैं. चैनल चला पाने में असफल दिख रहे अमित दो संगीन मामलों में भी फंसते नजर आ रहे हैं. उनके खिलाफ नोएडा के सेक्टर 58 थाने में वीओआई के कुछ कर्मियों ने सेलरी मांगने पर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई. मुंबई में एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के कर्ताधर्ता ने आरोप लगाया है कि एक सहायतार्थ मैच में दो करोड़ की स्पांसरशिप लाने के लिए अमित सिन्हा ने दस लाख रुपये लिए पर मैच से ठीक पहले कह दिया कि कोई स्पांसर नहीं मिल रहा. बात करते हैं जान से मारने की धमकी वाले एफआईआर की. नोएडा के सेक्टर 58 थाने में वीओआई के एक एंकर फसाहत ने अमित सिन्हा के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है.

एंकर फसाहत ने पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि जब उसने अमित सिन्हा से सेलरी के लिए मोबाइल पर बात की तो उन्होंने जान से मारने की धमकी दी और उठवा लेने की बात कही. एंकर फसाहत ने गवाह के रूप में वीओआई चैनल से जुड़े दो लोगों केके सिंह और संजय सिंह के नाम दिए हैं. सेक्टर 58 थाने में अमित सिन्हा के खिलाफ पुलिस ने धारा 506 और 504 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. मुंबई से प्रकाशित टीओआई के मुंबई मिरर अखबार ने एक खबर प्रकाशित की है. शीर्षक है ”2 crore googly for Salil Ankola”.

पत्रकार अमित गुप्ता की इस बाइलाइन स्टोरी में बताया गया है कि फास्ट बालर और अभिनेता सलिल अंकोला की सहायता के लिए पिछले दिनों मुंबई में जो सचिन तेंदुलकर एलेवन और सौरव गांगुली एलेवन के बीच मैच कराया गया था, उस मैच से चाहे जितना पैसा इकट्ठा हुआ हो लेकिन सलिल अंकोल तक फूटी कौड़ी भी नहीं पहुंची है. सलिल अंकोला शराब और ड्रग्स की लत के कारण इस वक्त बुरी स्थिति में जी रहे हैं. उनकी मदद के लिए वरिष्ठ क्रिकेटरों ने सहायतार्थ मैच का आयोजन किया था. इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी, अनिल कुंबले, राहुल द्रविण, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, रोहित शर्मा, युवराज सिंह आदि ने जौहर दिखाए थे.

सलिल अंकोल बेनीफिट मैच को मैनेज किया इवेंट मैनेजमेंट कंपनी 24×7 ने. इस मैच को पहले मुंबई के डीवाई पाटिल ग्राउंड में होना था पर आईपीएल के कारण सहायतार्थ मैच को दूसरे स्टेडियम में शिफ्ट कर दिया गया. इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का कहना है कि मैच होने के स्थान में अचानक बदलाव से कई प्रायोजकों ने हाथ खींच लिए. इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के मालिक परवेज सिधवा का कहना है कि ये सही है कि उन्होंने कई लोगों को पैसे नहीं दिए पर ऐसा जानबूझकर नहीं किया. सिधवा के मुताबिक उन्होंने न्यूज चैनल वायस आफ इंडिया के मालिक अमित सिन्हा के साथ एक डील किया था जिसके तहत अमित सिन्हा दो करोड़ रुपये की स्पांसरशिप मैच के लिए ले आएंगे और बदले में उन्हें बीस लाख रुपये मिलेंगे. सिधवा के मुताबिक उन्होंने इस काम के लिए अमित सिन्हा को एडवांस में दस लाख रुपये दे भी दिए थे.

सिधवा के मुताबिक अमित सिन्हा उनसे कहते रहे कि बीएसएनएल समेत कई जगहों पर बात चल रही है लेकिन मैच की पूर्व संध्या पर उन्होंने कह दिया कि कोई स्पांसर नहीं मिल रहा है. सिधवा के मुताबिक तब तक काफी देर हो चुकी थी और हम लोगों ने फैसला लिया कि गेम को रोकना नहीं उचित होगा. मुंबई मिरर अखबार के मुताबिक सिधवा के आरोपों की सच्चाई जानने के लिए अमित सिन्हा से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बातचीत के लिए अमित उपस्थित नहीं हुए.

अखबार लिखता है कि सिफ सलिल अंकोला ही नहीं बल्कि ग्राउंडमैनों, स्कोररों, अंपायरों, वेंडरों आदि के भी पैसे अभी तक नहीं दिए गए हैं. सवाल है कि इतने नामी-गिरामी खिलाड़ियों के बीच हुए मैच में जो पैसे आए वे गए कहां? अगर स्पांसर मिले ही नहीं तो फिर मैच क्यों कराया गया? कहीं मैच कराकर सट्टेबाजी के जरिए तो करोड़ों का वारा न्यारा नहीं किया गया? इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के मालिक सिधवा का कहना है कि वह अपना घर बेचकर पैसा देगा लेकिन सलिल अंकोला को पैसे जरूर देगा. सिधवा के मुताबिक उन्होंने एक गलत बिजनेस निर्णय लिया जिसके कारण उन्हें यह दिन देखना पड़ रहा है.

फिलहाल इन दोनों मामलों के कारण अमित सिन्हा की मुसीबतें बढ़ गई हैं. वीओआई का स्टाफ सेलरी संकट से पहले से ही जूझ रहा है. चैनल से एक-एक कर ढेर सारे लोग चले गए हैं. चैनल के ग्रुप एडिटर किशोर मालवीय आफिस जाना कई महीनों से बंद कर चुके हैं. पिछले दिनों कैमरामैन संजय दुबे ने भी वीओआई से इस्तीफा दे दिया. संजय कुछ दिनों से अमित सिन्हा के बेहद खास बनकर वीओआई में सारा कामधाम देख रहे थे. अब एक बार फिर ऐसी स्थिति आ चुकी है जब वीओआई मृतप्राय सा पड़ चुका है और इसकी अंतिम सांसें चल रही हैं. फंड के अभाव में इस चैनल को ज्यादा दिन चला पाना अमित सिन्हा के वश में नहीं दिखता. कयास लगाए जा रहे हैं कि मित्तल बंधु एक बार फिर चैनल का अधिग्रहण कर सकते हैं क्योंकि अमित सिन्हा जब तक वीओआई के सारे पैसे नहीं चुका देते, चैनल उनका नहीं हो सकेगा.

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0 Comments

  1. Maneesh Singh , Narsinghpur

    May 29, 2010 at 4:21 pm

    nahi yaar sai bhakt kabhi bure nahi fanste……dikhane wale bure fanste hain….jinki niyat saaf hoti hai sai to unhe jameen se aasman par bitha dete hain….par jinki niyat saaf na ho aur sai ke naam par bhi doosron ko bevakoof banana chahen unke sath yahi hoga…………………….are deewano ye kaam na karo sai ka naam badnaam na karo…….

  2. Hemant Tyagi Journalist Ghaziabad

    May 29, 2010 at 7:04 am

    ye chor hai jab tak police sare aam jooton se peet kar band nahi karegi ye nahi maanege.

  3. voi_network

    May 29, 2010 at 6:18 am

    सबसे बड़ा कमीना तो संजय दुबे ही है। जूनियर लाइटमैन के तौर पर ज्वाइन करने वाला अगर कैमरामैन बन जाए और फिर मालिक के साथ मिलकर संपादकीय फैसले लेने लगे तो उस चैनल की लुटिया डूबना तय है। वही हुआ भी। अमित सिन्हा जैसे हरामियों से लाख गुना अच्छे तो मधुर मित्तर-सुमित मित्तल थे।

  4. विनीत कुमार

    May 28, 2010 at 4:41 pm

    साई भक्त भी बुरे फंसते हैं,यकीन नहीं होता।..

  5. RAVI

    May 28, 2010 at 2:45 pm

    वायस आफ इंडिया उर्फ वीओआई एक डूबा हुआ टायटिनक है ना जाने कितनो की बददुआए इस को लगी हुई है इस वीओआई का तो जो ना हो वो कम है वायस आफ इंडिया ने ना जाने कितनो का जीवन ही बरबाद कर दिया मित्तल बन्धु और अमित सिन्हा दोनों एक ही थेली के चट्टे बट्टे है

  6. rohit sharma

    May 28, 2010 at 12:08 pm

    ek baar phir VOI ka patan saaf karta hai k salaa VOI naam hi manhoos hai or isme kaam karne waale karamchaari badkismat.main bhi iska 1 badkismat hissa tha.VOI ne to sabka future hi kharab kar diya.i wish k VOI band ho jaae kyon ki logong ki jo galat umeede is ke sath judi hain kam se kam unhe koi or raah to mill jae[i][/i]

  7. कमल शर्मा

    May 28, 2010 at 10:25 am

    अमित सिन्‍हा ने अपने कर्मचारी अशोक उपाध्‍याय के पिछले क्रिसमस पर हुए अचानक निधन पर कहा था कि वे पांच लाख रुपए की सहायता उनकी पत्‍नी को देंगे और जो सेलेरी अशोक जी को मिलती थी वह उनकी पत्‍नी को दी जाएगी। चैनल में काम देने की भी बात कही थी लेकिन इन सिन्‍हा महोदय ने एक भी वादा पूरा नहीं किया। वाही वाही लूटने के लिए केवल कागजी घोषणाएं। इनके स्‍टॉफ को अपनी सेलेरी के लिए इनके आफिस के बाहर ही भूख हड़ताल शुरु करनी चाहिए और ईंट से ईंट बजा देनी चाहिए।

  8. Alok Vani

    May 28, 2010 at 10:07 am

    Yeh to hona hi tha.

  9. alok [email protected]

    May 28, 2010 at 1:16 pm

    voice of india VOI has spoiled career of many hundreds of budding journalists. Since beginning they have been victimised. They never got salaries in time and now most have to compromise with lower paying jobs. Both the owners – the former and the present one – are responsible for the circumstances. Probably, they never had the intentions to pay the promised salaries. It also exposes the attitude of the local press as none has courage to take up the issue to the high level to get justice. atleast the employees – former and present should take up the issue with all seriousness.

  10. Karuna

    July 3, 2010 at 9:14 am

    Sara sab nichod ke Mittal brother hass rahe hai lekin woh shayad yeh nahi jante ke ek saccha insaan aaj maar kha raha hai lekin kal woh jarror uthega kyuki bhagwaan unki sahayata karange. All the beat Amit Sihna. aapki is ladai mein meri shub kamnayaee. Aap jaroor kamyaab honge kyuki maine dekha hai ki app kissi ki madad karne ke liye kiss hadd tak jaa sakte hai.

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