पिछले चालीस घंटे बेहद तनाव भरे रहे. अब भी हैं. आशंकाएं कम नहीं हुई हैं. हैकरों के DOS और DDOS अटैक को झेलना पड़ रहा है भड़ास4मीडिया को. डीओएस यानि डिनायल आफ सर्विस. डीडीओएस माने डिस्ट्रीव्यूटेड डिनायल आफ सर्विस. दुनिया के कई देशों के हैकर एक साथ मिलकर किसी एक साइट के पीछे पड़ जाते हैं और लगातार अलग अलग आईपी से अटैक करते रहते हैं.
इससे साइट के अपने रिसोर्सेज खत्म हो जाते हैं. साइट के रीयल यूजर्स का रिक्वेस्ट सर्वर तक नहीं पहुंच पाता. साइट और सर्वर पर लोड बढ़ता जाता है. आईपीज ब्लाक करने से भी काम नहीं चलता क्योंकि हैकर्स नए नए आईपीज से लगातार अटैक करते रहते हैं. अगर जरूरी साफ्टवेयर, डेडीकेटेड फायरवाल आदि नहीं है तो इस स्थिति में सर्वर को शट डाउन करना विकल्प होता है. भड़ास4मीडिया के साथ यही हुआ. इराक से लेकर ब्रिटेन, अमेरिका कई देशों के अलग-अलग हैकरों ने एक साथ अटैक शुरू किया. अटैक अब भी जारी है. इनकी कोशिश है कि भड़ास4मीडिया डॉट काम न चले. सर्वर डाउन होने की स्थिति में इस साइट को होस्ट करने वाली चंडीगढ़ की कंपनी पगमार्क ने दूसरे सर्वरों पर, दूसरे आईपीज पर जब भड़ास4मीडिया को शिफ्ट किया तो वहां भी उतना ही तेज अटैक शुरू हो गया. डास और डीडास अटैक की शिकार फेसबुक और ट्विटर जैसी साइटें हो चुकी हैं. ट्विटर को भी करीब दस घंटे इस अटैक के चलते बंद रहना पड़ा.
हैकिंग के पिछले 36 घंटों के दौरान मैंने डास और डीडास अटैक के बारे में काफी पढ़ा. फेसबुक और गूगल प्लस के जरिए अपने जानने-चाहने वालों को सूचना देता रहा कि साइट क्यों बंद है. देश भर से करीब आधा दर्जन वेब डेवलपर्स, सर्वर होस्ट करने वाले साथियों के फोन आए. इन सभी ने भड़ास4मीडिया को मदद देने की अपील की. इस सपोर्ट से सचमुच मैं अभिभूत हूं क्योंकि भड़ास4मीडिया की ताकत यही लोग हैं. अब सच में लगने लगा है कि भड़ास4मीडिया के सपोर्टर तकनीकी विशेषज्ञ लोगों की एक टीम होनी चाहिए जो ऐसी नाजुक स्थितियों में भड़ास4मीडिया को संकट से उबारने के लिए स्ट्रेटजी प्लान कर सके. कई लोगों ने कहा कि साइट को नए डोमन नेम पर ले जाते हैं और भड़ास4मीडिया डाट काम को नए डोमेन नेम पर रिडायरेक्ट कर देंगे.
पर फिर सवाल आया कि हैकर्स को जब पता चल जाएगा कि साइट फलां नए डोमेन नेम पर रिडायरेक्ट हो गई है तो वे वहां भी थोक के भाव में पहुंचकर सर्वर जाम कर देंगे. कुछ एक ने जानकारी दी कि दुनिया भर के हैकर्स का एक बड़ा ग्रुप है जो सुपारी लेकर किसी साइट के पीछे पड़ जाता है और फिर पीछे पड़ा ही रहता है. इनसे निपटना बड़ा मुश्किल है. जितने मुंह उतनी बातें. पर हां, मुझे सच में इस बार बेचारगी का एहसास हुआ. बागी पोर्टल चलाने के गहन दुखों को महसूस किया. जब आप एक साथ नेताओं, पत्रकारों, अफसरों… सभी से पंगा ले लेते हैं तो ये समर्थवान लोग आपको निपटाने के लिए किसी लेवल पर चले जाते हैं. और हम, जिसके पास सिवाय अपने जिस्म और दुस्साहस के कुछ नहीं है, क्या कर सकते हैं इनका.
पिछले चालीस घंटों के दौरान मुझे लगता रहा कि मैं शायद मिसफिट आदमी हूं. कुछ नहीं कर सकता. न नौकरी कर सका और न अपना काम कर पा रहा. जब साइट ही भाई लोग हैक कर लेंगे, लगातार पीछे पड़ते रहेंगे, सर्वर पर अप्रत्याशित प्रेसर डालते रहेंगे तो कैसे चला सकेंगे भड़ास. ऐसे में नए विकल्प की तरफ सोचने लगा हूं. नया क्या किया जाए. नया यानि वेब की दुनिया से अलग क्या किया जाए. हालांकि ये पता है कि आप नया जहां जो कुछ भी करेंगे, वहां भी उतनी ही अलग तरह की मुश्किलें मिलेंगी और मुश्किलों से भागने वाला आदमी कभी मुश्किलों से पीछा नहीं छुड़ा पाता.
मैं अपनी बात करूं तो फिलहाल बुरी तरह फ्रस्टेट और डिप्रेस्ड हूं. इस अटैक ने और साइट आफ रहने के दौरान की मनःस्थितियों-घटनाक्रमों ने काफी तोड़ डाला है. किलिंग स्पिरिट रखने वाला मैं बेचारगी और लाचारगी से भरा हुआ हूं. समझ रहा हूं, एक फेज है, जो खत्म हो जाएगा. पर फिलहाल तो जो है सो है ही. नीचे कुछ लिंक दे रहा हूं, डास और डीडास अटैक के बारे में जानने समझने के लिए…
http://en.wikipedia.org/wiki/Denial-of-service_attack
http://www.techpluto.com/ddos-attack-tutorial/
http://www.webopedia.com/TERM/D/DoS_attack.html
http://www.us-cert.gov/cas/tips/ST04-015.html
http://searchsoftwarequality.techtarget.com/definition/denial-of-service
http://www.topwebhosts.org/tools/denial-of-service.php
यशवंत
भड़ास4मीडिया
09999330099
Dr. Vishnu Rajgadia
August 10, 2011 at 6:49 am
congratulations for great survival. I was worried for last two days
dheeraj
August 10, 2011 at 7:02 am
Yashwant ji,
Dont worry. We are with you. Need not be sad.
दयानंद पांडेय
August 10, 2011 at 7:03 am
यह डिप्रेसन-फ़िप्रेसन जैसे शब्द बहादुर आदमी को शोभा नहीं देते। अमीरों और कायरों के चोंचले हैं यह और ऐसे शब्द। मेहनतकश के लिए बस एक ही शब्द है- लडना। और लडते जाना। और अगर दूसरा शब्द है तो वह है जीवन और तीसरा शब्द है जीत ! बस्स !
एक कता है;
ज़िदगी गम ही सही, गाती तो है
दुनिया धोखा ही सही, भाती तो है
क्यों मौत के आगे हाथ जोडूं
नींद थम-थम के सही आती तो है
dheeraj
August 10, 2011 at 7:17 am
Yashwant ji,
Dont worry. We are with you. Need not be sad.
pankaj
August 10, 2011 at 7:43 am
yashwantji ghabraeye nahi sach hi jitega, Bhadas ko kuchh nahi hoga
shravan shukla
August 10, 2011 at 3:36 pm
sab thik ho jaayega sir ji.. chinta na kare…
rkkadian
August 10, 2011 at 3:40 pm
website ke comment pe anti spam technology use karo and 90% attactk khud khatam ho jayega
kp
August 10, 2011 at 3:49 pm
Sangharsh jari rakhiye !
Rajendara Hada
August 10, 2011 at 4:11 pm
Na darne ki jarurat hai na gabhrane ki. Sachchai ki rah me aise halat nai bat nahi.mere jaise kai sathi aapke sath hain.
Prakashkukrety
August 10, 2011 at 4:11 pm
Bahut dukh hoowa par kya kare. Cyber attack ke bare me hamari jankari bhi shunya hai. Baaki Jo aap karoge theek hi hoga. Magar bhadas per cyber attack hoowa hai Aisa kahi bhi padhne ko nahi mila
yagyawalkya
August 10, 2011 at 5:45 pm
Yashvant Ji,
jarurat padi to mail ke sahare bhi bhadas ko jinda rakhenge. apke pichhe ap jaise pagal bahut se log hain, jinke pas kuchh nahin hai magar ek junun to hai.
Shubham
August 10, 2011 at 6:14 pm
यशवंत जी , आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं तो आपके दुश्मन तो होंगे ही । लेकिन किसी हैकर की क्या औकात कि आपको हौसले को तोड़ दे । मैं आपका नियमित पाठक हूं लेकिन कई बार ऐसा लगता है कि आप जिस चाहते हैं , उसे झाड़ पर चढ़ाते रहते हैं । जिनसे आपकी लगती है , उसकी लगाते रहते हैं । ताजा मामला ‘ न्यूज 24 ‘ का है । पिछले साल सुप्रिय प्रसाद के रहते एक बार इस चैनल की टीआरपी 8 फीसदी तक गयी थी , तब तो आपने उनकी तारीफ के फ्लाइओवर बना दिए थे । अब इस चैनल ने तीन सप्ताह से सबको पछाड़ रखा है तो आप कुछ नहीं लिख रहे हैं । ये चैनल 11 की टीआरपी तक गया और अब भी 10 पर है । नंबर चार का चैनल तो है ही बाकी चैनलों में हड़कंप भी मची है । लेकिन आपको यह क्यों दिखेगा । आप तो ठहरे सुप्रिय प्रसाद के करीबी । हो न हो आपको तकलीफ भी हो रही होगी कि अजीत अंजुम के आने के बाद ही इस चैनल की टीआरपी क्यों बढ़ गयी ? आपको मौका मिलता हो किसी की उतारने में कोई कमी नहीं छोड़ते तो दिल बड़ा करके सच तो लीखिए । सुप्रिय प्रसाद तो मुंगेरी लाल बनकर चले गए लेकिन अजीत अंजुम ने काम करके दिखा दिया है । वहां लोग खुश भी हैं और गौरवान्वित भी । अजीत अंजुम ने सुप्रिया प्रसाद के रहते खुलकर काम ही नहीं किया , जैसे आज वो कर रहे हैं । रिजल्ट सबके सामने आ चुका है लेकिन आपको हजम नहीं हो रहा होगा तो कोई क्या कर सकता है । आपका वेबसाईट
सुप्रिय को चढ़ाने में लगा रहा और अजीत अंजुम को आप कैसे चढ़ा सकते हैं । आपकी परेशानी वाजिब है ।
vishal singh chauhaan
August 10, 2011 at 6:41 pm
sir aap bilkul mat darna ye koshishiyen jald hi nakam hongi kyonki aap ne jo kaam kiya hai wo media ka koi maai ka laal nahi kar sakta
Darshan
August 10, 2011 at 7:22 pm
yashwant ji kya baba ramdev pe atack hua to unki kya halat hue hogi,or julian asanj ki site wikileaks pe haar roj best usa hackeroka atack hote rahty hy uther se kuchh prerna lijiye ki site hack naho or iski mentali taiyare rakhni hogi ,ek or chij ho sakti hy ki aap google pe blog banke apna kaam jari rakh sakty hy jo safe hy or stand by option hy & safe
vishal singh chauhaan
August 10, 2011 at 8:00 pm
sir aap bilkul mat darna ye koshishiyen jald hi nakam hongi kyonki aap ne jo kaam kiya hai wo media ka koi maai ka laal nahi kar sakta
rajeev azad
August 11, 2011 at 2:26 am
sir, aappe humlogon ko naj hai. aapne jo kiya wo shayad dusra koie kar paye. muskilen aati-jati rahti hain…humsab aapke sath hain.
बी एस पाबला
August 13, 2011 at 11:00 am
मैं खुद भी ऐसे हमले झेल चु्का हूँ
लेकिन
किसी को कानों कान खबर ना हुई और मैं अपनी 5 साईट्स बचा ले गया
इस चक्कर में अपनी खुद की http://www.bspabla.com की ओर अधिक ध्यान नहीं दे सका और हैकर्स ने पूरी की पूरी वेबसाईट ही खाली कर दी एक तिनका तक ना छोड़ा 🙁
इनसे निपटते अपनी 11 वेबसाईट्स की घोषणा के क्रियान्वयन में भी कुछ पिछड़ गया
शायद ‘वे’ चाहते भी यही थे 😀
हौसला बुलंद रखिए
यह भी तो एक संघर्ष है
ashish k
September 4, 2011 at 5:18 am
sir,
I am too younger to say this but these lines for u ……
“uth baandh kamar kia darta hai
phir dekh Khuda kia kerta hai”
I am also suffering wid these types of threats but we have to struggle. so you should contact to ethical hackers in india to prevent this .