दिनेश जुयाल के इस्तीफे से हिंदुस्तान प्रबंधन में हड़कंप : पुराने लोगों को रोकने की कवायद में जुटा एचआर : हिंदुस्तान, कानपुर के रेजीडेंट एडिटर बने अशोक पांडेय को लखनऊ के वरिष्ठ स्थानीय संपादक नवीन जोशी को ही रिपोर्ट करना होगा, यह बात अब तय हो चुकी है। इसके लिए एचआर ने बाकायदा एक आंतरिक मेल जारी कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक अशोक पांडेय के हिंदुस्तान, लखनऊ में ज्वाइन करने के बाद बैठक लेने और नवीन जोशी की बजाय सीधे शशि शेखर को रिपोर्ट किए जाने संबंधी सूचनाओं-खबरों के भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित होने के बाद हिंदुस्तान में पहले से जमे वरिष्ठों में हलचल मच गई। इस परिघटना की तरफ एचआर के लोगों का ध्यान आकृष्ट किया गया और इस प्रवृत्ति को खतरनाक बताते हुए कई तरह की आशंकाएं जताई गईं।
अभी तक जो व्यवस्था है, उसके मुताबिक यूपी के सभी एडिशनों को नवीन जोशी कोआर्डिनेट करते हैं। सारे रेजीडेंट एडिटर उन्हीं को रिपोर्ट करते हैं। अशोक पांडेय के सीधे शशि शेखर को रिपोर्ट किए जाने की खबर को नवीन जोशी के अधिकारों में कटौती के रूप में लिया गया। सूत्रों के मुताबिक ध्यान दिलाए जाने पर एचआर ने त्वरित एक्शन लेते हुए एक आंतरिक मेल जारी कर सारी स्थिति स्पष्ट कर दी। सूत्रों के मुताबिक मेल में राजेंद्र तिवारी, हरिनारायण सिंह, सुधांशु श्रीवास्तव के नए कार्यभार के उल्लेख के साथ-साथ अशोक पांडेय के बारे में भी कहा गया है कि वे कानपुर के रेजीडेंट एडिटर के रूप में कार्य करेंगे और पहले से चली आ रही व्यवस्था के तहत नवीन जोशी को रिपोर्ट करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस आंतरिक मेल को हिंदुस्तान के भीतर शशि शेखर विरोधी खेमा अपनी तात्कालिक जीत मान रहा है।
सूत्रों का कहना है कि हिंदुस्तान में शशि शेखर के लिए अपनी मनमर्जी बहुत देर तक चला पाना आसान नहीं होगा। यहां एचआर जिस तरह से मजबूत है, एक्टिव है और हर पल की हरकतों पर नजर रख रहा है, उससे समझा जा सकता है कि अब आगे आने वाले दिनों में किसी वरिष्ठ पद पर किसी बाहरी व्यक्ति की नियुक्ति आसान काम न होगा। सूत्रों का कहना है कि हिंदुस्तान, देहरादून के आरई पद से इस्तीफा दे चुके दिनेश जुयाल को हिंदुस्तान में रोकने के लिए एचआर के वरिष्ठों की टीम ने देहरादून में डेरा डाल रखा है। कहा जा रहा है कि दिनेश जुयाल अमर उजाला को जुबान दे चुके हैं इसलिए उन्होंने किसी कीमत पर हिंदुस्तान में न रुक पाने की अपनी मजबूरी बता दी है।
सूत्रों के मुताबिक एचआर के लोगों ने उनसे काफी कुछ जानकारियां ली हैं। खबरों के मुताबिक एचआर के लोग हिंदुस्तान में पहले से कार्यरत वरिष्ठों से लगातार फीडबैक ले रहे हैं और उनकी दिक्कतों व मनःस्थितियों के बारे में अवगत हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शशि शेखर ने जिस तरह तीन चार बड़े पदों पर बाहर के लोगों की नियुक्तियां की, उससे हिंदुस्तान में पहले से जमे-जमाए लोग दहशत में आ गए हैं। इसी का परिणाम है दिनेश जुयाल का हिंदुस्तान देहरादून से इस्तीफा देकर अमर उजाला में जाने की घोषणा करना। कई अन्य वरिष्ठों ने भी दूसरे विकल्पों के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। लेकिन अब एचआर की टीमों ने वरिष्ठों को पूरी तरह आश्वस्त किया है कि उनके अधिकार, पद, गरिमा पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी। खासकर नवीन जोशी को लेकर एचआर के लोग खासे चिंतित हैं। नवीन जोशी ने जिस तरह से उत्तर प्रदेश की यूनिटों को स्थापित किया और सभी में समन्वय का काम सफलतापूर्वक किया, उस कारण हिंदुस्तान प्रबंधन उन्हें किसी हाल में अपने से अलग होने देने का खतरा मोल लेना नहीं चाहता।
एचआर के लोग इस कोशिश में हैं कि शशि शेखर के सम्मान में भी तनिक कमी न होने देते हुए हिंदुस्तान के वरिष्ठ पदों पर बैठे पुराने लोगों को हर तरह से आश्वस्त किया जा सके। सूत्र दावे से कह रहे हैं कि शशि शेखर ने भले ही शुरुआत में एक झटके में तीन-चार लोगों की बड़े पदों पर नियुक्तियां करा ली हों, लेकिन अब बाहर से बड़े पदों पर, खासकर यूपी – उत्तराखंड – बिहार – झारखंड प्रदेशों में, जहां हिंदुस्तान की यूनिटें अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, ला पाना आसान नहीं होगा। एचआर व प्रबंधन के लोगों ने बाहर से लाए जा रहे लोगों के कारण सामूहिक आंतरिक असंतोष को भांप लिया है। इस वजह से अब तय किया गया है कि अगर कहीं कोई पद खाली होता है तो उसे इंटरनल प्रमोशन के जरिए भरा जाए। माना जा रहा है कि दिनेश जुयाल के देहरादून से जाने के बाद यहां स्थानीय संपादक पद पर किसी बाहर के व्यक्ति को नहीं लाया जाएगा। संभव है किसी इस या उस यूनिट के हिंदुस्तानी को ही इस पद पर बिठा दिया जाए। अभी तक हिंदुस्तान, वाराणसी के स्थानीय संपादक रवि पंत और इलाहाबाद के आरई हिमांशु घिल्डियाल के नामों पर विचार चल रहा है।