अगड़म-बगड़म : मंदी की मार से ‘भरोसा भारत परिवार’ भी अब अछूता नहीं है। हालांकि इसके चेयरमैन ‘नवव्रत राम भरोसा’ ने अपने ‘ध्यानयोगियों’ को यह भरोसा दिलाया था कि उनके यहां कोई भी छंटनी नहीं की जाएगी लेकिन आंतरिक सूत्र बताते हैं कि तकरीबन ढाई सौ लोगों की सूची तैयार कर ली गई है। इऩ लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इतना ही नहीं, टीआरपी की रेस में टंगड़ी खाकर काफी नीचे लुढ़के पड़े इसके राष्ट्रीय चैनल ‘हमारा वक्त’ में नया झगड़ा शुरू हो गया है। शायद यह ‘वक्त’ चैनल के लिए सबसे बुरा ‘वक्त’ है। दरअसल एक दो शुक्रवार पहले इस चैनल के हेड ‘धनंजय टांगड़ा’ ने अपने राष्ट्रीय ब्यूरो के संवाददाताओं की आपातकालीन बैठक ली।
इसमें कुछ संवाददाता नदारद रहे लेकिन बैठक में बवाल तब शुरू हुआ जब धनंजय टांगड़ा ने एक महिला पत्रकार ‘ध्यानिका आभूषण’ को डिप्टी ब्यूरो चीफ बनाए जाने की बात कही। इस पर ब्यूरो चीफ ‘रंजीव रोनेदो’ ने सख्त एतराज जताया। टांगड़ा और रोनेदो में नोंकझोंक इस कदर बढ़ गई कि रोनेदो ने तुरंत नेशनल ब्यूरो चीफ के पद से इस्तीफा आलाकमान को मेल कर दिया। अब सवाल उठाया जा रहा है कि टीआरपी की दौड़ में अपना अस्तित्व खो चुका ‘वक्त’ इस तरह के फैसले ‘बेवक्त’ क्यों लेता है, शायद इसीलिए कि विनाश काले विपरीत बुद्धि!
लेखक झक्की दारूवाला मीडिया की आफ द रिकार्ड खबरों के ज्ञाता और भड़ास4मीडिया के व्याख्याता हैं। वे अक्सर दारू में टुन्न रहते हैं और खुद से भी सुन्न रहते हैं, लेकिन सब बूझते हैं। आप इन तक अपने संस्थान की अकथ कहानी अगड़म-बगड़म कालम में प्रकाशित होने के लिए भेजना चाहते हैं तो [email protected] पर मेल करें और सब्जेक्ट लाइन में ”अगड़म-बगड़म” या ”agdam-bagdam” जरूर लिखें ताकि झक्की भाई साहब को दिक्कत न हो।