केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने कामकाज खासतौर पर कार्यक्रमों के चयन के लिए बनाई गई मूल्यांकन समितियों के मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित करे। मंत्रालय की दूसरी सलाहकार समिति की बैठक में उन्होंने कहा कि मंत्रालय प्रसार भारती को बेशक अनुदान देता है, लेकिन इसे प्रसार भारती के कार्यक्रमों और कार्यप्रणाली में किसी प्रकार का हस्तक्षेप या प्रभाव नहीं माना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में सूचना, शिक्षा और बड़ी संख्या में लोगों को मनोरंजन पहुंचाने की जिम्मेदारी सार्वजनिक प्रसारणकर्ता की होती है, इसलिए प्रसार भारती की सुचारू और सक्षम कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करना जरूरी बन जाता है। उन्होंने कहा कि प्रसार भारती के सामने आए कुछ मुद्दों को मंत्री समूह के सामने रखा जाएगा। बैठक में राष्ट्रमंडल खेलों के बेहतर प्रसारण के मुद्दे पर चर्चा हुई। कई सदस्यों कि राय थी कि इतने बड़े आयोजन के टीवी प्रसारण के दौरान बेहतर समन्वय जरूरी है। सलाहकार समिति के सदस्यों ने प्रसार भारती के कर्मचारियों के वेतनमान का मुद्दा भी उठाया। एक सदस्य ने कहा कि देश भर में उर्दू चैनल का प्रसारण ठीक ढंग से नहीं हो रहा है। ज्यादातर केबल आपरेटर इसे नहीं दिखा रहे हैं। साभार : नईदुनिया