सहारा में बहुत कुछ बदल रहा है

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‘हस्तक्षेप’ मंगल की बजाय शनिवार को मिलेगा : टैबलायड परिशिष्ट अब ब्राडशीट शेप में आएंगे : कुछ बंद परिशिष्ट फिर शुरू होंगे : बीबीसी हिंदी से पाणिनी आनंद इस्तीफा देकर सहारा आएंगे : सहारा मीडिया की प्रिंट व टीवी की वेबसाइटों का विलय होगा : संजीव श्रीवास्तव ने बैठने का स्थान बदला : सहारा मीडिया में नए संपादकीय नेतृत्व के आने से बह रही बदलाव की बयार धीरे-धीरे तेज हो रही है.

सहारा मीडिया से कई तरह की खबरें आ रही हैं. शुरुआत करते हैं प्रिंट से. एक अप्रैल से राष्ट्रीय सहारा अखबार के साथ आने वाले परिशिष्टों में कुछ बदलाव किया जा रहा है. ‘हस्तक्षेप’ जो अभी तक प्रत्येक मंगलवार को आता था, अब शनिवार को आया करेगा. शुक्रवार को पहले ‘मूवी मसाला’ नामक परिशिष्ट आता था लेकिन काफी दिनों से यह बंद है. अब इसे फिर जिंदा किया जा रहा है. ‘मूवी मसाला’ प्रत्येक शुक्रवार को पाठकों के घर में अवतरित होगा. अभी तक शुक्रवार को बच्चों के लिए ‘जेन एक्स’ आता था, आगे से यह बृहस्पतिवार के दिन आया करेगा. बच्चों के लिए ‘जेन एक्स’ और महिलाओं के लिए ‘आधी दुनिया’ परिशिष्ट अभी तक टैबलायड फार्म में आते थे. इन्हें अब ब्राडशीट स्वरूप दिया जाएगा. हस्तक्षेप, मंथन और संपादकीय पेज का जिम्मा डा. दिलीप चौबे के पास रहेगा तो बाकी सभी फीचर पेजों संडे उमंग, मूवी मसाला, जेन एक्स, आधी दुनिया की इंचार्ज मनीषा रहेंगी.

एक अन्य जानकारी के अनुसार बीबीसी हिंदी में कार्यरत पाणिनी आनंद ने इस्तीफा का नोटिस दे दिया है. वे संभवतः अप्रैल मध्य तक बीबीसी हिंदी से रिलीव हो जाएंगे. उनके बारे में चर्चा है कि वे सहारा मीडिया के साथ नई पारी शुरू करेंगे.

सहारा मीडिया से मिली एक अन्य जानकारी के अनुसार इस समूह के जितने भी मीडिया पोर्टल हैं, उन्हें अब एक करने की तैयारी चल रही है. अभी प्रिंट और टीवी वालों की वेबसाइटें अलग-अलग हैं. नया फैसला यह लिया गया है कि एक ही डोमेन नेम पर सभी वेबसाइट ले आई जाएं और सभी कंटेंट एक ही पोर्टल पर डाला जाए ताकि वेब के मोर्चे पर सहारा मीडिया की वेबसाइट बाकी मीडिया हाउसों की वेबसाइट से टक्कर लेने लायक हो जाए.

उधर, सहारा मीडिया के सीईओ संजीव श्रीवास्तव ने आफिस में अपने बैठने के स्थान को बदल लिया है. न्यूज चैनल की टीम से इंटरेक्शन बढ़ाने के लिहाज से संजीव श्रीवास्तव एसाइनमेंट डेस्क के सामने बने चेंबर में बैठने लगे हैं. सूत्रों का कहना है कि संजीव श्रीवास्तव व उपेंद्र राय के आने के बाद से सहारा के न्यूज चैनलों में खबर की जगह धंधा लाने पर जोर देने वाले वरिष्ठों को साइड लाइन कर काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इससे संपादकीय टीम के ज्यादातर लोगों का मनोबल ऊंचा है. संजीव श्रीवास्तव व उपेंद्र राय द्वारा अखबार व न्यूज चैनल की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में रुचि लेने व सार्थक हस्तक्षेप करने से भी पूरी टीम बेस्ट देने के मूड में आ गई है. संस्थान को प्रोफेशनल व परफार्मर बनाने के लिए भविष्य में भी कई बदलावों की तैयारी है. देखना है यह टेंपो कितने दिन बना रहता है.

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Comments on “सहारा में बहुत कुछ बदल रहा है

  • Suraj Singh "CHIRAAG" says:

    सहारा में आये दिन तरह तरह के बदलाव का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। लोगों ने अब चैनल देखना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि संजय जी के कार्रक्रम प्राइम 9 को पुरूस्कार मिला है। बदलाव की यह स्थिति कब तक रहेगी यह देखना बाकी है। मेरे हिसाब एक बदलाव की और जरूरत है वो है स्टाफ बढ़ाने की क्योकि स्टाफ बढ़ाने से और बेहतर काम लिया जा सकता है। लेकिन इस प्रक्रिया में सही लोगों को ही काम मिलना चाहिए।
    सूरज सिंह।

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  • N Decosta says:

    सहारा में बहुत कुछ बदल रहा है,बस नहीं बदल रहा है तो सेलरी स्ट्रकचर

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  • UPENDRA NATH RAI says:

    Sanjiv ji & Upendra ji,
    SAHARA KO PUNAH PURANE RAFTAR ME LANE KI KOSHISH KE LIYE BAHUT-BAHUT BADHAI. UMMID HAI KI YAH PATRAKARITA KO KAMAI KA JARIA KAM MISHAN JYADA BANAKAR CHALEGA.
    UPENDRA NATH RAI
    ALLAHABAD

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  • koi bat nahi kamal ji app sahara me nahi hai to kya hua lekin mughe lagta hai ki app kahi bhi rahege to bhi apki chabhi (karya ke prati samarpit)ko nahi bhulaya ja sakta hamri shubkamni apki sath hai

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  • MANISH SRIVASTAVA says:

    GOOD EVENING SIR. AAPKA PRYAAS SAFAL HO. HUM YAHI CHAHTE HAI. MANISH SRIVASTAVA. TUNDLA (FIROZABAD) U.P.

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  • kumarsingh says:

    मैं आप सब लोगों को सूचित करना चाहूंगा की सुना हैं, माननीय संजीव श्रीवास्त उसी कैबिन में बैठते हैं….जिसमें कभी श्री प्रभात डबराल जी बैठा करते थे। जिन्होंने हर स्तर पर सहारा को वह देने की कोशिश की,जिससे यह अपने चमक कायम कर सके…लेकिन ऐसा हो न सका…और इस कैबिन के बाद वह सीधे बहार ही नज़र आए…अब संजीव जी भी उसी कैबिन में….कुमार सिहं

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  • khabri lal says:

    Ye theek hai Sahara me badal raha hai, pahale Pahari aur bihari ki ladai thi ab naye bihari aur purane bihariyo ki larai hai, kyo pahari group to pahale nesanabood hogaya hai, jo bache wo purane bihari group me mil gaye.

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