: कोई बोतल, चांदी का प्याला तो कोई रकम ले भागा : औकात देख कर बांटा गया तोहफों का डग्गा : सहारा शहर से निकली गाडि़यों की प्रतीक्षा करते कटी रात : मीडिया-मैनेज के लिए अखबार-चैनलों के दफ्तरों के चक्कर : बड़े घरानों के घरेलू झगड़ों में बड़ों का फायदा-नुकसान भले ही कितना होता हो, लेकिन इस झगड़ों में उन सियारों की पौ-बारह हो जाती है जो मौका ताड़े रहते हैं और छुपकर लपक लेते हैं अपना हिस्सा।