गुजरात के मीडिया जगत से सूचना है कि एक राष्ट्रीय चैनल के स्ट्रिंगर पर अपहरण का मामला दर्ज हुआ हैं. मामला गुजरात के सूरत शहर का है. यहाँ पिछले कई साल से सहारा समय में बतौर स्ट्रिंगर कम करनेवाले क्रितेश पटेल पर शहर के महीधरपूरा पुलिस थाने में अपहरण और छिनैती का मामला दर्ज किया गया हैं. बताया जाता है कि क्रितेश पटेल सहारा समय के साथ-साथ सूरत के एक लोकल चैनल मित्र चैनल में भी बतौर क्राईम रिपोर्टर काम करते हैं.
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मीडिया मैनेजमेंट : पत्रकारों का मुंह मीठा कराने में जुटे सहारा वाले
: कांग्रेसी नेता की बेटी ने भेजा आमों की टोकरी : सहारा वाले भी खूब पहुंचे फकीर हैं। पिछले दिनों विनीत मित्तल कांड से लेकर सेबी के फैसले तक में मीडिया की खबरों से तिलमिलाए सहारा समूह ने अब पत्रकारों के घरों तक पैठ बनाने की कवायद शुरू कर दी है। अपनी रही-सही शर्मोहया को सहारा की अलगनी और खूंटी पर टांग चुके सहारा समूह अब तोहफों की बौछार पत्रकारों के किचन तक करने पर आमादा है। इसके लिए कांग्रेस के एक दिग्गज नेता के घर से शुरूआत की गयी है।
शशि पाण्डेय की नई पारी, श्वेता का इस्तीफा
सहारा समय के पूर्व ब्रांड हेड बीएम द्विवेदी ने आत्महत्या की
सहारा समय मध्यप्रदेश के पूर्व ब्रांड हेड बृजमोहन द्विवेदी उर्फ बीएम द्विवेदी ने इंदौर के सुखलिया इलाक़े में स्थित अपने प्राइम सिटी निवास में आत्महत्या कर ली. उनका शव उनके घर के किचेन में पत्नी की साड़ी से लटकता मिला. उनके हाथों का नस भी कटा हुआ था. बीएम के आत्महत्या की जानकारी उस समय हुई जब उनके सहयोगी तन्मय मोबाइल रिसीव न होने पर उनके घर पहुंचे. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
ललित ने बंसल न्यूज तथा रजत ने हिंदुस्तान ज्वाइन किया
सहारा समय, इंदौर से ललित शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. वे सीनियर कैमरामैन थे. उन्होंने अपनी नई पारी बंसल न्यूज के साथ शुरू की हैं. उन्होंने टेक्निकल इंचार्ज के पद पर ज्वाइन किया है. वे पिछले काफी समय से सहारा समय के साथ जुड़े हुए थे तथा कई शहरों में काम कर चुके हैं.
वसूली के आरोप में सहारा समय के छिंदवाड़ा रिपोर्टर की छुट्टी
सहारा समय, छिंदवाड़ा के रिपोर्टर आशीष ठाकुर को काम करने से रोक दिया गया है. उनके ऊपर एमपी-महाराष्ट्र बार्डर पर स्थित परिवहन एवं सेलटैक्स विभाग से वसूली करने का आरोप था. उनकी जगह पवन शर्मा को रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि खबर है कि चैनल हेड ने उनकी छुट्टी कर दी है.
सहारा ने तहसीन और भंवर का हरियाणा भेजा
सहारा ने हरियाणा में अपनी टीम को मजबूती देने के लिए दो लोगों का तबादला राजस्थान से किया है. सहारा के लिए जयपुर में रिपोर्टिंग का काम देख रहे भंवर पुष्पेंद्र और हाल ही में जयपुर हेड के तौर पर काम संभालने वाले तहसीन जैदी को हरियाणा सहारा भेज दिया गया है. संभवत: अगले दो-तीन …
54 देशों में एक साथ प्रसारित होगा आलमी सहारा
: आज होगी चैनल की लांचिंग : राष्ट्रीय सहारा ने अपने पहले पन्ने पर विज्ञापन प्रकाशित किया है. जिसमें लिखा है – दुनिया भर के 54 देशों में एक साथ प्रसारित होने वाला पहला उर्दू न्यूज चैनल 24 घंटे रहें ताजा खबरों के साथ आज शाम 7 बजे. जिसमें बताया गया है कि अब सहारा ग्रुप का उर्दू चैनल आलमी सहारा भारत और उसके पड़ोसी देशों के अलावा एशिया महाद्वीप के बाहर के कई देशों में भी एक साथ प्रसारित किया जाएगा.
सहारा समय में कई इधर से उधर
सहारा समय में व्यापक पैमाने पर फेरबदल किया गया है. आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को इधर से उधर कर दिया गया है. यूपी ब्यूरोचीफ योगेश दुबे लखनऊ से नोएडा हेड ऑफिस बुला लिया गया है. उनकी जगह अभी किसी का नाम यूपी ब्यूरोचीफ के लिए फाइनल नहीं किया गया है. सीनियर रिपोर्टर रजत सिन्हा को लखनऊ से कानपुर भेजा जा रहा है.
स्टार न्यूज से सहारा समय पहुंचे अखिलेश
स्टार न्यूज़, मुंबई के सीनियर रिपोर्टर अखिलेश तिवारी ने स्टार न्यूज़ से इस्तीफा दे दिया है. वे नई पारी सहारा समय राष्ट्रीय के साथ शुरू कर रहे हैं. उन्हें सहारा समय में प्रिंसिपल करस्पांडेंट बनाया गया है. अखिलेश स्टार के लिए क्राइम बीट कवर करते थे. वे पिछले साढ़े तीन साल से स्टार न्यूज़ के साथ थे.
विस्फोट में सहारा समय के दो पत्रकार और कैमरामैन घायल
: गया के शेरघाटी में कैन बम से हुआ हादसा : गया में एक बम विस्फोट में सहारा समय न्यूज चैनल के दो पत्रकार एवं एक कैमरामैन घायल हो गए. इस घटना में पुलिस के दो जवान भी शहीद हो गए. घायल कैमरामैन की हालत गंभीर बनी हुई है. तीनों का इलाज निजी चिकित्सालय में कराया जा रहा है.
सहारा के पत्रकार के साथ लूटपाट की कोशिश
सहारा में फिर होगी छंटनी?
टीवी व इंटरनेट के 11 लोग प्रिंट में भेजे गए : सहारा मीडिया में फिर से छंटनी की तैयारी शुरू हो गई है. इसके तहत सहारा के नोएडा स्थित आफिस में टीवी और इंटरनेट सेक्शन में कार्यरत करीब 11 लोगों को प्रिंट सेक्शन में भेज दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन ने सहारा मीडिया के टीवी, प्रिंट व इंटरनेट सेक्शन में करीब तीन सौ से ज्यादा लोगों को ‘फालतू’ कैटगरी के तहत शिनाख्त की है.
सहारा में बहुत कुछ बदल रहा है
‘हस्तक्षेप’ मंगल की बजाय शनिवार को मिलेगा : टैबलायड परिशिष्ट अब ब्राडशीट शेप में आएंगे : कुछ बंद परिशिष्ट फिर शुरू होंगे : बीबीसी हिंदी से पाणिनी आनंद इस्तीफा देकर सहारा आएंगे : सहारा मीडिया की प्रिंट व टीवी की वेबसाइटों का विलय होगा : संजीव श्रीवास्तव ने बैठने का स्थान बदला : सहारा मीडिया में नए संपादकीय नेतृत्व के आने से बह रही बदलाव की बयार धीरे-धीरे तेज हो रही है.
सहारा समय : इंतजाम अली, चैनल हेड, लड़की-दारू सप्लायर!
प्रिय यशवंत जी, सहारा समय के स्ट्रिंगर का दर्द पढ़कर कुछ आश्चर्य नहीं हुआ. सहारा समय में हमेशा से काम करने वालों की दुर्गत हुई है और चमचों ने मलाई काटी है. सहारा में किसी भी खुद्दार व्यक्ति का काम करना असंभव है. अगर आप दारू और लड़की अपने बॉस को सप्लाई कर सकते हैं तो आप निश्चिंत होकर हर महीने अपनी सेलरी बिना कुछ किए पा सकते हैं और इनक्रीमेंट तथा प्रमोशन भी समय से पूर्व पा सकते हैं.
सहारा समय : बॉस की सेवा और मंगल मेवा!
[caption id="attachment_15912" align="alignleft"]रवींद्र पंचोली[/caption]भड़ास4मीडिया के माध्यम से मैं संजीव श्रीवास्तव और उपेंद्र राय को सहारा समूह ज्वाइन करने को किए गए उनके साहस के लिए बधाई देना चाहूंगा. साथ ही शुभकामनाएं भी. सहारा समय के मालिक लोग तो लखनऊ में रहते हैं पर सारी व्यवस्थाएं नोएडा से संचालित होती हैं. मालिक लोगों ने नोएडा में जिनके हाथों में कमान सौंपी, उन लोगों ने सहारा समय के अच्छे लोगों को अपने निजी हितों के चलते काम नहीं करने दिया गया. इससे चाटुकरों की वहां सदा पौ बारह रही. ऐसे चाटुकार सहारा समय के हर विभाग में मौजूद हैं.
‘हे सहाराश्री, अब मैं बेरोजगार और असुरक्षित, दोनों हूं’
श्रीमान सहाराश्री सुब्रत राय सहारा जी, सादर प्रणाम, क्या कोई ऐसा परिवार होता है जो अपने ही परिवार के किसी सदस्य को मुश्किल वक्त में अकेला छोड़ देता है? पर अपने सहारा परिवार में ऐसा हो रहा है। जब तक मैं चैनल को टीआरपी दिलाता रहा, सबका दुलारा रहा लेकिन चैनल के लिए खबर करते-करते जब कुछ लोगों ने मुझे अपना दुश्मन मानकर मेरे से भिड़ गए तो चैनल ने ही मुझे दुत्कार दिया। मैं राजेश स्थापक हूं। सहारा समय (मध्य प्रदेश/छत्तीसगढ़) में काम करता रहा हूं। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि अब मुझे महसूस होता है कि सहारा समय न्यूज चैनल सिर्फ लोगों को अपना काम निकालने के लिए जोड़ता है और काम निकलते ही अकेला छोड़ देता है। मैं सहारा परिवार का अभिन्न हिस्सा रहा हूं लेकिन मेरे पर जब मुसीबत आई तो इस परिवार ने मेरा साथ छोड़ दिया। मुझे दरकिनार कर दिया। ऐसा हम मानते थे कि सहारा समय वाले अपने रिपोर्टर का पूरा साथ देते हैं पर यह मेरे मामले में मिथ्या साबित हुआ है।